
एक बार फिर से एक बड़ा डेटा लीक की खबर आ रही है. इस डेटा लीक में Facebook, LinkedIn और Twitter के प्रोफाइल शामिल हैं. साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर Vinny Troia ने इसका खुसाला किया है. इन्होंने कहा है कि ये डेटा जिस सर्वर पर रखा था वो सिक्योर नहीं था.
दावा किया जा रहा है कि टोटल 4TB का पर्सनल डेटा है. इसमें 1.2 बिलियन पर्सनल डीटेल्स हैं. हालांकि एक राहत की बात ये है कि इस डेटा में संवेदनशील जानकारियां - जैसे की पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड नंबर्स नहीं हैं. लेकिन यहां प्रोफाइल की डेटेल्स और फोन नंबर शामिल हैं जिसका इस्तेमाल हैकिंग के लिए किया जा सकता है.
रिपोर्ट के मुताबिक इसमें करोड़ों यूजर्स के प्रोफाइल हैं जिनमें नाम, फोन नंबर और इनसे जुड़े सोशल मीडिया प्रोफाइल शामिल हैं. इन सोशल मीडिया प्रोफाइल में फेसबुक, ट्विटर और लिंक्ड इन सेलकर GitHub तक शामलि हैं.
पासवर्ड और संवेदनशील डीटेल्स न होने के बावजूद ये डेटा लीक एक आम यूजर के लिए खतरे की घंटी है. क्योंकि हैकर्स यूजर्स को टारगेट करने के लिए जो बेसिक जानकारी इक्ठ्ठी करते हैं इसमें ये अहम रोल अदा कर सकता है.
Vinny Troia के मुताबिक इस डेटा में लगभग 50 मिलियन फोन नंबर्स और 662 मिलियन युनीक ईमेल ऐड्रेस शामिल हैं. Vinny Troia नाम के इस साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर ने कहा है, 'किसी के पास सबकुछ इतनी आसानी से उपलब्ध है, ये बहुत खराब है. मैने ऐसा पहली बार देखा है कि एक सिंगल डेटाबेस में इतने ज्यादा मात्रा में डेटा रखा गया है. अगर अटैकर की नजर से देखें तो ये यूजर्स के अकाउंट को हाइजैक करने के लिए है, क्योंकि इसमें नाम, फोन नंबर और इनसे जुड़े URL शामिल हैं.'
हालांकि ये साफ नहीं है कि ये डेटा यहां रखा किसने, लेकिन रिपोर्ट में कहा गया है कि जब सर्वर की IP ट्रेस की गई तो ये गूगल क्लाउड सर्विस का निकला. इतना ही नहीं Troia ने ये भी कहा है कि उन्हें इस बात की भी कोई जानकारी नहीं है कि इस डेटा को कब और कितने लोगों ने डाउनलोड किया है.
आपको क्या होगा असर?
फिलहाल तो ये साफ नहीं है कि 1.2 अरब यूजर्स में भारत के कितने यूजर्स हैं. लेकिन पूरी उम्मीद है कि इस डेटा लीक में भारत के यूजर्स भी प्रभावित हुए होंगे. इसका असर आपको अचानक नहीं दिखेगा. क्योंकि इस डेटा को फिल्टर करके हैकर्स अपने फायदे के लिए यूजर्स को टारगेट करना शुरू करेंगे. डेटा रिसर्चर का कहना है कि वो ये पता नहीं लगा सकते हैं कि इस डेटा को कितने लोगों ने डाउनलोड किया है, इसलिए यह कह पाना मुश्किल है कि ये डेटा किसी गलत हाथ में गया होगा.
Troia को जो डेटा मिला है उसे अलग अलग लेबल के साथ सर्वर पर स्टोर किया गया था. Troia द्वारा ढूढा गया ये सर्वर सैन फ्रैंसिस्को की कंपनी पीपल डेटा लैब्स का है. इस कंपनी के को फाउंडर का कहना हैकि कंपनी के पास वो सर्वर नहीं है जहां से डेटा लीक हुआ. यानी इसे कोई यूज कर रहा था.ये डेटा चार अलग अलग सर्वर का है जिसे एक जगह मिला कर रखा गया था. Wired की एक रिपोर्ट के मुताबिक पीपल डेटा लीक के को फाउंडर Sean Thorne ने कहा है कि इस सर्वर का ओनर ने हमारे प्रॉडक्ट्स में से एक को यूज किया है जो एनरिचमेंट प्रोडक्ट है. इसके अलावा अलग अलग एनरिचमेंट और लाइसेंसिंग सर्विस भी यूज किया गया है.