Advertisement

90 फीसदी से ज्यादा ग्राहक ऑनलाइन बैकिंग पर नहीं करते भरोसा: रिपोर्ट

सरकार जहां एक तरफ लोगों को ऑनलाइन की तरफ धकेल रही है, वहीं बात जब बैंकिंग की आती है तो बैंक ब्रांच का महत्व अभी भी देश में बना हुआ है. एक नए स्टडी से सोमवार को ये जानकारी मिली की 94 फीसदी से ज्यादा रिटेल ग्राहकों ने पिछले 12 महीनों में कम से कम एक बार अपने बैंक के ब्रांच का दौरा जरूर किया है.

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
साकेत सिंह बघेल/IANS
  • नई दिल्ली,
  • 03 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 5:10 PM IST

सरकार जहां एक तरफ लोगों को ऑनलाइन की तरफ धकेल रही है, वहीं बात जब बैंकिंग की आती है तो बैंक ब्रांच का महत्व अभी भी देश में बना हुआ है. एक नए स्टडी से सोमवार को ये जानकारी मिली की 94 फीसदी से ज्यादा रिटेल ग्राहकों ने पिछले 12 महीनों में कम से कम एक बार अपने बैंक के ब्रांच का दौरा जरूर किया है.

Advertisement

2017 ऑरेकल जे. डी. पॉवर इंडिया 'रिटेल बैंकिंग स्टडी' के मुताबिक, नोटबंदी द्वारा प्रदान प्रोत्साहन के बावजूद डिजिटल बैंकिंग अभी तक भारत में व्यापक अनुभव नहीं बना है.

अमेरिका की ग्लोबल मार्केटिंग सर्विस कंपनी जे.डी. पॉवर के वरिष्ठ निदेशक गॉडर्न शील्ड्स का कहना है, 'ज्यादातर बैंकिंग रिश्ते अभी भी ब्रांचो से ही शुरू होते हैं और वहीं से जारी रहते हैं. हालांकि बैंकों में डिजिटल क्षेत्र में जाने की अभी और अधिक क्षमता है. केवल 51 फीसदी रिटेल बैंकिंग ग्राहकों का अपने मुख्य वित्तीय संस्थान के साथ एक विश्वसनीय ऑनलाइन अनुभव है.'

शील्ड्स ने आगे कहा, 'वास्तव में भारत में बैंकों को लेकर ओवरऑल कस्टमर सैटिफैक्शन महज 772 अंक है, जबकि चीन में 806, अमेरिका में 793 और ऑस्ट्रेलिया में 748 है.'

इंडस्ट्री इनोवेशन एडवाइजर फायनेंशियल सर्विसेज कंपनी Oracle के एपीएसी लीडर किरण कुमार केशवारापु का कहना है, 'हमारा मानना है कि यह मुद्दा ग्राहक आदान-प्रदान मॉडल का है. भारतीय बैकों के ग्राहकों को ऑनलाइन लेनदेन करते समय सुरक्षा संबंधी चिंताएं होती हैं, जिसे आसानी से दूर किया जा सकता है.'

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement