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Canon PowerShot SX740 HS रिव्यू: पॉकेट में रखें सुपरजूम

हम आपको यहां कैनन के लेटेस्ट पॉइंट एंड शूट कैमरे का रिव्यू बता रहे हैं. जानें कैसा है ये कैमरा.

Canon PowerShot SX740 HS Canon PowerShot SX740 HS
साकेत सिंह बघेल
  • नई दिल्ली,
  • 16 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 2:50 PM IST

आजकल पॉइंट एंड शूट कैमरे की जगह स्मार्टफोन्स ने ले ली है. जहां एक तरफ स्मार्टफोन्स के कैमरे तीन-चार होते जा रहे हैं तो दूसरी तरफ उनमें DSLR बनने की होड़ भी लगी है. स्मार्टफोन्स के कैमरे में ब्लर्ड बैकग्राउंड से लेकर लो-लाइट फोटोग्राफी तक सारी सुविधाएं दी जा रही हैं. हालांकि ये कितनी कामयाब ये एक अलग विषय है. इस बीच जब लोग स्मार्टफोन्स में बेहतर कैमरा ढूंढ रहे हैं या सीधे DSLR लेने की सोच रहे हैं तब कॉम्पैक्ट कैमरे भी अपडेट होते जा रहे हैं.

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एक फीचर ऐसा भी है जिसमें अभी स्मार्टफोन्स के कैमरे बहुत पीछे हैं वो है बेहतर ऑप्टिकल जूम का फीचर. ऐसे ही एक कॉम्पैक्ट कैमरे पावरशॉट SX740 HS को कैनन ने हाल ही में उतारा था. हमने इसका उपयोग किया है और अब इसका रिव्यू आप तक पहुंचा रहे हैं. इस कैमरे की कीमत कंपनी ने 27,995 रखा है. इसने कैनन के पोर्टफोलियो में पिछले साल रिलीज किए PowerShot SX730 HS को रिप्लेस किया है.

डिजाइन, स्पेसिफिकेशन्स और फीचर्स:

सबसे पहले बता दें ये एक ट्रैवल कैमरा है. इसकी सबसे बड़ी खूबी इसका 40X ऑप्टिकल जूम है. आपको यहां इतनी ऑप्टिकल जूम के अलावा कैनन का जूमप्लस फीचर भी मिलेगा जो आपको 80x डिजिटल जूम देगा. हालांकि इसमें आपको इमेज क्वालिटी से समझौता करना पड़ेगा. SX740 HS में 40x ऑप्टिक जूम (24-960mm के बराबर) के अलावा 20.3MP 1/2.3-टाइप (6.17 x 4.55 mm) बैक-इल्यूमिनेटेड CMOS सेंसर दिया गया है.

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इन स्पेसिफिकेशन्स के अवावा जो फीचर इस कैमरे को और भी खास बनाता है वो है 4K अल्ट्रा HD वीडियो शूट करने का फीचर. यहां आपको 4K टाइमलैप्स मोड भी मौजूद है. साथ ही इसमें फाइव-एक्सिस इमेज स्टेबिलाइजेशन और कैनन का लेटेस्ट Digic 8 प्रोसेसर भी मिलेगा जो आपको फास्ट ऑटोफोकस जैसे काम में मदद करेगा. इसकी ISO सेंसिटिविटी रेंज 80 से 3200 है. हालांकि ऑटो मोड में आपको केवल ISO 1600 में ही संतोष करना पड़ेगा.

डिजाइन की बात करें तो चूंकि ये एक कॉम्पैक्ट कैमरा तो इसे होल्ड करना और साथ में रखना काफी आसान है. इसलिए ये स्ट्रीट फोटोग्राफी के लिए बेहतरीन ऑप्शन है, जहां आपको टेलीफोटो की सुविधा भी मिलेगी. यहां स्मार्टफोन से शेयरिंग के लिए Wi-Fi और ब्लूटूथ का भी ऑप्शन है. कनेक्टिविटी के लिए HDMI और माइक्रो USB पोर्ट मौजूद है. ऐसे में आप इसे किसी टाइप-B चार्जर से स्मार्टफोन की ही तरह आसानी से चार्ज कर सकते हैं.

इसका ओवरऑल लुक सिंपल रखा गया है, जहां आपको ढेरों शूटिंग मोड मिलेंगे. हालांकि आप अपनी इच्छा से फोटोग्राफी करने के लिए मैनुअल मोड को ही ज्यादा महत्व दे सकते हैं. एक परेशानी ये है कि इसमें आपको RAW में फोटोज क्लिक करने का ऑप्शन नहीं मिलेगा. वीडियो के लिए यहां अलग बटन दिया गया है. इसी तरह Wi-Fi ऑन करने के लिए भी बटन को अलग से जगह दी गई है.

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इसके बैक में 3.0-इंच की स्क्रीन दी गई है जिसे 180 डिग्री तक घुमाया जा सकता है. यानी इसका फायदा आप सेल्फी लेने के लिए कर सकते हैं और इससे आप पूरी तरह जूम आउट होने के बाद एक अच्छी वाइड सेल्फी ले भी पाएंगे. हालांकि स्क्रीन की एक बुराई ये है कि ये टच स्क्रीन नहीं है. जोकि 2018 के लिहाज से थोड़ी बुरी बात हो सकती है, लेकिन इसका दूसरा पक्ष ये है कि अगर टच स्क्रीन होता तो इसकी कीमत भी बढ़ जाती.   

परफॉर्मेंस और इमेज क्वालिटी:

इसकी परफॉर्मेंस की बात करें तो ये काफी क्विक है. जल्द से सबजेक्ट डिटेक्ट कर लेता है और ऑटोफोकस कर लेता है. लेकिन ये बात लागू होगी वाइड एंगल शॉट लेते समय वो भी दिन में. यानी जब आप पूरी तरह जूम आउट होकर फोटोज क्लिक करेंगे तब आपको फोकस लॉक करने में आसानी होगी. Digic 8 प्रोसेसर की वजह से ये बर्स्ट शॉट या कंटीन्यूअस शॉट बहुत शानदार परफॉर्म करता है. साथ ही वीडियो की परफॉर्मेंस भी बहुत शानदार है. वीडियोज में आपको ऑटोफोकस काफी फास्ट मिलेगी.  

लेकिन जैसे ही आप मैक्जिमम जूम पर जाएंगे आपको ऑटोफोकस में समस्या आने लगेगी. सबसे खराब बात यहां ये है कि ऐसे समय में आप किसी एक फोकस को सेलेक्ट भी नहीं कर सकते. आपको फेस एंड ट्रैकिंग, ट्रैकिंग AF या सेंटर प्वाइंट का सहारा लेना पड़ेगा. इसकी वजह से कभी-कभी आप एक अच्छा शॉट मिस कर सकते हैं.

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आमतौर पर हम फोकस लॉक करने के लिए स्मार्टफोन्स में स्क्रीन पर ही टैप कर लेते हैं. यहां स्क्रीन भी टच नहीं है और ऑटोफोकस जूम में साथ ही नहीं देता, ऐसे में बहुत दिक्कत होती है. स्थिति तब और खराब हो जाती है जब आप लो-लाइट कंडीशन में जूम करने लगते हैं. यहां आपको बार-बार शॉट रिकंपोज करने की जरूरत होगी. यानी कुल मिलाकर आप मनचाहा फोकल प्वाइंट सेलेक्ट नहीं कर सकते.

जहां तक इमेज क्वालिटी की बात है तो दिन के समय या फुल-लाइट कंडीशन में फोटो क्वालिटी बेहतरीन मिलेगी वहीं लो-लाइट कंडीशन में आपको फोटोज में शार्पनेस और डिटेल कम मिलेगी. और बहुत ज्यादा डार्क कंडीशन में आप फोटो क्वालिटी से बहुत ज्यादा निराश हो सकते हैं.

दिन की लाइटिंग में भी आप जब फुल 40x ऑप्टिकल जूम में फोटोज क्लिक करेंगे तो आपको इमेज की डिटेलिंग थोड़ी मिस होती हुई लगेगी. ज्यादा जूम के वक्त कोशिश करें कि कोई ट्राइपॉड साथ हो वरना फोटो बहुत ज्यादा शेक हो सकती हैं. हालांकि इसमें इसस बचने के लिए इमेज स्टेबिलाइजेशन दिया गया है, इसके बावजूद आपको सावधान रहने की जरूरत होगी.

एक अच्छी बात ये है कि ट्राइपॉड के साथ आप शटर स्पीड कम कर और अपर्चर बढ़ाकर लो-लाइट में भी अच्छी तस्वीर निकाल सकते हैं. लेकिन शटर ज्यादा स्लो करने पर मूविंग ऑब्जेक्ट क्लिक नहीं हो सकेंगे केवल बिल्डिंग जैसी बहुत अच्छी लगेंगी. बहरहाल बात ये है कि बहुत कम ही लोग प्वाइंट एंड शूट के साथ ट्रायपॉड यूज करना पसंद करेंगे. क्योंकि फिर उसे भी कैरी करना होगा. जहां तक इमेज में कलर क्वालिटी की बात है तो काफी बेहतर है.

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फोटो सैंपल:

इमेज को किसी भी तरह से एडिट नहीं किया गया है. केवल वेब के लिए इन्हें रिसाइज किया गया है.

फैसला:

अब सवाल ये है कि क्या आपको ये कैमरा लेना चाहिए? तो जवाब ये है कि यदि आप ट्रैवल या हॉलीडे या स्ट्रीट फोटोग्राफी/वीडियोग्राफी के लिए एक बेहतरीन जूम वाला कॉम्पैक्ट कैमरा चाहते हैं तो इसमें पैसे लगा सकते हैं. 30fps पर 4K वीडियो शूट करने की क्षमता भी एक बेहतरीन फीचर है. जो कमियां आपको ध्यान रखनी हैं वो ये हैं कि लो-लाइट या जूम कंडीशन में ऑटोफोकस आपको परेशान कर सकता है. RAW में शूट करने का ऑप्शन नहीं मिलेगा और टचस्क्रीन मौजूद नहीं है.

इन सबके अलावा छोटे सेंसर की वजह से लो-लाइट परफॉर्मेंस भी थोड़ी ठीक नहीं है. ऐसे में यदि आप जूम को छोड़कर इमेज क्वालिटी पर ज्यादा ध्यान देना चाहते हैं वो भी लो-लाइट कंडीशन में तो बाजार में मौजूद दूसरे कॉम्पैक्ट कैमरे ट्राई कर सकते हैं.

रेटिंग: 3/5

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