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सीबीआई ने फेसबुक से अवैध तरीके से भारतीयों का निजी डेटा हासिल करने के आरोप में कैंब्रिज एनालिटिका और ग्लोबल साइंस रिसर्च (GSR) के खिलाफ प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है.
आरोप है कि कैंब्रिज एनालिटिका ने ग्लोबल साइंस रिसर्च से डेटा हासिल किए थे. जीएसआर ने फेसबुक का इस्तेमाल करने वाले भारतीयों का निजी डाटा हासिल करने के लिये अवैध साधनों का इस्तेमाल किया.
केंद्र से इस संबंध में मामला आने के बाद सीबीआई ने प्रारंभिक जांच (PE) शुरू कर दी है. प्रारंभिक जांच आम तौर पर इस बात का फैसला करने के लिये पहला कदम होता है कि क्या आरोपों की प्राथमिकी के जरिए गहन जांच कराए जाने की आवश्यकता है या नहीं.
डेटा माइनिंग एंड एनालिसिस कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका पर इससे पहले यह आरोप थे कि 2016 के अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीतने में मदद करने के लिये उसने 8.7 करोड़ फेसबुक अकाउंट्स से जुटाई गई निजी सूचना का इस्तेमाल किया.
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पिछले महीने राज्यसभा में कहा था कि इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जाएगी.
रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि ऐसी भी रिपोर्ट है कि यूजर्स का डेटा ‘फेसबुक से संबंध रखने वाले हार्डवेयर निर्माताओं ने भी अवैध तरीके से हासिल किया.’ इस संबंध में फेसबुक ने कहा था कि उसे भारतीय यूजर्स की जानकारी समेत किसी भी सूचना का दुरुपयोग किये जाने की जानकारी नहीं है.
मार्क जकरबर्ग के स्वामित्व वाली कंपनी ने कहा था कि संभवत: तकरीबन 8.7 करोड़ लोगों का डेटा गलत तरीके से कैंब्रिज एनालिटिका के साथ शेयर हो गया हो. डेटा में सेंध लगने का मामला प्रकाश में आने के बाद सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने मार्च और अप्रैल में फेसबुक और कैंब्रिज एनालिटिका को पत्र लिखा था और उनसे इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण मांगा था.
(इनपुट-भाषा)