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WiFi को हटाकर LiFi लाने के बहुत करीब पहुंचे चीनी वैज्ञानिक

चीनी वैज्ञानिकों को फुल कलर इमिसिव कॉर्बन डॉट्स (F-CDs) बनाने में सफलता मिली है. जो उन्हें तेज वायरलेस कम्यूनिकेशन चैनल इजाद करने की राह में एक कदम और करीब ले आया है और ये तकनीक मात्र 6 साल में उपलब्ध हो सकती है.

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
साकेत सिंह बघेल
  • नई दिल्ली,
  • 04 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 3:44 PM IST

चीनी वैज्ञानिकों को फुल कलर इमिसिव कॉर्बन डॉट्स (F-CDs) बनाने में सफलता मिली है. जो उन्हें तेज वायरलेस कम्यूनिकेशन चैनल इजाद करने की राह में एक कदम और करीब ले आया है और ये तकनीक मात्र 6 साल में उपलब्ध हो सकती है.

लाइट फिडिलिटी जिसे LiFi के नाम से जाना जाता है. ये रेडियो बेस्ड WiFi की तुलना में LED बल्ब के विजिबल लाइट का उपयोग कर ज्यादा तेजी से डेटा ट्रांसफर करता है.

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ऐसे समय में जब हालिया रिसर्चर्स ने LiFi से डेटा ट्रांसफर करने के लिए उसे लाइट देने के लिए दुर्लभ अर्थ मटेरियल का उपयोग किया है. तब चीनी वैज्ञानिकों ने इसका विकल्प F-CDs के रूप में खोजा है, जो फ्लोरोसेंट कार्बन नैनोमटेरियल है और ये तेज और सुरक्षित भी है.

इस रिसर्च को लीड करने वाले एक वरिष्ठ रिसर्चर का कहना है कि, पूरी दुनिया में इस प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है. हम पहले हैं जिन्होंने कीफायती रॉ मटेरियल का उपयोग कर इसे सफलता पूर्वक पैदा किया है. रिसर्चर ने बताया कि दुर्लभ पदार्थों की उम्र ज्यादा होती है, जो LiFi के ट्रांसमिशन स्पीड को प्रभावित करती है. जबकि, F-CDs के जरिए तेजी से डेटा ट्रांसमिशन किया जा सकता है.

रिसर्चर का मानना है कि LiFi के लिए ये एक महत्वपूर्ण डेवलपमेंट है, जिसे उनके उम्मीद के मुताबिक बाजार में मात्र 6 साल में लाया जा सकता है. 2015 में चाइनीज गवर्नमेंट मिनिस्ट्री ने दिखाया था कि LiFi 50 गिगाबाइट प्रतिसेकंड की स्पीड तक पहुंच सकता है, जिससे एक फिल्म को मात्र 0.3 सेकंड में डाउनलोड किया जा सकता है.  

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