
Twitter की कमान संभालने के बाद एलन मस्क एक के बाद एक बड़े फैसले लेते जा रहे हैं. कंपनी के भारतीय मूल के सीईओ पराग अग्रवाल समेत कई अधिकारियों को हटाने के बाद अब मस्क ने कंपनी के सभी बोर्ड डायरेक्टर्स की भी छुट्टी कर दी है. अब एलन मस्क Twitter के इकलौते डायरेक्टर बन गए हैं.
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक जिन डायरेक्टर्स को हटाया गया है, उनमें मार्था लेन फॉक्स, ओमिड कोर्डेस्टानी, डेविड रोसेनब्लैट, पैट्रिक पिचेट, एगॉन डरबन, फी-फी ली और मिमी अलेमायेहौ शामिल हैं.
एलन मस्क ने 28 अक्टूबर को ट्विटर (Twitter) की कमान संभाली है. मालिक बनने के बाद ही उन्होंने ट्विटर के CEO पराग अग्रवाल, CFO नेड सेगल और लीगल अफेयर-पॉलिसी हेड विजया गाड्डे को कंपनी से टर्मिनेट कर दिया था. इतना ही नहीं मस्क ने उन्हें कंपनी हेडक्वार्टर से भी बाहर निकलवा दिया था.
मस्क ने इस साल 13 अप्रैल को ट्विटर खरीदने का ऐलान किया था. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को 54.2 डॉलर प्रति शेयर के रेट से 44 अरब डॉलर में खरीदने का ऑफर दिया था. लेकिन तब स्पैम और फेक अकाउंट्स की वजह से उन्होंने उस डील को ही होल्ड पर रख दिया था.
8 जुलाई को मस्क ने डील तोड़ने का फैसला किया. इसके खिलाफ ट्विटर ने कोर्ट का रुख किया था. लेकिन फिर अक्टूबर महीने की शुरुआत में मस्क ने अपना रुख बदला और फिर से डील को पूरी करने के लिए तैयार हो गए. इसी बीच डेलावेयर कोर्ट ने 28 अक्टूबर तक डील पूरी करने का आदेश दिया था. एलन मस्क ने एक दिन पहले ही ट्विटर के दफ्तर में पहुंचकर सभी को चौंका दिया था.
पराग अग्रवाल को क्यों निकाला?
मस्क ने ट्विटर के सीईओ पराग अग्रवाल और CFO नेड सेगल पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फर्जी खातों की संख्या को लेकर उन्हें और ट्विटर निवेशकों को गुमराह करने का आरोप लगाया था. जब ट्विटर के साथ एलन मस्क की डील पूरी हुई, तब अग्रवाल और सेगल दफ्तर में ही मौजूद थे. इसके बाद उन्हें दफ्तर से बाहर कर दिया गया. हालांकि, इसे लेकर ट्विटर, एलन मस्क या किसी अधिकारी की ओर से कोई बयान नहीं आया.
देखने को मिल सकते हैं ये बदलाव!
> मस्क हमेशा से कंटेंट मॉडरेशन का विरोध करते रहे हैं. उन्होंने इस बात को लेकर लीगल अफेयर-पॉलिसी हेड विजया गाड्डे को मीटिंग में काफी सुनाया था. हालांकि ट्विटर डील फाइनल होने के बाद उन्होंने विजया गाड्डे को बाहर कर दिया है. उम्मीद है कि ट्विटर पर अब कंटेंट मॉडरेशन कम होगा.
> विजया गाड्डे ने ही पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अकाउंट को सस्पेंड करने का फैसला किया था. हेट स्पीच के नाम पर होने वाले कंटेंट मॉडरेशन को मस्क लोगों की आवाज दबाना कहते आए हैं. इसके साथ ही ट्विटर पर नए फीचर्स भी देखने को मिल सकते हैं.
> मस्क ने एक मीटिंग में चीनी ऐप WeChat का जिक्र किया था. उन्होंने ट्विटर को एक सुपर ऐप की तरह विकसित करने की बात कही थी. कुछ वक्त पहले ही ट्विटर पर एडिट बटन का फीचर आया है. इस फीचर की मदद से यूजर्स अपने ट्वीट्स को एडिट कर सकते हैं. हालांकि ये फीचर फिलहाल सभी के लिए नहीं है. इसे सिर्फ Twitter Blue यूजर्स के लिए ही जारी किया गया है, जो कंपनी की सब्सक्रिप्शन बेस्ड सर्विस है.
ये है Twitter Deal का पूरा खेल?
> ट्विटर डील की शुरुआत इस साल अप्रैल में हुई थी. 4 अप्रैल को एलॉन मस्क ने ट्विटर में 9.2 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी. इसके साथ ही वो कंपनी के सबसे बड़े शेयर होल्डर बन गए. मस्क की हिस्सेदारी को देखते हुए कंपनी ने उन्हें बोर्ड मेंबर में शामिल होने के लिए इनवाइट किया था.
> मस्क ने बोर्ड में शामिल होने से इनकार कर दिया. बाद में उन्होंने 54.2 डॉलर प्रति शेयर के भाव से 44 अरब डॉलर में ट्विटर को खरीदने का ऑफर दिया. शुरुआत में कंपनी ने इस ऑफर को स्वीकार नहीं किया था, लेकिन कुछ दिनों बाद शेयरहोल्डर इस डील के लिए तैयार हो गए.
> मई महीने में Twitter ने अपनी फाइलिंग में बताया कि प्लेटफॉर्म पर बॉट्स की संख्या सिर्फ 5 परसेंट है. इस पर ही मस्क और पराग अग्रवाल के बीच विवाद शुरू हुआ. 13 मई को मस्क ने डील को होल्ड कर दिया.
> 16 मई को मस्क और पराग अग्रवाल के बीच बॉट अकाउंट्स को लेकर बहस हुई. इसके बाद 17 मई को मस्क ने डील होल्ड करने की धमकी दी. 8 जुलाई को मस्क डील के पीछे हट गए. 12 जुलाई को ट्विटर ने मस्क पर केस किया.
> इसके बाद कुछ दिनों तक मस्क और ट्विटर के बीच चूहे बिल्ली का खेल चलता रहा. 4 अक्टूबर को मस्क ने यू-टर्न लेते हुए एक बार फिर डील को पूरा करने का ऑफर दिया. 27 अक्टूबर को डील फाइनल कर ली गई.