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सोशल मीडिया पर फेक न्यूज से निपटने के लिए फेसबुक और ट्विटर ने मिलाया हाथ

सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर लगातार फैल रही फेक न्यूज से निजात दिलाने के लिए फेसबुक और ट्विटर ने 20 से ज्यादा न्यूज कंपनियों के साथ करार किया है.

क्या अब फेक न्यूज से मिलेगा छुटकारा क्या अब फेक न्यूज से मिलेगा छुटकारा
Munzir Ahmad
  • नई दिल्ली,
  • 14 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 2:26 PM IST

सोशल मीडिया पर आम यूजर्स के लिए कई बार असली और नकली खबरों में फर्क कर पाना मुश्किल होता है. इस प्लैटफॉर्म पर लगातार फर्जी खबरें वायरल होती हैं. ऐसे में फेसबुक और ट्विर ने लोगों को इससे निजात दिलाने के लिए न्यू यॉर्क टाइम्स, वॉशिंगटन पोस्ट, सीएनएन सहित 30 दूसरी न्यूज कंपनियों के साथ करार किया है.

इस नए करार के तहत सोशल मीडिया पर क्वालिटी इनफॉर्मेशन पर काम किया जाएगा. नए ग्रुप फेक और फर्जी खबर को टार्गेट करेंगे, लेकिन यह साफ नहीं किया गया है कि यह कैसे होगा.

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नई मुहीम के लिए गूगल के खास नेटवर्क फर्स्ट ड्राफ्ट का मदद लिया जाएगा. इसके अलावा पत्रकारों और सोशल मीडिया कंपनियों के लिए वेरिफिकेशन सिस्टम बनाया जाएगा ताकि न्यूज रिपोर्ट्स की शुद्धता बनी रहे.

फर्स्ट ड्राफ्ट के मैनेजिंग डायरेक्टर जेनी सार्जेन्ट ने कहा है, ' फर्स्ट ड्राफ्ट पहले से ही न्यूज कंपनियों और सोशल मीडिया वेबसाइट्स के साथ करीब से काम कर रहा है. पत्रकारों और रीडर्स को जो दिक्कतें आ रही हैं हम उसे साथ मिलकर निपटेंगे'

हाल ही में इंटरनेट पर एक स्टोरी वायरल होनी शुरू हुई थी कि फॉक्स न्यूज की एंकर मेगिन केली को कंपनी ने इसलिए निकाल दिया था क्योंकि उन्होंने डेमोक्रैटिक कैंडिडेट हिलरी क्लिंटन का सपोर्ट किया था . यह स्टोनी फेसबुक पर नंबर-1 ट्रेंड करती रही, लेकिन इसमें कोई सच्चाई नहीं थी. कंपनी ने बाद में बयान जारी करके बताया कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है.

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