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FB का फैक्ट चेक फीचर भारत में शुरू, लगेगी फेक न्यूज पर लगाम

पिछले कुछ सालों में फेसबुक और वॉट्सऐप के जरिए फेक न्यूज फैलाने की वजह से दंगे भड़कने और मॉब लिचिंग जैसी काफी घटनाएं हुईं हैं. इसी को दूर करने के लिए फेसबुक पर लगातार दबाव बना रहता था. अब फेसबुक ने भारत में फेक न्यूज को पहचानने और हटाने के लिए नया ऑप्शन शुरू किया है.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
साकेत सिंह बघेल
  • नई दिल्ली,
  • 11 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 6:29 PM IST

  • फेक न्यूज की वजह से फेसबुक पर काफी दबाव था
  • एआई और मशीन लर्निंग की मदद से हो रही है जांच

पिछले कुछ सालों में फेसबुक और वॉट्सऐप के जरिए फेक न्यूज फैलाने की वजह से दंगे भड़कने और मॉब लिचिंग जैसी काफी घटनाएं हुईं हैं. इसी को दूर करने के लिए फेसबुक पर लगातार दबाव बना रहता था. अब फेसबुक ने भारत में फेक न्यूज को पहचानने और हटाने के लिए नया ऑप्शन शुरू किया है. इस नए फीचर के आने से अब अगर कोई भी यूजर अगर फेसबुक पर कोई फेक न्यूज या फिर कोई गलत फैक्ट पोस्ट करेगा, तो उस पोस्ट पर फॉल्स इंफॉर्मेशन यानी गलत जानकारी लिखा हुआ अलर्ट मिल सकता है. ये जानकारी एक फ्रीलांस सिक्योरिटी रिसर्चर के हवाले से मिली है.

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फेसबुक के इस नए फीचर को फ्रीलांस सिक्योरिटी रिसर्चर राजशेखर राजहरिया ने सबसे पहले स्पॉट किया और ये जानकारी उन्होंने 'आज तक टेक' के साथ साझा की है. रिसर्चर ने कहा कि फेसबुक और वॉट्सऐप जैसे प्लेटफॉर्म के जरिए फेक न्यूज फैलने की वजह से कई घटनाएं हुईं है.

इसके बाद से सरकार ने सोशल मीडिया दिग्गज पर इसे लेकर काफी दबाव बनाया था. NCRB की रिपोर्ट के अनुसार देश में साल 2017 में फेक न्यूज के 170 मामले दर्ज हुए थे. इसी क्रम में अब फेसबुक ने ये नया फीचर शुरू किया है. रिसर्चर ने ये भी कहा कि इस फीचर की शुरुआत इलेक्शन के समय की गई थी लेकिन तब ये अलर्ट केवल पोस्ट शेयर करने वाले को ही दिया जाता था. हालांकि अब कंपनी ने बाकी यूजर्स को भी अवेयर करना शुरू किया है.फेसबुक ने भारत में इसके लिए कुछ पार्टनर्स भी बनाए हैं.

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रिसर्चर ने कहा है कि फेसबुक ने फेक न्यूज और गलत फैक्ट को पहचान कर उनको हटाने का काम भी शुरू कर दिया है. इसके लिए कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का सहारा ले रही है. रिसर्चर का मानना है कि भारत जैसे बड़े देश में इतने बड़े स्तर पर फेक न्यूज या गलत फैक्ट को पहचानना और हटाना काफी मुश्किल काम है.

इसी वजह से फेसबुक सबसे पहले एआई और मशीन लर्निंग की मदद से ऐसे पोस्ट और फोटोज की पहचान करता है. ये वो पोस्ट हैं, जो बहुत तेजी से वायरल हो रही हैं और लोगों से भावनात्मक रूप से जुड़ी हुईं है. फिर फेसबुक थर्ड पार्टी यानी मीडिया की वास्तविक खबरों की लिंक के जरिए इनकी जांच पड़ताल करता है. ये सब रोबोट्स के जरिए हो रहा है.

अगर पोस्ट का फैक्ट या कोई खबर गलत पाई जाती है तो उस पर अलर्ट का निशान दिखेगा और उस पर क्लिक करके आप उस पोस्ट या फैक्ट के बारे में असली जानकारी पता कर पाएंगे. कोई भी यूजर फेसबुक पर फेक न्यूज को पहचान कर रिपोर्ट कर सकता है.

अगर कोई फैक्टचेकर किसी खबर को फेक के तौर पर रेट करता है, तो वो न्यूज फीड में नीचे दिखाई देगा. इससे उसे देखने वाले लोगों की संख्या बहुत कम हो जाएगी. फेसबुक पर अब से बार-बार गलत जानकरी, फेक न्यूज या गलत फैक्ट पोस्ट करने पर उस अकाउंट के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है या अकाउंट को ब्लॉक भी किया जा सकता है.  

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यहां स्क्रीनशॉट के जरिए समझें:

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