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सूचना प्रौद्योगिकी की संसदीय स्थायी समिति अब फेसबुक और वॉट्सऐप को समन कर सकती है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, समिति 2019 के चुनावों से पहले सोशल मीडिया पर नागरिक अधिकारों की सुरक्षा के बारे में चर्चा के लिए दोनों कंपनियों को बुला सकती है. इससे पहले समिति ने ट्विटर को भी समन किया था.
मामले से जुड़े लोगों के हवाले से ET ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि मार्च के महीने में वॉट्सऐप और फेसबुक को बुलाया जा सकता है. समिति पहले ट्विटर से मिलेगी, क्योंकि मीटिंग पहले रद्द हो गई थी. भारत में आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर सोशल मीडिया कंपनियां जांच के दायरे में आ रही हैं. 25 फरवरी को ट्विटर के वैश्विक शीर्ष अधिकारी को संसदीय समिति के समक्ष पेश होने को कहा गया है. इससे पहले ट्विटर के अधिकारियों ने कम समय का हवाला देते हुए पेश होने से इनकार कर दिया था.
फिलहाल समन फेसबुक और वॉट्सएप पर भेजा जाना बाकी है. समिति अभी ट्विटर पर बड़े पैमाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है. समिति के एक सदस्य के हवाले से ET ने रिपोर्ट में बताया है कि फेसबुक और वॉट्सऐप से भी ट्विटर से पूछे जाने वाले सवालों के आधार पर ही चर्चा होगी, लेकिन चूंकि इन दोनों के यूजर्स और पहुंच अलग है तो सवालों को उसी हिसाब बदला जाएगा. रिपोर्ट में सदस्य का नाम नहीं लिया गया है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्विटर को पहले 11 फरवरी के लिए समन किया गया था, लेकिन पैनल ने ट्विटर इंडिया के प्रतिनिधियों से मिलने से इनकार कर दिया था और जोर कहा कि सीईओ जैक डोर्सी को 15 दिनों के भीतर इसे पेश होना होगा. बहरहाल आगामी 25 फरवरी को होने वाली मीटिंग में पैनल अब इस बात के लिए राजी हो गई है कि अगर डोर्सी मौजूद नहीं होंगे तो वे ट्विटर के ग्लोबल मैनेजमेंट टीम के किसी वरिष्ठ अधिकारी से मिल लेंगे.