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पुलिस से जल्दी दंगों का पता लगा सकता है Twitter

ट्विटर सहित विभिन्न सोशल नेटवर्कों पर लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और समारोहों या कार्यक्रमों या घटनाओं की खबर या विवरण को साझा करने की प्रवृत्ति में तेजी से इजाफा हुआ है, जिसके आधार पर एक ताजा अध्ययन कहता है कि पुलिस की तुलना में ट्विटर के जरिए दंगों या अशांतिपूर्ण घटनाओं का जल्दी पता लगाया जा सकता है.

ट्विटर ट्विटर
साकेत सिंह बघेल/IANS
  • नई दिल्ली,
  • 28 जून 2017,
  • अपडेटेड 1:26 PM IST

ट्विटर सहित विभिन्न सोशल नेटवर्कों पर लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और समारोहों या कार्यक्रमों या घटनाओं की खबर या विवरण को साझा करने की प्रवृत्ति में तेजी से इजाफा हुआ है, जिसके आधार पर एक ताजा अध्ययन कहता है कि पुलिस की तुलना में ट्विटर के जरिए दंगों या अशांतिपूर्ण घटनाओं का जल्दी पता लगाया जा सकता है.

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अध्ययन में कहा गया है कि मशीन लर्निंग गणना प्रणाली का उपयोग कर कंप्यूटर प्रणाली स्वत: ही सभी ट्वीट कमेंट्स की जांच कर सकती है और गंभीर घटनाओं की पहचान पुलिस को खबर होने से पहले कर सकती है.

कंप्यूटर प्रणाली के जरिए यह भी जाना जा सकता है कि दंगे किस जगह पर फैलने की अफवाह थी और लोगों की भीड़ कहां इकट्ठा हुई.

औसतन कंप्यूटर प्रणाली किसी घटना के संबंध में अधिकारियों को जानकारी होने से कुछ मिनट पहले ही इस तरह की घटनाओं का पता लगा सकता है.

कुछ मामलों में तो सुरक्षाकर्मियों को सूचना मिलने से घंटा भर पहले कंप्यूटर प्रणाली उनका पता लगा सकती है. शोध पत्रिका 'एसीएम ट्रांजेक्शन ऑन इंटरनेट टेक्नोलॉजी' के ताजा अंक में यह अध्ययन प्रकाशित हुआ है.

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