
ऐप पर टैक्सी बुकिंग की सेवा देने वाली कंपनी उबर ने मंगलवार को जानकारी दी कि 2016 में हैकरों ने उसके प्लेटफॉर्म से जुड़े 5.7 करोड़ यूजर्स और ड्राइवरों का निजी डाटा चुराया था. एक वर्ष से छुपी इस बात के लिए उबर ने हैकरों से डेटा मिटाने के लिए एक लाख डॉलर का भुगतान किया है.
एएफपी के हवाले से भाषा (पीटीआई) में प्रकाशित खबर के मुताबिक, कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दारा खोसरोवशही ने एक बयान में कहा, ऐसा कुछ भी नहीं होना चाहिए था और मैं इसके लिए कोई बहाने नहीं बनाउंगा. खोसरोवशही के अनुसार उबर ने सूचना सुरक्षा दल के दो सदस्य को कल ही तत्काल प्रभाव से कंपनी से निकाल दिया है.
इन दोनों ने समय पर यूजर्स को जानकारी नहीं दी कि उनका डेटा चुराया गया है. उन्होंने कहा कि उन्हें हाल ही में केवल इतना पता चला है कि किसी बाहरी व्यक्ति ने कंपनी द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले क्लाउड सर्वर की सुरक्षा में सेंध लगाकर बड़ी मात्रा में डेटा डाउनलोड कर लिया.
उबर के मुताबिक चुराई गई सूचना में यूजर्स के नाम, ई-मेल आईडी, मोबाइल नंबर और करीब 6,00,000 ड्राइवरों के नाम और उनके लाइसेंस नंबर चोरी किए गए हैं. इससे जुड़े एक सूत्र ने बताया कि हैकरों से डाटा नष्ट कराने के लिए उबर ने एक लाख डॉलर (6478500.77 रुपये) का भुगतान किया है. इस संबंध में यूजर्स और ड्राइवरों को जानकारी नहीं दी गई कि उनका डेटा जोखिम में है.