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डोनल्ड ट्रंप की इस नीति के बाद अमेरिकी कंपनियों को होगी 'मेक इन इंडिया' में मुश्किल

अमेरिका के अगले प्रेसिडेंट डोनल्ड ट्रंप के नए टैक्स प्लान से मेक इन इंडिया पर प्रभाव पड़ सकता है. चाहे सॉफ्टवेयर बाजार हो या हार्डवेयर हर तरफ दिखेगा इसका असर.

क्या मेक इन इंडिया पर पड़ेगा ट्रंप की पॉलिसी का प्रभाव? क्या मेक इन इंडिया पर पड़ेगा ट्रंप की पॉलिसी का प्रभाव?
Munzir Ahmad
  • नई दिल्ली,
  • 05 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 3:47 PM IST

अमेरिका के अगले प्रेसिडेंट डोनल्ड ट्रंप ने वैसे तो चुनाव कैंपेन के दौरान कहा था कि ऐपल को अपने प्रोडक्ट्स अमेरिका में ही बनाने को कहा जाएगा. अब ट्रंप ने यह साफ कर दिया है कि अमेरिकी कंपनियां अगर दूसरे देशों में प्लांट्स लगा कर प्रोडक्ट्स को अमेरिका में बेचेंगी तो उन्हें 35 फीसदी से ज्यादा टैक्स देने होंगे. ट्रंप ने एक साथ कई ट्वीट किए हैं जिसमें ऐसी कंपनियों के लिए सख्त बाते की हैं.

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इतना तो साफ है कि इससे अमेरिकी कंपनियों खासकर टेक्नॉलोजी जगत पर इसका खासा असर पड़ेगा और जाहिर है इससे मेक इन इंडिया पर भी असर पडेगा. क्योंकि कई अमेरिकी टेक कंपनियां मेक इन इंडिया के तहत भारत में अपनी फैक्ट्रियां लगाने के लिए तैयार हैं, और कई कंपनियों की नजर भी भारतीय बाजार पर है.

पीएम मोदी की मेक इन इंडिया में दिए जाने वाले सहूलियतों की वजह से कई अमेरिकी भारत में अपनी फैक्ट्रियां खोलनी की तैयारी में थीं. लेकिन अब ट्रंप के इस मिजाज से संभव है कि वो इसे ठंडे बस्ते में डाल देंगी.

हालांकि डोनल्ड ट्रंप ने अपने ट्वीट में यह भी कहा है कि बिजनेस के लिए टैक्स और रेग्यूलेशन को कम किए जाएंगे, लेकिन यह वैसी कंपनियों के लि लागू नहीं होगा जो अमेरिका को छोड़कर दूसरे देशों में फैक्ट्रियां बना रही हैं और फिर अपने प्रोडक्ट्स वापस अमेरिका में बेच रही हैं.

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मौजूदा दौर में ऐपल जैसी कई बड़ी कंपनियां चीन में अपने प्रोडक्ट्स बनाती हैं. लेकिन वहां धीरे धीरे अब लागत बढ़ रही है ऐसे में ऐपल की नजर भारत पर भी है और रिपोर्ट्स से यह खबरें भी सामने आईं हैं कि फॉक्सकॉन 2020 तक भारत में कई फैक्ट्री और डेटा सेंटर बना सकता है. लेकिन अब ट्रंप के इस ऐलान के बाद यह काफी मुश्किल है.

ऑक्सफोर्ड इकॉनोमिक्स सिंगापुर की लीड एशिया इकॉनोमिस्ट प्रियंका किशोर के मुताबिक ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद भारत की मुश्किलें बढ़ जाएंगी क्योंकि इससे भारत इंजन ऑफ ग्रोथ यानी सर्विस सेक्टर पर प्रभाव पड़ेगा.

हालांकि पहले इससे पहले भी डोनल्ड ट्रंप ने कहा था कि दूसरे देशों में अपने सामान जैसे कार और एसी जैसे प्रोडक्ट्स बना कर बेचने वाली कंपनियों पर 35 फीसदी ज्यादा टैक्स लगाया जाएगा.

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक सिंगापुर बेस्ड आईएचएस ग्लोबल के एशिय पेसिफिक चीफ इकॉनोमिस्ट राजीव बिस्वास ने कहा है, 'भारत अमेरिका एक्सपोर्ट के लिए लंबे समय तक के लिए सबसे आकर्षक ग्रोथ मार्कट है'

सॉफ्टवेयर बाजार पर भी असर
भारत इनफॉर्मेशन टेक्नॉलोजी और सॉफ्टवेयर के मामले में काफी आगे है और तेजी से बढ़ रहा है. कई अमेरिकी कंपनियां अपने सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के लिए भारतीय फर्म पर निर्भर हैं. अगर डोनल्ड ट्रंप अपनी 35 फीसदी टैक्स बढ़ाने वाली पॉलिसी लाते हैं तो इससे भारत के सॉफ्टवेयर सर्विस एक्सपोर्ट सेक्टर को नुकसान होने की उम्मीद हैं जो लगभग 89 बिलियन डॉलर का है. यां के सॉफ्टवेयर सबसे ज्यादा अमेरिका और कनाडा में एक्सपोर्ट किए जाते हैं.

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