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WhatsApp को-फाउंडर ने कहा, डिलीट कर दें फेसबुक

प्राइवेसी को लेकर फेसबुक कुछ समय से लगातार सवालों में रहा है. ऐपल सीईओ टिम कुक से लेकर वॉट्सऐप के को फाउंडर और टेस्ला के एलॉन मस्क इसके खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं.

राइट साइड में हैं Brian Acton राइट साइड में हैं Brian Acton
Munzir Ahmad
  • नई दिल्ली,
  • 14 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 4:56 PM IST

WhatsApp के को-फाउंडर ने लोगों को एक बार फिर से सलाह दी है कि वो फेसबुक डिलीट कर लें. यह पहला मौका नहीं है, इससे पहले भी उन्होंने डिलीट फेसबुक हैशटैग की शुरुआत की थी. गौरतलब है कि फेसबुक ने WhatsApp को खरीद लिया है और अब ये फेसबुक की ही कंपनी है. कुछ साल पहले WhatsApp को इन्होंने फेसबुक के हाथों बेच दिया था.

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फेसबुक ने वॉट्सऐप को 19 बिलियन डॉलर में खरीदा है. वॉट्सऐप के को-फाउंडर ब्रायन ऐक्टन अमेरिका के स्टैनफर्ड यूनिवर्सिटी में स्पीच दे रहे थे और इस दौरान उन्होंने लोगों को फेसबुक डिलीट करने की सलाह दी है. उन्हें गेस्ट स्पीकर के तौर पर बुलाया गया था. उन्होंने अपनी पढ़ाई भी स्टैनफर्ड यूनिवर्सिटी से ही की है. 

2014 में जब वॉट्सऐप का अधिग्रहण फेसबुक ने किया था. हालांकि उन्होंने इसे बेचने के बाद 2017 में वॉट्सऐप से अलग हो गए थे.  तीन साल तक फेसबुक  के साथ रहे. वॉट्सऐप के दोनों ही फाउंडर्स फेसबुक के विज्ञापन मॉडल को वॉट्सऐप दूर रखने की वकालत करते रहे और साथ यूजर्स डेटा को भी फेसबुक के साथ शेयर करने के खिलाफ थे. हालांकि फेसबुक ने उनकी बात नहीं मानी और वॉट्सऐप का कुछ डेटा अब फेसबुक के साथ भी शेयर होता है. आलम ये है कि अब फेसबुक क्रॉस प्लेटफॉर्म बनाने की तैयारी में है और इसके लिए वॉट्सऐप, मैसेंजर और इंस्टग्राम को मर्ज किया जाएगा. 

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वॉट्सऐप से अलग हो गए, जबकि वॉट्सऐप को दूसरे फाउंडर ने कंपनी नहीं छोड़ी और वॉट्सऐप के हेड के तौर पर उन्होंने फेसबुक ज्वाइन कर लिया. अब हाल में जेन में भी वॉट्सऐप छोड़ दिया है.  

वॉट्सऐप को बनाने वाले ब्रायन ऐक्टन ने फेसबुक के प्रॉफिट मॉडल की भी आलोचना की है. वॉट्सऐप को फेसबुक के हाथों बेचने के बारे में उन्होंने कहा है कि तब उनके पास थोड़ा अनुभव की कमी थी और उन्हें लगा की जेन कूम अपने तरीके से फेसबुक चलाते रहेंगे. उन्होंने यह भी कहा है कि उन्होंने वॉट्सऐप को पेड बनाने का मॉडल भी पुश किया जिसके तहत यूजर्स से थोड़े पैसे चार्ज किए जाएं, जैसे कंपनी ने शुरुआत के दिनों में किया था, ताकि फेसबुक के ट्रेडिशनल रेवेन्यू ड्राइवर यानी विज्ञापन के मॉडल पर न चले.

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