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किस्सा-ए-Fake Review: किस तरह से 50-50 रुपये में लिखे जा रहे हैं रिव्यूज, कितना भरोसा कर सकते हैं आप

Dark Pattern Scam: ऑनलाइन मार्केट प्लेस में मार्केटिंग के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल होता है. ऐसे ही कुछ तरीके डार्क पैटर्न को फॉलो करते हैं. इस तरह के पैटर्न में यूजर्स को किसी सामान को खरीदने के लिए अप्रत्यक्ष रूप से बाध्य किया जाता है. ऐसा ही एक तरीका फेक रिव्यूज या पॉजिटिव रिव्यूज का है, जो ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर खूब वायरल होता है. आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ मामलों के बारे में.

Amazon-Flipkart पर मौजूद रिव्यूज पर कितना भरोसा कर सकते हैं आप? Amazon-Flipkart पर मौजूद रिव्यूज पर कितना भरोसा कर सकते हैं आप?
अभिषेक मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 23 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 4:55 PM IST

Amazon और Flipkart जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से बहुत से लोग शॉपिंग करते हैं. शॉपिंग से पहले हम तमाम प्रोडक्ट्स के रिव्यू और रेटिंग चेक करते हैं, लेकिन सवाल ये है कि इन पर कितना भरोसा किया जा सकता है. हाल में ही हमने आपको डार्क पैटर्न के बारे में बताया था, जिसमें कंपनियां तमाम तरीकों से लोगों को अपना प्रोडक्ट खरीदने के लिए जाल में फंसाती हैं. 

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वैसे तो कहने को ये मार्केटिंग का हिस्सा है, लेकिन इस तरह की मार्केटिंग की वजह से आपको प्रोडक्ट की असलियत नहीं चल पाती है. ये मामला ठीक वैसा ही है कि जैसा पैसे लेकर गलत प्रचार करना. 

क्या होता है डार्क पैटर्न स्कैम? 

डार्क पैटर्न को कुछ इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि इससे कंपनियों का फायदा होता है. मसलन इसका इस्तेमाल करके कंपनियां मुख्य डिटेल्स को छिपा देती हैं, जबकि उन चीजों को ज्यादा हाईलाइट किया जाता है, जो महत्वपूर्ण नहीं हैं. इसे ऐसे समझें कि सेल में आपको दिखाता जाता है कि 50 हजार वाला फोन 25 हजार रुपये में मिल रहा है. 

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जब आप इस फोन की डिटेल पर जाएंगे, तो पाएंगे कि 50 हजार फोन का MRP है. फोन का लिस्टिंग प्राइस 35 हजार रुपये ही है. वहीं इस 35 हजार पर 3 हजार रुपये का ही डिस्काउंट है, बाकि के 7 हजार रुपये एक्सचेंज बोनस हैं. यानी आपको असल डिस्काउंट 3 हजार रुपये का मिला है, जबकि कंपनियों ने इस ऑफर को 50 परसेंट डिस्काउंट पर दिखाया था. 

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ऐसा ही इन प्लेटफॉर्म्स पर रिव्यूज को लेकर किया जाता है. मसलन किसी प्रोडक्ट को खरीदने से पहले आप उस प्रोडक्ट की रेटिंग और यूजर रिव्यूज चेक करते होंगे. क्या हो अगर ये रिव्यूज फेक और पेड हों. यानी कंपनियों ने अच्छे रिव्यू लिखने के लिए पैसे दिए हों. हमें ऐसे दो मामले मिले हैं. 

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रिव्यू के बदले गिफ्टा का ऑफर

पहला मामला एक चार्जर का है. King Shine Multi Retractable चार्जर कॉर्ड Amazon पर 299 रुपये में मिल रहा है. इस प्रोडक्ट के साथ हमें बॉक्स में एक कूपन दिया गया, जिस पर लिखा था पॉजिटिव रिव्यू लिखकर दिए हुए वॉट्सऐप नंबर पर हमें उसकी फोटो भेजें.

इसके बादले कंपनी 50 रुपये ऑफर कर रही है. कई लोगों ने 299 रुपये के इस प्रोडक्ट पर 50 रुपये का गिफ्ट पॉजिटिव रिव्यू देकर हासिल किया होगा. वहीं किसी दिक्कत को रिपोर्ट करने के लिए भी कंपनी ने उसी वॉट्सऐप नंबर को दिया है. 

दूसरा मामला TUSA का है. TUSA खुद को प्रीमियम कार गैजेट्स सेलर बताया है. इस गैजेट को भी हमनें Amazon से ही खरीदा है. कंपनी की वेबसाइट पर रिजस्टर करने के बाद हमें एक मैसेज डिस्प्ले होता है. इस मैसेज में लिखा है कि Amazon पर दिए अपने जेनविन रिव्यू की फोटो वॉट्सऐप पर शेयर करें. 

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इसके बदले कंपनी यूजर्स को मैग्नेटिक कार फोन होल्डर ऑफर कर रही है. कंपनी का ऑफर है कि अपना रिव्यू शेयर करें और इस प्रोडक्ट को 100% फ्री में पाएं. बहुत से लोग ऐसा करते होंगे और इसके बाद जब आप इस प्रोडक्ट को खरीदने जाएंगे, तो आपको अच्छे रिव्यूज नजर आएंगे. 

वैसे तो ये कंपनियों की मार्केटिंग स्ट्रैटजी होती है, लेकिन सरकार इन तरीकों को सही नहीं मानती है. सरकार डार्क पैटर्न के मायाजाल को तोड़ने के लिए काम कर रही है. इसके लिए सॉफ्टवेयर बेस्ड सॉल्यूशन तलाशे जा रहे हैं, जिसके लिए एक हैकाथॉन का आयोजन भी हो रहा है. इसमें जीतने वाली 5 टीम्स को 10-10 लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा.

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