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Google LaMDA: टेबल, कुर्सी और दरवाजों से भी कर सकेंंगे बात, कैसे? यहां जानें

Munzir Ahmad
  • नई दिल्ली,
  • 19 मई 2021,
  • अपडेटेड 2:05 PM IST
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Google IO 2021: गूगल ने अपनी सलाना डेवेलपर कॉन्फ्रेंस में कई बड़े ऐलान किए हैं. इस दौरान कंपनी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित LaMDA मॉडल पेश किया. ये एक्स्पेरिमेंटल मॉडल है जिसके तहत कोई इंसान किसी वस्तू से बातचीत कर सकेगा. आने वाले समय में अगर इसके जरिए घर की कुर्सी या दरवाजे से आप कोई सवाल पूछें और वो जवाब दे तो हैरानी की बात नहीं होगी. 

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इस इवेंट में कंपनी ने एक डेमोंस्ट्रेशन दिखाया. इस दौरान प्लूटो से की गई बातचीत को दिखाया गया. गूगल और ऐल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा कि ये देखना काफी दिलचस्प है कि कैसे LaMDA किसी भी टॉपिक पर बातचीत शुरू कर सकता है. पिचाई के मुताबिक ये सेंसिबल और दिलचस्प बातें भी कर सकता है. 

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हालांकि अभी LaMDA शुरुआती स्टेज में है और ये गलतियां करता है. कंपनी ने एक डेमोंस्ट्रेशन वीडियो भी दिखाया है. इस वीडियो में LaMDA प्लूटो के तौर पर ह्यूमन द्वाारा किए गए सवालों का जवाब देता है. दूसरे वीडियो में पेपर प्लेन के तौर पर LaMDA ह्यूमन के सवालों का जवाब देता है. जवाब प्लेन और सिंपल नहीं होते हैं. जवाब में ह्यूमन टच दिया गया है जिससे ऐसा लगे कि आप किसी शख्स से ही बातें कर रहे हैं. 

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दरअसल इस मॉडल के जरिए कंपनी चाहती है कि ह्यूमन किसी वस्तू या किसी गैजेट्स के साथ बातचीत कर सकें. उदाहरण के तौर पर आने वाले समय में ये मुमकिन है कि इस टेक्नोलॉजी के जरिए आप अपने दरवाजे से ये पूछ सकें कि दिन में कौन कौन आया था. दरवाजे का जवाब मशीन की तरह नहीं होगा, बल्कि इसमें एक ह्यूमन टच होगा और दिलचस्प तरीके से आपको पूरी जानकारी दे पाएगा. 


कंपनी ने कहा है कि LaMDA की कॉन्वर्सेशनल स्किल्स कई साल से डेवेलप किए जा रहे हैं. इसके लिए न्यूरल आर्किटेक्चर का इस्तेमाल किया गया है जिसे GPT-3 कहा जाता है. ये गूगल द्वारा 2017 में ही तैयार किया गया था. ये आर्किटेक्चर एक मॉडल प्रोड्यूस करता है जिसे कई वर्ड्स रीड करने के लिए ट्रेन किया किया गया है. 

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गौरतलब है कि गूगल काफी समय से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काम कर रहा है. कुछ साल पहले कंपनी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड कॉल सिस्टम का ऐलान किया था. कंपनी ने कहा कि इसके जरिए गूगल असिस्टेंट आपके लिए कॉल करके रेस्ट्रों में टेबल बुक कर देगा या अप्वाइंटमेंट बुक लेगा. लेकिन सच्चाई ये है कि ये फीचर गिने चुने जगहों पर भी है और इसका यूज भी ज्यादा नहीं है. 

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यानी कई बार गूगल अपने इवेंट में काफी क्रांतिकारी तरीके से आने वाले फीचर्स के बारे में बता तो देता है, लेकिन कई सालों के बाद भी उसका कोई खास यूज नहीं दिखता है. इसी तरह LaMDA के बारे में भी देखना दिलचस्प होगा कि कितने सालों में इस फीचर को मेनस्ट्रीम किया जाता है.
 

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देखा जाए तो ये फीचर काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. लेकिन अगर इसमें डीप डाइव करें तो पता चलता है कि ये इनता आसान भी नहीं है. क्योंकि LaMDA में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का यूज देखने को मिलेगा और कई बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कुछ ऐसा कर जाता है जिससे लोगों को नुकसान भी हो सकता है. 

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