टू फैक्टर ऑथेन्टिकेशन किसी भी ऑनलाइन अकाउंट के लिए एक्स्ट्रा सिक्योरिटी लेयर के तौर पर काम करता है. जीमेल यानी गूगल अकाउंट में भी टू फैक्टर ऑथेन्टिकेशन फीचर दिया गया है, जिसे सेटिंग्स में जा कर एनेबल करना होता है. लेकिन अब इसमें एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है.
दरअसल गूगल अकाउंट को सिक्योर रखने के लिए कंपनी टू फैक्टर ऑथेन्टिकेशन को डिफॉल्ट करने वाली है. यानी अभी की तरह टू फैक्टर ऑथेन्टिकेशन ऑप्शनल नहीं होगा, बल्कि इसे यूज करना ही होगा. अभी ये ऑप्शनल है और आप चाहें तो यूज कर सकते हैं और चाहें तो नहीं यूज कर सकते हैं. हालांकि ये हर अकाउंट्स के लिए नहीं होगा, कंपनी ने कहा है कि बेहतर तरीके से कॉन्फिगर किए हुए अकाउंट्स पर ही लागू होगा.
Google ने अपने ब्लॉग पोस्ट में कहा है कि जल्द ही कस्टमर्स के लिए टू फैक्टर ऑथेन्टिकेशन, जिसे टू स्टेप वेरिफिकेशन भी कहा जाता है, जारी करने वाली है. कंपनी ने कहा है कि ये फीचर उन अकाउंट्स के लिए डिफॉल्ट हो जाएगा जो सही तरीके से कॉनफिगर किए गए हैं.
टू फैक्टर ऑथेन्टिकेशन डिफॉल्ट एनेबल होने के बाद यूजर्स हर लॉग इन अटेंप्ट में मोबाइल से वेरिफाई करना होगा. यानी डायरेक्ट यूजरनेम और पासवर्ड डाल कर अकाउंट ऐक्सेस नहीं किया जा सकेगा. टू फैक्टर ऑथेन्टिकेशन के लिए यूजर्स अपना फोन यूज कर सकते हैं.
टू फैक्टर ऑथेन्टिकेशन या टू स्टेप वेरिफिकेशन के लिए फिजिकल सिक्योरिटी की भी यूज की जा सकती है. फिजिकल सिक्योरिटी की को लैपटॉप के यूएसबी पोर्ट या फोन के पास रख कर यूज किया जा सकता है.
आपको बता दें कि गूगल अकाउंट्स के लिए अब भी फिजिकल सिक्योरिटी की को टू फैक्टर ऑथेन्टिकेशन के तौर पर यूज कर सकते हैं. इतना ही नहीं, 2019 में कंपनी गूगल अकाउंट के लिए एंड्रॉयड स्मार्टफोन्स को ही टू फैक्टर ऑथेन्टिकेशन के तौर पर इस्तेमाल करने का ऑप्शन दिया है.
गूगल ने कहा है कि वर्ल्ड पासवर्ड डे के मौके पर कंपनी लोगों को ये बताना चाहती है कि पासवर्ड मैनेजमेंट को कैसे कंपनी आसान और सेफ बना रही है. कंपनी ने ये भी कहा है कि फ्यूचर में आपको पासवर्ड की जरूरत ही नहीं होगी और ये फीचर उसका ही ट्रेलर यानी स्नीक पीक है. इससे ये साफ है कि आने वाले समय में कंपनी पासवर्ड को लेकर और भी बड़े बदलाव करने वाली है.