Twitter और सरकार के बीच काफी तनातनी है. Twitter पर सरकार लगातार आक्रमक रुख अपना रही है. ये हमेशा से ऐसा नहीं था. Twitter की तारीफ भी केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद कर चुके हैं. अब केंद्रीय मंत्री इस पर कड़ा रुख अपना चुके हैं.
इसमें अंतर देखने के लिए आपको पांच पहले के एक ट्वीट पर नजर डालनी होगी. ये ट्वीट IT Minister रविशंकर प्रसाद की ओर से शेयर किया गया था. ये ट्वीट 21 मार्च 2016 को किया गया था. इसमें रविशंकर प्रसाद ने कहा था सोशल मीडिया की वजह से फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन और इनफॉर्मेशन शेयर करना सोशल मीडिया पर नई मजबूती को छू रहा है.
ट्वीट में आगे कहा गया है Twitter के कॉन्ट्रिब्यूशन पर गर्व है, इसके साथ #LoveTwitter लिखा है. अब आते है नए ट्वीट पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने 16 जून को एक और ट्वीट किया है. इसमें उन्होंने लिखा है ये आश्चर्यजनक है कि Twitter जो खुद को स्वतंत्र भाषण के ध्वजवाहक रूप में दिखाता है वो मध्यस्थ दिशानिर्देशों की बात करते समय जानबूझकर अवज्ञा का रास्ता चुनता है.
पांच साल पहले और अभी में काफी बदलाव हुए हैं. समय के साथ लोगों की राय बदलना भी कोई बड़ी बात नहीं है. इसको लेकर परिस्थिति में भी काफी बदलाव हुआ है. ये माना जा सकता है या तो Twitter पहले वाली कंपनी नहीं रही जिसकी पॉलिसी फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन को लेकर 2016 में थी.
ये भी संभव है सरकार पूरी दिक्कत को उस नजरिए से नहीं देख रही है जिस नजरिए से वो 5 साल पहले देखा करती थी. इन परिस्थिति के अलावा ये तो साफ है कि Twitter और सरकार के बीच वैसा प्रेम नहीं रहा जैसे पहले हुआ करता था.
कुछ हफ्ते पहले Twitter के ऑफिस पुलिस गई थी. ये तब हुआ जब Twitter ने बीजेपी के स्पोक्सपर्सन संबित पात्रा के एक ट्वीट पर manipulated media का टैग लगा दिया था. इससे पहले सरकार ट्विटर को कुछ किसान आंदोलन से जुड़े ट्वीट्स हटाने को कह चुकी थी. जिसे ट्विटर ने नहीं हटाया था. इसके बाद से दोनों में लगातार तनातनी जारी है.