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Twitter ने फेक अकाउंट्स को भी दे दिए ब्लू टिक, जानिए आगे क्या हुआ

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 15 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 5:03 PM IST
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कुछ महीने पहले माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट Twitter ने वेरिफिकेशन प्रोग्राम को फिर से शुरू किया था. वेरिफिकेशन प्रोग्राम से यूजर्स के पास ब्लू टिक के लिए अप्लाई करने का ऑप्शन रहता है. Twitter नोबेटबल यूजर्स को ब्लू टिक देता है. लेकिन इसने कुछ फेक अकाउंट्स को भी गलती से वेरिफाईड कर दिया.
 

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गलती का एहसास होने पर Twitter ने बताया कि वो कुछ अकाउंट्स गलती से वेरिफाईड हो गए थे. इसका पता लगते ही उन अकाउंट्स को मैन्युपुलेशन और स्पैम पॉलिसी के अंदर हटा दिया गया है. Twitter ने मई में वेरिफिकेशन प्रोसेस को फिर से शुरू किया था.

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वेरिफिकेशन प्रोसेस को लेकर Twitter ने बताया था कि ये ब्लू टिक उनको दिया जाता है जो ऑथेंटिक, नोटेबल और एक्टिव होते हैं. Twitter ने गलती मानते हुए कहा कि वो कुछ फेक अकाउंट्स को भी वेरिफाईड कर दिया था. 

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Twitter के स्पोक्सपर्सन ने बताया कि उन अकाउंट्स के वेरिफिकेशन बैज को हटा कर उनको हमेशा के लिए सस्पेंड कर दिया है. ये सस्पेंशन मैन्युपुलेशन और स्पैम पॉलिसी के अंतर्गत किया गया है. कंपनी ने 2017 में वेरिफिकेशन प्रोग्राम को बंद कर दिया था.

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Twitter ने पहले बताया है कि वेरिफिकेशन के लिए मिली रिक्वेस्ट को रिव्यू करने में कुछ टाइम लग सकता है. इन रिक्वेस्ट को व्यक्ति रिव्यू करते हैं ताकि ये सुनिश्चत हो सकें कि आपके सारे एप्लीकेशन मैटेरियल को रिव्यू किया जा सकें. 

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कंपनी ने ये भी बताया कि अगर बहुत ज्यादा वेरिफिकेशन रिक्वेस्ट उनको मिलती है तो वो वेरिफिकेशन रिक्वेस्ट को कुछ टाइम के लिए रोक देंगे ताकि पुराना बैकलॉग क्लियर हो सकें. वेरिफिकेशन के लिए अकाउंट पिछले 6 महीने से एक्टिव होना चाहिए और इसे कुछ क्राइटेरिया को फॉलो करना चाहिए.  

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