WhatsApp लगातार दावा करता आया है कि इसके प्लेटफॉर्म पर मैसेज एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड होते हैं. इसको लेकर टेक रिपोर्टर भी यही कहते हैं लेकिन एक रिपोर्ट के अनुसार ये दावा झूठा है. रिपोर्ट में बताया गया है कि WhatsApp मैसेज एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड नहीं होते हैं. हालांकि, Facebook ने इन आरोपों का खारिज कर दिया है.
इसमें ये भी बताया गया है कि फेसबुक प्लेटफॉर्म के मैसेज को देखता है. ये दावा ProPublic ने किया है. इसमें बताया गया है फेसबुक WhatsApp के एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन का काफी ज्यादा मार्केटिंग 2016 से ही कर रहा है. इसी साल एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन को लाया गया था.
ProPublica की रिपोर्ट WhatsApp के 1,000 कॉन्ट्रैक्ट वर्कर के ऑब्जरबेशन पर किया गया है. इसमें कहा गया है लाखों यूजर्स के कंटेंट को देखने के बाद ऐसा दावा किया जा रहा है. इन वर्कर्स को फेसबुक के स्पेशल सॉफ्टवेयर का एक्सेस दिया गया है.
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि इस सॉफ्टवेयर की मदद WhatsApp के प्राइवेट मैसेज, इमेज और वीडियो को चेक किया जा सकता है. रिपोर्ट में उन यूजर्स के मैसेज को भी बताया गया है जिन्होंने इसे रिपोर्ट किया है.
इसमें बताया गया है कि ये वकर्स उस पर जजमेंट देते हैं जो उनकी स्क्रीन पर फ्लैश हो रहा होता है. इसमें फ्रॉड, स्पैम, चाइल्ड एब्यूज और टेररिस्ट प्लॉट को लेकर एक मिनट से भी कम समय में जजमेंट देते हैं.
यहां पर ये क्लियर है कि इस रिपोर्ट में वैसे कन्वर्सेशन की बात हो रही है जिसे किसी पार्टी ने WhatsApp चैट में फ्लैग किया हो.
इसमें इस बात का जिक्र नहीं किया गया है कि ये सिर्फ आखिरी के 5 मैसेज को अपने लोगों को फॉरवार्ड करता है. इसका मतलब कंटेंट मॉडरेशन के पास पूरी चैट हिस्ट्री का एक्सेस नहीं होता है.
इस साल वॉट्सऐप की तब हुत ज्यादा आलोचना हुई थी जब इसने नई प्राइवेसी पॉलिसी के बारे में बताया था. इससे वॉट्सऐप और फेसबुक के बीच डेटा शेयर करना काफी आसान हो बना दिया गया. हालांकि, इस शेयरिंग को बिजनेस चैट तक ही लिमिटेड रखा गया है.
WhatsApp ने Android Central को एक स्टेटमेंट में बताया कि स्पैम और एब्यूज को रिपोर्ट करने के लिए यूजर्स के पास एक ऑप्शन होता है. इससे वो लेटेस्ट चैट को शेयर कर सकते हैं. वो इस बात को पूरी तरह से नकारते हैं कि यूजर्स का चैट एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड नहीं होता है.