
5G यानी 5वीं पीढ़ी या फिर 5वीं जनरेशन कह लीजिए. टेलीकॉम की दुनिया में यह टर्म इस वक्त मुख्य चर्चा का विषय है. लंबे इंतजार के बाद आखिरकार 5G स्पेक्ट्रम नीलामी की आज शुरुआत हो चुकी है. 5G के आने के बाद बहुत कुछ बदलने वाला है. हालांकि, नीलामी में आपको बहुत कुछ नया देखने को मिलेगा.
अंबानी और अडानी दोनों ही इसमें बोली लगा रहे हैं. वहीं टेलीकॉम इंडस्ट्री का भविष्य भी इस स्पेक्ट्रम नीलामी के बाद साफ हो जाएगा. इंडस्ट्री के दो बड़े प्लेयर्स- Jio और Airtel काफी ज्यादा पैसे लगा रहे हैं.
वहीं वोडाफोन आइडिया अभी पीछे हटने की तैयारी में नहीं है. ऐसे कई रोचक चीजें हैं, जो इस स्पेक्ट्रम नीलामी में देखने को मिलेंगी. आइए जानते हैं स्पेक्ट्रम नीलामी से जुड़ी 10 बड़ी बातें.
इस नीलामी में चार लोकल कंपनियां हिस्सा ले रही हैं. तीन का नाम आप पहले से जानते हैं. यानी टेलीकॉम इंडस्ट्री के तीन प्लेयर्स Jio, Airtel और Vi. तीनों ही स्पेक्ट्रम नीलामी की रेस में शामिल हैं. वहीं चौथा प्लेयर अडानी के रूप में आया है. गौतम अडानी की कंपनी अडानी डेटा नेटवर्क्स भी इसमें शामिल हुई है.
5जी यानी टेलीकॉम नेटवर्क की नई जनरेशन. इसमें ना सिर्फ आपको फास्ट इंटरनेट स्पीड मिलेगी. बल्कि कंज्यूमर्स को बेहतर कॉल और कनेक्टिविटी भी मिलेगी. कॉल ड्रॉप जैसी समस्याएं कम होंगी.
सरकार ने 20 साल के लिए 72GHz की एयरवेव्स के 10 बैंड्स के लिए नीलामी शुरू की है. इसमें चार कंपनियों ने हिस्सा लिया है. सरकार ने बेस प्राइस 4.3 लाख करोड़ रुपये रखा है.
5G ऑक्शन में लो-बैंड एयरवेव्स (600 MHz, 700 MHz, 800 MHz, 900 MHz, 1800 MHz, 2100 MHz, 2300 MHz, 2500 MHz), मिड बैंड या फिर C-बैंड (3.3- 3.67Ghz) और हाई बैंड (26GHz) के लिए बोली लगेगी.
रिलायंस जियो इस ऑक्शन में सबसे बड़ी प्लेयर है. कंपनी ने 140 अरब रुपये डिपॉजिट किए हैं. वहीं भारती एयरटेल 55 अरब रुपये, वोडाफोन-आइडिया ने 22 अरब और अडानी डेटा नेटवर्क्स ने 1 अरब रुपये डिपॉजिट किए हैं.
टेलीकॉम सेक्टर में पहली बार गौतम अडानी की एंट्री हो रही है. उनकी कंपनी अडानी डेटा नेटवर्क्स भी नीलामी में हिस्सा ले रही है. कंपनी ने 1 अरब रुपये की अग्रिम राशि डिपॉजिट की है.
वैसे सीधे तौर पर तो ऐसा होता नहीं दिख रहा है. अडानी की कंपनी ने 1 अरब रुपये जमा किए हैं, जबकि अंबानी की जियो ने 140 अरब रुपये लगाए हैं. वहीं अडानी की कंपनी स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल एयरपोर्ट, पोर्ट्स और लॉजिस्टिक को साइबर सिक्योरिटी प्रदान करने में करेगी.
दुनियाभर के कई देशों में 5G सर्विसेस लाइव हैं. एक ओर जहां भारत विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो रहा है. वहीं दूसरी तरफ टेक्नोलॉजी में पिछड़ना बड़ी दिक्कत हो सकती है. आने वाला वक्त टेक्नोलॉजी का है. आज के वक्त में भी हमारी लाइफ में इसका बड़ा रोल है.
5G स्पीड की बात करें तो इसमें 4G के मुकाबले 100 गुना ज्यादा तेज तक स्पीड मिलेगी. जहां 4G नेटवर्क पर यूजर्स को 100Mbps की स्पीड मिलती है, बल्कि 5G में यूजर्स को 10Gbps तक की स्पीड मिलेगी.
5जी के लिए यूजर्स को कितने पैसे खर्च करने होंगे? ये अभी साफ नहीं है. एक्सपर्ट्स की मानें तो 5G प्लान्स कहीं से भी सस्ते नहीं होने वाले हैं. हालांकि, अब तक टेलीकॉम कंपनियों का कहना है कि 4G जैसे ही डेटा प्लान्स 5G के लिए भी मिलेंगे. डेटा प्लान्स की कीमत रोलआउट के बाद ही पता चलेगी.