
दुनिया भर में कोरोना वायरस एक बार फिर से सर उठा रहा है. श्रीलंका में लॉकडाउन का ऐलान हो चुका है. इसी को मद्देनजर रखते हुए अमेरिकी टेक कंपनी ऐपल ने भी अपने कर्मचारियों को जनवरी 2022 तक वर्क फ्रॉम होम करने को कहा है.
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के केस कम होने की वजह से कंपनी ने कर्मचारियों से ऑफिस आने को कहा था. लेकिन अब कोरोना वायरस के नए केस का हवाला देते हुए कंपनी ने वर्क फ्रॉम होम को बढ़ा दिया है.
जून में टिम कुक ने कहा था कि कंपनी हाईब्रिड वर्क मॉडल पर काम करेगी. तय किया गया कि सितंबर से कर्मचारी हफ्ते में तीन दिन ऑफिस आएंगे.
हालांकि इसके बाद कुछ कर्मचारियों ने इसका विरोध भी किया. उनका कहना था कि इस महामारी के वक्त में कंपनी को अपने कर्मचारियों को इस बात की आजादी देनी चाहिए कि वो वर्क फ्रॉम होम करें. यानी जो घर से काम करना चाहें उन्हें घर से काम करने दिया जाए.
बहरहाल बाद में ऐपल ने सितंबर के बजाए अपने कर्माचारियों को अक्टूबर से ऑफिस आने को कहा. लेकिन अब कोरोना वायरस के नए केस का हवाला देते हुए इस साल तक ऑफिस आने से मना कर दिया गया है.
ऐपल ने कहा है कि कंपनी लोगों को ऑफिस बुलाने से पहले एक महीने नोटिस देगी. रिपोर्ट के मुताबिक एक ऐपल कर्मचारियों को किए गए इंटर्नल मेल में लोगों से वैक्सीनेशन कराने की अपील की गई है.
इस ईमेल में लिखा है कि ये महामारी खत्म नहीं हुई है. इस वजह से दुनिया भर में ज्यादातर कर्मचारियों के लिए ये एक ट्रैजिडी है. कंपनी ने सभी कर्मचारियों को एक बार फिर से सपोर्ट देने की बात कही है.
आपको बता दें कि ऐपल सीईओ टिम कुक ने हाईब्रिड वर्क मॉडल टेस्ट करने की बात कही. इसके तहत कर्मचारियों को सितंबर महीने से हफ्ते में तीन दिन ऑफिस आने को कहा गया था. बाद में इसे बढ़ा कर अक्टूबर कर दिया गया और अब ऐपल के कर्मचारियों को जनवरी 2022 तक वर्क फ्रॉम होम करने को कहा गया है.