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ड्यूरेबिलिटी टेस्ट में पास हुए iPhone 15 और iPhone 15 Plus, फेल हुआ सबसे महंगा मॉडल

iPhone 15 Durability Test: ऐपल के लेटेस्ट फोन्स यानी iPhone 15 सीरीज के सभी मॉडल्स का ड्यूरेबिलिटी टेस्ट हो चुका है. हालांकि, इनके टेस्ट के लिए कोई ऑथराइज्ड संस्था नहीं है, लेकिन तमाम YouTubers इस तरह के टेस्ट करते हैं. ऐसे ही एक टेस्ट में सबसे महंगा आईफोन यानी iPhone 15 Pro Max तो फेल हो गया, लेकिन iPhone 15 पास हो गया है.

iPhone 15 और iPhone 15 Plus ड्यूरेबिलिटी टेस्ट में पास iPhone 15 और iPhone 15 Plus ड्यूरेबिलिटी टेस्ट में पास
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 30 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 10:23 PM IST

Apple iPhone 15 Pro Max हाल में अपनी ड्यूरेबिलिटी टेस्ट को लेकर चर्चा में था. दरअसल, टाइटैनियम फ्रेम वाला ये आईफोन अपने ड्यूरेबिलिटी टेस्ट में फेल हो गया था. इस टेस्ट में आईफोन का रियर ग्लास बेंड टेस्ट (Bend Test) शुरू होते ही टूट गया था. ऐसे में एक चिंता लोगों के मन में थी कि इसके स्टैंडर्ड वर्जन का क्या होगा. 

यानी iPhone 15 सीरीज का क्या होगा. हालांकि, इस सीरीज के ड्यूरेबिलिटी टेस्ट ने लोगों को चौंका कर रख दिया है. ऐलुमिनियम फ्रेम वाले iPhone 15 और iPhone 15 Plus ने इस टेस्ट को पास कर लिया है. 

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फेल हुआ था iPhone 15 Pro Max

Jerry Rig Everything ने अपने YouTube वीडियो में इस सीरीज के सभी फोन्स का ड्यूरेबिलिटी टेस्ट किया है. जब उन्होंने iPhone 15 Pro Max को बेंड किया, तो उसका रियर ग्लास तुरंत ही टूट गया. मगर जब इस टेस्ट को iPhone 15 और iPhone 15 Pro पर किया गया तो ये फोन्स नहीं टूटे. 

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इस पूरे वीडियो की शुरुआत स्क्रैच टेस्ट से होती है, जिसमें सभी आईफोन पास हो जाते हैं. आईफोन में गोरिल्ला ग्लास के बजाय सिरेमिक ग्लास प्रोटेक्शन मिलती है. इसके बाद बेंड टेस्ट होता है, जिसमें iPhone 15 और iPhone 15 Plus दोनों ही पास हो जाते हैं. हालांकि, इस टेस्ट में iPhone 15 Pro Max फेल हो गया था, लेकिन iPhone 15 Pro पास हुआ था. 

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क्या हो सकती है फेल होने की वजह?

ऐपल ने अपने प्रोडक्ट पेज पर दावा किया है कि Pro लाइन-अप को टाइटैनियम की स्ट्रेंथ और स्मार्टफोन्स में यूज हुए सबसे मजबूत ग्लास से तैयार किया गया है, जिससे ये लंबे समय तक चल सके. 

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प्रो वेरिएंट में कंपनी ने फ्रेम को टाइटैनियम से तैयार किया है, जो रियर ग्लास पैनल से कनेक्टेड है. ऐसा लगता है कि कंपनी से इस डिवाइस के स्ट्रक्चर में कोई कमी छूट गई है, जिसकी वजह से ग्लास इस प्रेशर को बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है. 

ऐसा भी हो सकता है कि ये टाइटैनियम और ऐलुमिनियम के बीच मौजूद इलास्टिसिटी के अंतर की वजह से हुआ हो. वजह कुछ भी हो इसका असर सीधा कंज्यूमर की जेब पर पड़ेगा. अगर आपके iPhone 15 Pro Max का ग्लास टूट जाता है, तो इसे रिप्लेस करने के लिए आपको 17 हजार रुपये खर्च करने होंगे.

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