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ट्रैप, डिजिटल अरेस्ट और बैंक खाता साफ... महिला से डेढ़ करोड़ की ठगी के बाद खुला थाइलैंड-नेपाल नेटवर्क का राज

Cyber fraud के आए दिन नए-नए केस सामने आ रहे हैं, जहां साइबर क्रिमिनल्स लोगों को चूना लगाने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाते हैं. ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से सामने आया है, जिसकी जांच में कई बड़े खुलासे हुए और उसका कनेक्शन थाइलैंड-नेपाल से है. साथ ही साइबर क्रिमिनल्स कैसे लोगों को शिकार बनाते हैं, इसके बारे में जानते हैं.

साइबर क्राइम की कहानी, साइबर ठगों की जुबानी. साइबर क्राइम की कहानी, साइबर ठगों की जुबानी.
आनंद राज
  • नई दिल्ली ,
  • 09 मई 2024,
  • अपडेटेड 11:26 AM IST

साइबर ठगी के आए दिन नए-नए केस सामने आ रहे हैं. साइबर क्रिमिनल्स लोगों को लूटने के लिए नए-नए तरीके अपनाते हैं. क्या आप जानते हैं कि ये गिरोह कैसे काम करते है? इसको लेकर UP पुलिस की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है. आइए इसके बारे में डिटेल्स में जानते हैं. 

दरअसल, उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक महिला के साथ 1.48 करोड़ रुपये की ठगी का मामला सामने आया है. इस केस में महिला को तीन दिनों तक डिजिटली अरेस्ट रखा और उसे डराया-धमकाया. आखिर में जाकर उसको 1.48 करोड़ रुपये  का चूना लगा दिया. 

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पुलिस के पास जब ये मामला पहुंचा और उत्तर प्रदेश की पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए जांच शुरू की. कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया. इसके बाद साइबर क्रिमिनल्स के आरोप का सामने करने वालों ने बड़ा खुलासा किया और बताया कि साइबर ठगी का गिरोह कैसे काम करता है. 

बताया क्राइम का तरीका

साइबर क्राइम की पूछताछ में पकड़े गए अपराधियों ने बताया है कि साइबर ठगी का काम ऑनलाइन के जरिए किया जाता था. इसको बैंकॉक थाईलैंड नेपाल में बैठकर किया जाता था. यही नहीं इसके लिए भारत के कई राज्यों में एजेंट बना रखा था, जो कमिशन एजेंट खातों का कलेक्शन का काम करते थे. उन सभी को खाते का कमीशन देने का लालच देकर जाल में फसाया जाता था.

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ऐसे काम करता है साइबर ठगों का गिरोह 

साइबर ठगी में गिरफ्तार किए गए मिथिलेश शाहजहांपुर का रहने वाला है, ए कुमार नोएडा और राजेश कुमार नई दिल्ली का रहने वाला है. पकड़े गए आरोपियों ने पुलिस के पूछताछ में बताया है कि मोबाइल के WhatsApp और Telegram APK फाइल को भेज कर ठगी के शिकार करने वाले से डाउनलोड कराते थे. 

ऐप से फोन को रिमोट एक्सेस पर ले लेते हैं

ऐप डाउनलोड करने के बाद फोन को रिमोट एक्सेस पर ले लेते हैं, अपने पास लेकर विदेश में बैठे हुए सरगना किसी को भी डिजिटल अरेस्ट का शिकार बनाते थे. उसके बाद रुपयों को अलग-अलग खातों में डाल दिया जाता था. यही नहीं उन पैसों को अलग-अलग जगह से निकलवाया भी जाता है. बनाए गए एजेंट को उनका कमीशन भी इसी पैसे से भी दिया जाता था.

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बुजुर्ग महिला को ऐसे ठगा 

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में रहने वाली बुजुर्ग महिला को वीडियो कॉल के जरिए एक नकली डीसीपी ने पूछताछ के नाम पर कॉल भी किया. साइबर ठगी करने वाले सारे अपराधियों के कॉन्फिडेंस लेवल इतना अच्छा की महिला अंतिम समय तक उन को पहचान तक नहीं पाई. साइबर ठगी का शिकार हुई महिला को यह लगा कि उसके साथ कुछ गलत हुआ तो अपनी आप बीती शिकायत लेकर प्रयागराज के जॉर्ज टाउन थाने पहुंची. पुलिस ने जब परत दर परत जांच शुरू किया तो पूरे मामले का खुलासा हूआ. 

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