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DeepSeek: इस छोटे चीनी स्टार्टअप से क्यों परेशान हो गया अमेरिका? साफ हो गए हजारों करोड़

DeepSeek R1: चीनी AI मॉडल ने इस समय दुनिया भर में तहलका मचा रखा है. अभी तक OpenAI का ChatGPT नंबर-1 था, लेकिन चीनी DeepSeek के आने के बाद अमेरिकी मार्केट से अरबों डॉलर्स साफ हो गए हैं. इतना ही नहीं, DeepSeek पर साइबर अटैक हुआ है और कंपनी ने इस वजह से अब रजिस्ट्रेशन बंद है.

DeepSeek R1 DeepSeek R1
Munzir Ahmad
  • नई दिल्ली,
  • 28 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 6:21 PM IST

DeepSeek R1 चीन का AI मॉडल है और हफ्ते भर के अंदर ये इतना पॉपुलर हो गया है कि इसने ChatGPT को भी पीछे छोड़ दिया है. कंपनी ने फिलहाल नए रजिस्ट्रेशन बंद कर दिए हैं और ये कई जगहों पर काम भी करना बंद कर चुका है. आपको बता दें कि DeepSeek R1 को चीनी स्टार्टअप ने बनाया है और ये ChatGPT के मुकाबले आगे निकल रहा है. 

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ChatGPT के ज्यादातर फीचर्स पेड हैं, लेकिन DeepSeek पूरी तरह से फ्री है. यहां तक की DeepSeek ओपन सोर्स है और कोई भी इसे लेकर कस्टम Chatbot तैयार कर सकता है और इसके लिए कोई पैसे भी नहीं लगेंगे. 

DeepSeek पर हुआ साइबर अटैक

कंपनी ने कहा है कि DeepSeek सर्वर्स पर लार्ज स्केल साइबर अटैक हुआ है और इस वजह से नए रजिस्ट्रेशन बंद किए जा रहे हैं. यानी फिलहाल आप DeepSeek पर साइन अप नहीं कर पाएंगे. जिन लोगों ने साइन अप कर लिया है उनका अकाउंट तो चलेगा, लेकिन फिलहाल हमने ट्राई किया है तो ये काम नहीं कर रहा है. 

ChatGPT को पीछे छोड़ बना नंबर-1

ग़ौरतलब है कि अमेरिकी ऐपल ऐप स्टोर पर ChatGPT को पीछे छोड़ कर DeepSeek R1 नंबर-1 बन गया. ये मोस्ट डाउनलोडेड ऐप हो चुका है. अमेरिका में गूगल प्ले स्टोर में भी ये टॉप रेटेड फ्री ऐप बन चुका है. DeepSeek ने कहा है कि कंपनी पर लार्ज स्केल मलेशियस अटैक हुए हैं.

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DeepSeek के आते ही सिलिकॉन वैली में हलचल मची है. अमेरिकी मार्केट को 600 बिलियन डॉलर्स से ज्यादा नुक़सान हो चुका है. अकेले NVIDIA को 593 बिलियन डॉलर्स का नुकसान हो गया. तमाम टेक कंपनियों से शेयर में गिरावट दर्ज की गई और NVIDIA का सबसे बड़ा नुक़सान हुआ. 

क्यों हो रहा है कंपनियों को नुक़सान?

दरअसल DeepSeek ने अपने मॉडल से ये प्रूफ़ कर दिया है कि इसे बनाने और ऑपरेट करने में पैसे कितने खर्च होते हैं. उदाहरण के तौर पर OpenAI के पास 4000 इंप्लॉइज हैं, जबकि DeepSeek के पास 200 लोगों की टीम है. 

DeepSeek को ChatGPT के मुकाबले ज्यादा इफिशिएंट मॉडल माना जा रहा है. कम रिसोर्स में ये ज्यादा काम कर रहा है और कई मामलों में ये ChatGPT को भी आउटपरफॉर्म कर रहा है. 

चूंकि अमेरिकी कंपनियों ने GenAI पर अरबों डॉलर्स इन्वेस्ट कर रखे हैं, इसलिए अब सभी में ख़ौफ़ का माहौल है. ख़ौफ़ इसलिए, क्योंकि अब उन्हें लग रहा है कि इतने निवेश की ज़रूरत ही क्या थी. 

ChatGPT के मुकाबले कितना सस्ता पड़ता है DeepSeek?

OpenAI का o1 मॉडल जिसे ट्रेन करने में 15 डॉलर प्रति मिलियन इनपुट टोकेन लगते हैं और 60 डॉलर प्रति मिलियन आउटपुट टोकेन लगते हैं. जबकि DeepSeek R1 सिर्फ 0.55 डॉलर/मिलियन इनपुट टोकेन और 2.19 डॉलर प्रति मिलियन आउटपुट टोकेन ही चार्ज करता है. ज़ाहिर है ये ChatGPT से बेहद सस्ता हुआ. 

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एक फैक्ट ये भी है कि कंपनी ने कहा है कि DeepSeek R1 को डेवेलप करने में सिर्फ दो महीने लगे हैं, लेकिन OpenAI और Google जैसी कंपनियों ने इसे बनाने में सालों लगाए हैं. 

क्या है Input Token 

डेटा या टेक्स्ट का छोटा पोर्शन जो AI मॉडल को दिया जाता है उसे इनपुट टोकेन कहा जाता है. AI मॉडल्स जैसे DeepSeek R1 या ChatGPT टेक्स्ट को छोटे युनिट्स में तोड़ते हैं जिसे टोकेन कहा जाता है. ये टोकेन्स शब्दों, कैरेक्टर्स या टेक्स्ट को छोटे टुकड़ों में डिवाइड करते हैं जो मॉडल प्रोसेसिंग के लिए जरूरी होता है. 

आपको पता ही होगा कि इस तरह के लार्ज लैंग्वेज मॉडल्स को ट्रेन करने के लिए काफी ज्यादा डेटा की ज़रूरत होती है. ये डेटा कंपनियों पब्लिक आर्टिकल्स और बुक्स से कलेक्ट करती हैं. इसी डेटा के साथ इन मॉडल्स को ट्रेन कराया जाता है. 

जैसे - अगर आप एक सेंटेंस ट्रेन करने के लिए मॉडल को देते हैं जो - AI Is Amazing है. 

AI मॉडल इस सेंटेंस को टोकेन में तोड़ेगा तो ऐसे दिखेगा - ‘AI’ ‘IS’ ‘Amazing’. यानी एक सिंपल सेंटेंस को इसने चार टुकड़ों में बांट दिया. 

Stargate प्रोजेक्ट पर लगे हैं हजारों करोड़

Stargarte प्रोजेक्ट पर OpenAI, Microsoft, Softbank और Oracle ने लगभग 500 अरब डॉलर निवेश करेंगे. ये प्रोजेक्ट GenAI को लेकर है और इसमें डेटाबेस और सर्वर सेटअप करने का प्लान है. 

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अब चूंकि DeepSeek सबकुछ सस्ते में लेकर आ गया और वो भी फ्री, इसलिए अमेरिकी मार्केट में एक भूचाल सा आ गया है. इससे सबसे ज्यादा प्रभावित Nvidia है, क्योंकि GenAI के आने से इसी कंपनी को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है. 

Open AI सहित तमाम AI की बड़ी कंपनियां Nvidia के ही कार्ड्स यूज़ करती हैं. इतना ही नहीं, Nvidia का फ़्लैगशिप AI चिपसेट चीन एक्स्पोर्ट नहीं किया जा सकता, क्योंकि अमेरिका ने एक्सपोर्ट पर बैन कर रखा है. इस वजह से भी Nvidia का नुक़सान हो रहा है. 

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