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क्या सच में Tesla के को-फाउंडर हैं Elon Musk? ये हैं कंपनी को शुरू करने वाले असली इंजीनियर

Elon Musk Tesla CEO और ऑफिशियली को-फाउंडर है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह कंपनी उन्होंने नहीं बल्कि दो इंजीनियर Martin Eberhard और Marc Tarpenning ने मिलकर शुरू की थी और वे ही इसके को-फाउंडर थे. इनवेस्टर्स के नाम पर इस कंपनी का नाम Tesla रखा था. अब सवाल आता है तो कैसे Elon Musk Tesla के को-फाउंडर बन गए. आइए इसके बारे में डिटेल्स में जानते हैं.

एलन मस्क एलन मस्क
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 24 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 4:49 PM IST

Elon Musk का नाम आते ही दो बातें तुरंत याद आती हैं, जिसमें से एक Tesla CEO व को-फाउंडर और दुनिया के सबसे अमीर शख्स. लेकिन क्या आप जानते हैं कि Tesla कंपनी की शुरुआत Martin Eberhard और Marc Tarpenning ने मिलकर शुरू की थी, तो एलॉन मस्क कैसे को-फाउंडर बन गए. आइए इसके बारे में डिटेल्स में जानते हैं.

दुनियाभर में मशहूर इलेक्ट्रिक कार मैन्यूफैक्चरर Tesla का इतिहास आपको बताने जा रहे हैं. इसमें आपको बताएंगे कि कैसे Elon Musk ने को-फाउंडर की पॉजिशन हासिल कर ली. आइए जानते हैं.  

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ऐसे हुई थी Tesla की शुरुआत 

साल 2003 में इंनीजिनियर Martin Eberhard और Marc Tarpernning ने मिलकर Tesla मोटर्स की शुरुआत की थी. दरअसल, Nikola Tesla के शामिल होने के बाद इस स्टार्टअप का नाम Tesla रखा गया था. 

Tesla को लेकर क्या था विजन 

Tesla को शुरू करने को लेकर उनकी विजन क्लीयर था, जिसमें वह एक हाई परफोर्मेंस वाली इलेक्ट्रिक कार तैयार करना चाहते थे और जो ऑटोमोबाइल्स इंडस्ट्री को बदल सकती थी. अन्य स्टार्टअप के फाउंडर की तरह वह भी फंड खोज रहे थे.

2004 में Elon Musk की एंट्री 

बताते चलें कि Tesla कंपनी की पिक्चर में फरवरी 2004 में Elon Musk की एंट्री हुई. उन्होंने इस कंपनी में 6.5 मिलियन डॉलर का इनवेस्टमेंट किया और फिर कंपनी के बोर्ड में चैयरमैन बन गए, PayPal की सफलता के बाद मस्क के पास ढेर सारी रकम थी. Elon Musk यहीं नहीं रुकना चाहते थे, वे खुद को कंपनी की रीड़ की हड्डी बनाना चाहते थे. 

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Elon Musk ने सेट किया नेरेटिव 

शुरुआत में Tesla के इंजीनियर औरको- फाउंडर कंपनी का पूरा क्रेडिट ले जाते हैं और उस समय तक Tesla के फेस के रूप में Eberhard को ही जानते थे. Elon Musk को यह बात शायद बुरी लगने लगी थी. इसके बाद Tesla को मीडिया कवरेज मिली तो उसमें Elon Musk का नाम गायब था. ये जानकारी एक ईमेल्स के जरिए भी सामने आ चुकी है, जिसमें Elon Musk का गुस्सा खुले तौर पर जाहिर हुआ था, Tesla की ब्रांडिंग में उनका नाम कहीं भी यूज नहीं किया था.

Elon Musk ने तैयार किया नया प्लान  

इसके बाद Elon Musk ने एक नया प्लान बनाया और उन्होंने Top Secret Tesla Master Plan  पब्लिश कराया. साल 2006 के इस ब्लॉग पोस्ट में Elon Musk को Tesla की स्ट्रेटेजी मास्टरमाइंड बताया गया. यह पहला मौका था जब Elon Musk ने Tesla का नेरेटिव चेंज करने की कोशिश की. 

Elon Musk के साथ बढ़ने लगी तकरार 

इसके बाद Tesla का बिजनेस बढ़ने लगा और Elon Musk और Martin Eberhard के बीच तकरार बढ़ने लगी. यहां गौर करने वाली बात यह थी कि Elon Musk का मैनेजमेंट स्टाइल काफी एग्रेसिव था और वे कंट्रोल चाहते थे. इस दौरान वे उन लोगों को हटाने चाहते थे, जो उनके रास्ते में आ रहे थे. 

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Tesla के अंदर 2007 में हुआ बड़ा बदलाव 

इसके बाद साल 2007 में Eberhard को CEO के पोस्ट से हटाया गया. इसके बाद Eberhard ने Elon Musk के खिलाफ मानहानी का केस दर्ज किया. इसके बाद यह कानूनी जंग सेटेलमेंट पर जाकर खत्म हुई और इस दौरान एक मजेदार बात सामने आई.

Tesla के को-फाउंडर की पहचान अपने नाम की 

इस केस के बाद लीगल तौर पर Elon Musk ने Tesla के को-फाउंडर की पहचान को अपने नाम कर लिया. कानूनी तौर पर Tesla को-फाउंडर की पॉजिशन हासिल करने के बाद उन्होंने अपने नाम के साथ Tesla को-फाउंडर लिखना शुरू किया और आज मौजूदा सिनेरियो सभी के सामने है. 

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