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Jio और Airtel को चुनौती देगी Starlink? भारत में लाइसेंस के लिए फिर किया अप्लाई

Starlink In India: भारत में स्टारलिंक की सर्विस शुरू करने के लिए एलॉन मस्क एक बार फिर तैयारी में जुट गए हैं. मस्क की कंपनी SpaceX इसके लिए DoT से GMPCS लाइसेंस की मंजूरी पाने में लगी है. हालांकि, भारत में स्पेस टेलीकम्युनिकेशन्स की रेस में सिर्फ एलॉन मस्क ही नहीं बल्कि जियो और एयरटेल भी शामिल हैं. आइए जानते हैं इसकी डिटेल्स.

Starlink सर्विस की मंजूरी के लिए SpaceX कर रहा कोशिश Starlink सर्विस की मंजूरी के लिए SpaceX कर रहा कोशिश
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 19 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 10:43 AM IST

एलॉन मस्क की सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस Starlink एक बार फिर भारत में अपने सर्विस का विस्तार करने की कोशिश कर रही है. स्टारलिंक को मैनेज करने का काम SpaceX करती है. कंपनी ने ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन बाय सैटेलाइट सर्विसेस (GMPCS) लाइसेंस के लिए अप्लाई किया है. 

स्टारलिंक ने भारत में इस लाइसेंस के लिए DoT (डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन्स) को एप्लिकेशन भेजा है. इससे पहले भी कंपनी भारत में एंट्री की कोशिश कर चुकी है.

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पिछले साल कंपनी ने स्टारलिंक इंटरनेट सर्विसेस के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू किया था. हालांकि कंपनी ने कुछ दिनों बाद प्री-बुकिंग बंद कर दी थी. इसकी वजह थी DoT की वार्निंग. 

पहले भी किया था लाइसेंस के लिए अप्लाई

दरअसल, डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन्स ने कंज्यूमर्स को स्टारलिंक के लिए रजिस्ट्रेशन ना करने की सलाह दी थी. इसकी वजह थी कंपनी का बिना लाइसेंस मिले लोगों को सर्विस रजिस्ट्रेशन ऑफर करना. इसके बाद कंपनी ने अपनी वेबसाइट को अपडेट किया था.

स्टारलिंक ने अपनी साइट पर लिखा था, 'रेगुलेटरी मंजूरी नहीं मिलने की वजह से स्टारलिंक की सर्विस आपके एरिया में फिलहाल उपलब्ध नहीं है.' लेटेस्ट रिपोर्ट्स की मानें तो SpaceX ने फिलहाल GMPCS लाइसेंस के लिए पिछले हफ्ते अप्लाई किया है.

मंजूरी के बाद भी आसान नहीं होगी शुरुआत

कंपनी ने एक्सपेरिमेंटल लाइसेंस के लिए अप्लाई किया था, लेकिन बाद में उसे विड्रॉ कर लिया. रिपोर्ट की मानें तो अगर Starlink को GMPCS लाइसेंस मिल भी जाता है, तो भी कंपनी तुरंत इंटरनेट सर्विस को लॉन्च नहीं कर सकेगी. 

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स्पेस इंटरनेट सर्विस लॉन्च करने के लिए कंपनी को डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस की भी मंजूरी चाहिए होगी और उसे जरूरी स्पेक्ट्रम भी खरीदने होंगे. मंजूरी मिलने के बाद भी कंपनी को देश में अर्थ स्टेशन स्टैब्लिश करना होगा.  

दूसरी कंपनियों की भी है तैयारी

एलॉन मस्क की SpaceX ही नहीं, बल्कि दूसरी कंपनियां भी देश में सैटेलाइट इंटरनेट की सर्विस एक्सपैंड करने की तैयारी में हैं. फिलहाल भारती एयरटेल इसके लिए Hughes के साथ जॉइंट वेंचर पर काम कर रही है.

जिसकी मदद से देश में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस शुरू की जा सके. वहीं रिलायंस जियो को भी इसके लिए DoT से NOD मिल चुका है. 5G के बाद अब सैटेलाइट कनेक्टिविटी बड़ा दांव होगा. इससे रूलर और रिमोट एरिया में भी कनेक्टिविटी पहुंचाई जा सकेगी. 

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