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WhatsApp की पॉलिसी को हम और अच्छे तरीके से ला सकते थे, FB इंडिया हेड

Facebook India के हेड अजीत मोहन ने India Today Conclave East 2021 के दौरान WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी के बारे में बताया है.

India Today Conclave East 2021 India Today Conclave East 2021
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 11 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 4:07 PM IST
  • Facebook इंडिया हेड ने कहा, प्राइवेसी पॉलिसी अच्छे से करना चाहिए था एक्स्प्लेन
  • अजीत मोहन ने कहा, WhatsApp के मैसेज कोई नहीं पढ़ सकता.

India Today Conclave East 2021 के एक सेशन के दौरान फेसबुक इंडिया डायरेक्टर और वाइस प्रेसिडेंट अजीत मोहन ने WhatsApp की नई पॉलिसी के बारे में बात की. 

अजीत मोहन ने कहा है कि WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी को हम और बेहतर तरीके से रोल आउट कर सकते थे. उन्होंने ये कहा WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी को हम और बेहतर तरीके से लोगों को एक्स्प्लेन कर सकते थे जो हमने नहीं किया. 

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अजीत मोहन ने कहा है कि हाल ही में हुए WhatsApp की पॉलिसी बदलाव से हमें ये भी पता चला है कि भारत में लोग प्राइवेसी को लेकर काफी सजग हैं. लोगों को सिक्योर और एन्क्रिप्टेड कम्यूनिकेशन चाहिए. 

अजीत मोहन में एन्क्रिप्शन की बात कही. उन्होंने कहा कि वॉट्सऐप के मैसेज सिक्योर हैं और कोई इन्हें नहीं पढ़ सकता है. फेसबुक खुद इसे नहीं पढ़ सकता है. 

अजीत मोहन ने ये भी कहा कि हम प्राइवेट कंपनी है और भारतीय कानून की रेस्पेक्ट करते हैं. WhatsApp में एंड टु एंड एन्क्रिप्शन है और हम किसी का मैसेज नहीं पढ़ सकते हैं. 

अजीत मोहन ने कहा,  'जनवरी में हमें ये इंडिकेशन मिला कि लोग प्राइवेसी को लेकर केयर करते हैं. अगर ये लगता है कि मैसेज प्राइवेट नहीं हैं तो ऐसे में कई ऐप्स हैं जो विकल्प के तौर पर हैं. हमें हर दिन लोगों का ट्रस्ट जीतना होगा. कंपटीशन है मार्केट में इसलिए हम ग्रांटेड नहीं लेते हैं'  

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WhatsApp बिजनेस पॉलिसी में बदलाव.. 

अजीत मोहन ने प्राइवेसी को लेकर सवाल के जवाब में कहा, 'कई बदलाव 2016 मे ही हो गए थे, लेकिन जनवरी में ये साफ कर दिया गया कि लोग जब बिजनेस के साथ कम्यूनिकेट करते हैं तो उन्हें कुछ टूल का ऐक्सेस मिलता है जिससे वो यूजर का डेटा ले सकते हैं.'

पॉलिसी में लेकर कोई एन्क्रपिशन का बदलाव नहीं हुआ है. हमें नहीं लगता है कि हमने लोगों को अच्छे से एक्स्प्लेन किया है. हमें लगता है कि हम लोगों को इससे अच्छे से एन्क्रपिशन को लेकर समझा सकते थे. 

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मुझे लगता है कि हर दिन हमें लोगों को ट्रस्ट जीतना है और ऐसा नहीं है कि एक दिन में ही हम ट्रस्ट बना सकते हैं. हम ये मेक श्योर करना चाहते हैं कि जिन लोगों को कन्फ्यूजन है उन्हें क्लियर किया जा सके और उनका ट्रस्ट जीता जा सके. 

सिग्लन की वजह से कोई बड़ा नुकसान तो नहीं हुआ है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि हम लोगों का ट्रस्ट जीतने पर फोकस नहीं करेंगे. 

 

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