
कोरोना को लेकर गलत खबरों की भरमार सी है. WhatsApp फॉर्वर्ड पर लोग भरोसा कर रहे हैं जिससे नुकसान भी हो रहा है. कोरोना होने के बाद कई लोगों का ब्लड ऑक्सीजन लेवल ड्रॉप होता है और ऐसे में डॉक्टर ये सलाह देते हैं कि ऑक्सीजन लेवल का ट्रैक रखें यानी चेक करते रहें.
ब्लड ऑक्सीजन लेवल चेक करने के लिए ऑक्सीमीटर डिवाइस मिलते हैं जिससे इसे टेस्ट किया जाता है. आज कल स्मार्ट वॉच और फिटनेस बैंड में भी Spo2 यानी ब्लड ऑक्सीजन मॉनिटर का सपोर्ट दिया जा रहा है. लेकिन इन दिनों कई ऐसे मैसेज सर्कुलेट हो रहे हैं जिनमें कहा जा रहा है कि ऐप से ही आप ऑक्सीजन लेवल मॉनिटर कर सकते हैं.
आपको बता दें कि ये गलत है. कोई भी ऐप ऐसा नहीं कर सकता है. बिना हार्डवेयर डिवाइस के कोई भी ऐप आपको आपका ब्लड ऑक्सीजन लेवल नहीं बता सकता है. गूगल प्ले स्टोर पर ऐसे दर्जनों ऐप्स हैं जो दावा करते हैं कि उनमें ब्लड ऑक्सीजन लेवल मॉनिटर का फीचर है.
अगर आप भी इस तरह के ऐप पर भरोसा करके बैठे हैं तो इन्हें डिलीट करें और तुरंत ब्लड ऑक्सीन सैचुरेशन लेवल को ऑक्सीमीटर से चेक करें या डॉक्टर की सलाह लें. हालांकि हार्ट सेंसर इससे अलग तरीके से काम करते हैं और सैमसंग के कुछ पुराने स्मार्टफोन में कैमरा सेंसर के बगल में फिंगर रख कर हार्ट रेट पता किए जा सकते थे. ये फीचर गैलेक्सी नोट सीरीज का था.
गूगल प्ले स्टोर पर पाए जाने वाले फर्जी ऐप्स ब्लड ऑक्सीजन लेवल चेक करने के नाम पर पैसे भी ले रहे हैं. ये एक तरह के स्पाईवेयर हैं. यानी आपके फोन में इंस्टॉल होने के बाद आपका पर्सनल डेटा भी चुरा सकते हैं. इसलिए इस तरह के ऐप्स पर कभी भरोसा न करें.
अगर आपके फोन में भी इस तरह का कोई ऐप है तो उसे डिलीट करें और गूगल से इसकी शिकायत भी करें. हमने भी इस बारे में गूगल को कहा है. क्योंकि कई लोग इसका शिकार हो सकते हैं और इसका परिणाम भी गंभीर हो सकता है.