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इस वक्त देश में कोरोना महामारी की वजह से हाहाकार मचा हुआ है. लोग अपनों के लिए ऑक्सीजन, इंजेक्शन और अस्पतालों में बेड जुटाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं. हालात इतने बुरे हैं कि बहुत सी जगहों पर सरकारें भी कुछ कर पाने में नाकाम नजर आ रही हैं. अस्पतालों में ऑक्सीजन की इतनी कमी हो गई है कि लोग मरीजों के लिए सिलिंडर खुद लेकर जा रहे हैं.
अपनों के लिए ऑक्सीजन, इंजेक्शन और जरूरी दवाओं की व्यवस्था करने के लिए लोग सोशल मीडिया पर मदद की गुहार लगा रहे हैं. साथ ही मुसीबत में फंसे लोगों की मदद करने के लिए कई संस्थाएं और कई लोग भी सामने भी आ रहे हैं और सोशल मीडिया वाकई मददगार साबित भी हो रहा है. लेकिन, कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इस आपदा से घिरे लोगों को भी ठगने और पैसे ऐंठने से बाज नहीं आ रहे हैं.
अगर आप भी अपनों के लिए सोशल मीडिया के जरिए मेडिकल रिसोर्सेज खोजने की कोशिश कर रहे हैं, तो जरा सावधानी बरतें, क्योंकि बुरी नियत वाले इस आपदा को अपने लिए अवसर बनाने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसा ही ऑक्सीजन सिलिंडर और ऑक्सीजन कंसनट्रेटर से जुड़ा ठगी का मामला पत्रकार पंकज कुमार ने अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया है.
दरअसल, MrRajpal Oxygendelivery नाम का एक फेसबुक पेज है. इस पेज पर लिखा है कि ये ऑक्सीजन कंसनट्रेटर एजेंसी है और पूरे भारत में डिलीवरी देते हैं. साथ ही यहां इनका कॉन्टैक्ट नंबर शेयर किया गया है और ये भी लिखा कि ये सरकारी एजेंसी है. इस पेज पर स्टॉक फुल होने की भी जानकारी दी गई है.
पंकज कुमार ने कुछ स्क्रीनशॉट शेयर किए हैं जिनमें उन्होंने बताया है कि, जब फेसबुक पेज वाले इस व्यक्ति से ऑक्सीजन सिलिंडर के लिए संपर्क किया गया है तो इन्होंने, सारी डिटेल लेने के बाद पहले पैसे देने की बात की और उसके बाद ही डिलीवरी की.
ज्यादा जानने के लिए हमने दिए हुए नंबर पर संपर्क कर उनसे दिल्ली में एक जगह पर ऑक्सीजन देने के लिए कहा. इस पर कॉल में मौजूद व्यक्ति ने हमें भी कहा कि वे पूरे भारत में ऑक्सीजन की सप्लाई करते हैं और कहा कि पैसे पहले अकाउंट डाल दें, फिर आपके एड्रेस पर सिलिंडर को पहुंचा दिया जाएगा.
कॉल पर मौजूद व्यक्ति ने ये भी कहा कि एक लिंक पर हमें रजिस्ट्रेशन करना होगा. लेकिन, पहले लिंक मांगने पर मना कर दिया और सरकारी एजेंसी का नाम बताने से भी मना कर दिया और बात केवल पैसे देने की ही करते रहे. हमने ये भी कहा कि पैसे डिलीवरी वाली जगह पर ही ले लें, वो शख्स इस पर भी राजी नहीं हुआ.
साथ ही फेसबुक पेज पर लिखे गए नाम वाली किसी एजेंसी का जिक्र गूगल पर भी नहीं है और ना ही फेसबुक पेज पर कोई एड्रेस बताया गया है. पेज भी कुछ देर पहले ही बनाया गया है. साफ है कि ये ठगी का नया तरीका है और ऑक्सीजन देने की बात पूरी तरह से फर्जी है. ऐसे में लोगों को सोशल मीडिया पर जरूरी चीजें को तलाशते वक्त सावधान रहने की जरूरत है. वरना लोग किसी ऐसी ठगी का शिकार हो सकते हैं.