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Google के AI Bard ने दिया गलत जवाब, कंपनी को हुआ 8250 अरब का नुकसान, क्या है मामला?

Google AI Bard: सर्च इंजन मार्केट में गूगल लंबे वक्त से दबदबा बनाए हुए है. कई सालों के बाद कंपनी को किसी से खतरा महसूस हुआ है. माइक्रोसॉफ्ट ने इस मौके का अच्छी तरह से इस्तेमाल किया और ChatGPT के साथ नया Bing सर्च इंजन लॉन्च किया. माइक्रोसॉफ्ट और ChatGPT को टक्कर देने के लिए Google ने Bard को इंट्रोड्यूस किया है, लेकिन यहां कंपनी को नुकसान हो गया.

Google को लगा बड़ा झटका Google को लगा बड़ा झटका
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 09 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 10:45 AM IST

ChatGPT को टक्कर देने के लिए Google ने भी अपना AI बेस्ड चैटबॉट Bard लॉन्च किया है. गूगल का ये चैटबॉट LaMDA पर बेस्ड है, जिस पर कंपनी लंबे टाइम से काम कर रही है. ऐसा लगता है कि Bard की लॉन्चिंग कंपनी ने जल्दबाजी में की है और इसका खामियाजा भी कंपनी को उठाना पड़ा है. 

बुधवार, 8 फरवरी को Google की पैरेंट कंपनी Alphabet के शेयर्स में भारी गिरावट देखने को मिली. गिरावट की वजह Bard को बताया जा रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक Google की पैरेंट कंपनी को Bard की लॉन्चिंग के बाद 100 अरब डॉलर (लगभग 8,250 अरब रुपये) का नुकसान हुआ है. कंपनी की मार्केट वैल्यू 100 अरब डॉलर कम हो गई है. 

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किस वजह से हुआ Google को नुकसान?

इसकी वजह गूगल के प्रमोशनल वीडियो में दी गई गलत जानकारी है. बुधवार को अमेरिकी बाजार में Alphabet के शेयर 9 परसेंट तक गिर गए. Reuters ने गूगल ने प्रमोशनल वीडियो में गड़बड़ी खोजी थी, जिसके बाद कंपनी के शेयर्स में भारी गिरावट आई.

इस हफ्ते Google ने अपना AI चैटबॉट Bard लॉन्च किया है. इसके प्रमोशनल वीडियो में Bard से एक सवाल किया गया था. सवाल था, '9 साल के बच्चे को जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) की नई डिस्कवरी के बारे में क्या बताया चाहिए.'

इसके जवाब में AI Bard कहता है कि JWST का इस्तेमाल मिल्की वे के बाहर के ग्रहों की फोटो लेने में किया जाता है. Bard का जवाब गलत है. 

क्या करता है JWST? 

दरअसल, जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप का इस्तेमाल ब्रह्मांड के अतीत की जांच के लिए किया जाता है. इसके काम को चार हिस्सों में बांटा गया है और इसे हबल टेलीस्कोप का सक्सेसर भी कहा जाता है. 

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क्या Microsoft ने हासिल कर ली बढ़त?

Google ने Microsoft और Open AI के ChatGPT को टक्कर देने के लिए Bard का ऐलान तो कर दिया, लेकिन इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी. गूगल अपने चैटबॉट को कब और कैसे कोर सिस्टम में इंटीग्रेट करेगा, इस बारे में कंपनी ने कुछ नहीं बताया है.  

बुधवार को गूगल ने इसका प्रेजेंटेशन तो दिखाया, लेकिन उसमें ज्यादा डिटेल्स नहीं थी. वहीं Microsoft ने ChatGPT को इंटीग्रेड करके नया Bing सर्च इंजन लॉन्च कर दिया है.

हालांकि, इस पर भी अभी वेटलिस्ट शो हो रही है, लेकिन माइक्रोसॉफ्ट ने सही वक्त पर Open AI के साथ डील करके गूगल को टक्कर दे दी है. इस पूरे खेल में कंपनी कितने वक्त तक लीड ले पाती है, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा. मगर लंबे वक्त के बाद गूगल को अपने ताज पर खतरा महसूस हो रहा है.

ChatGPT को Open AI ने डेवलप किया है. ये एक कन्वर्सेशनल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट है. यानी ये चैटबॉट आपके सवालों के जवाब बातचीत के तरीके से देता है. पिछले कुछ वक्त में इस चैटबॉट में काफी पॉपुलैरिटी हासिल कर ली. इसे देखते हुए Microsoft ने Open AI से हाथ मिला लिया और दोनों साथ में आ गए. 

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Microsoft को क्या फायदा होगा?

माइक्रोसॉफ्ट ने Bing को ChatGPT के साथ लॉन्च कर दिया है. वहीं दूसरी तरफ Open AI ने ChatGPT को सब्सक्रिप्शन बेस्ड बना दिया है. वैसे यूजर्स को इसका फ्री वर्जन भी मिल रहा है, लेकिन उसमें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

ऐसे में यूजर्स इस सर्विस को फ्री यूज करने के लिए Microsoft Bing पर आएंगे. इस तरह से माइक्रोसॉफ्ट Google को सर्च मार्केट में टक्कर दे पाएगा. 

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