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Google IO 2022: अब Google Translate में संस्कृत और भोजपुरी का भी सपोर्ट उपलब्ध

Google I/O 2022: कंपनी के इस इवेंट में कई डिवाइसेज को लॉन्च किया है. इस इवेंट में कंपनी ने Google Translate में 24 नए लैंग्वेज को ऐड करने की भी घोषणा की है.

Google Translate Google Translate
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 मई 2022,
  • अपडेटेड 12:09 AM IST
  • Google के इस मेगा इवेंट में कई नए फीचर्स लॉन्च
  • हर साल होता है गूगल का ये इवेंट

Google I/O 2022 में कंपनी ने कई नए फीचर्स और डिवाइस को पेश किया. Google का ये मेगा इवेंट हर साल आयोजित किया जाता है. Google ने अपने ट्रांसलेशन टूल में लैंग्वेज को अपडेट किया है. Google Translate में 24 नए लैंग्वेज को ऐड किया गया है. अब ये टोटल 133 लैंग्वेज को सपोर्ट करता है. इसमें असमिया, भोजपुरी, संस्कृत और दूसरी भाषाओं को ऐड किया गया है. 

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गूगल ने अपने इवेंट में बताया कि नए ऐड किए गए लैंग्वेज को ग्लोबली 300 मिलियन से ज्यादा लोग यूज करते हैं. कंपनी ने कहा कि मिजो को नॉर्थ-ईस्ट इंडिया में लगभग 800,000 लोग बोलते हैं. इसी तरह सेंट्रल अफ्रीका में Lingala को 45 मिलियन लोग यूज करते हैं. 

इस अपडेट के बाद कई अमेरिका स्वदेशी भाषाओं (क्वेचुआ, गुआरानी और आयमारा) और एक अंग्रेजी बोली (सिएरा लियोनियन क्रियो) को भी Google Translate में ऐड किया गया है. Google Translate में ऐड किए गए 24 लैंग्वेज की पूरी लिस्ट यहां पर बता रहे हैं. 

--असमिया (पूर्वोत्तर भारत में लगभग 25 मिलियन लोगों द्वारा उपयोग किया जाता है)

--आयमारा (बोलीविया, चिली और पेरू में लगभग दो मिलियन लोगों द्वारा उपयोग किया जाता है)

--बाम्बारा (माली में लगभग 14 मिलियन लोगों द्वारा उपयोग किया जाता है)

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--भोजपुरी (उत्तरी भारत, नेपाल और फिजी में लगभग 50 मिलियन लोगों द्वारा उपयोग किया जाता है)

--धिवेही (मालदीव में लगभग 300,000 लोगों द्वारा उपयोग किया जाता है)

--डोगरी (उत्तरी भारत में लगभग 30 लाख लोग इसका इस्तेमाल करते हैं)

--Ewe (घाना और टोगो में लगभग सात मिलियन लोगों द्वारा उपयोग किया जाता है)

--गुआरानी (पराग्वे और बोलीविया, अर्जेंटीना और ब्राजील में लगभग सात मिलियन लोगों द्वारा उपयोग किया जाता है)

--Ilocano (उत्तरी फिलीपींस में लगभग 10 मिलियन लोगों द्वारा उपयोग किया जाता है)

--कोंकणी (मध्य भारत में लगभग 20 लाख लोग इसका इस्तेमाल करते हैं)

--क्रिओ (सिएरा लियोन में लगभग चार मिलियन लोगों द्वारा उपयोग किया जाता है)

- कुर्द (सोरानी) (लगभग आठ मिलियन लोगों द्वारा उपयोग किया जाता है, ज्यादातर इराक में)

-लिंगाला (कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, कांगो गणराज्य, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, अंगोला और दक्षिण सूडान गणराज्य में लगभग 45 मिलियन लोगों द्वारा उपयोग किया जाता है)

-लुगांडा (युगांडा और रवांडा में लगभग 20 मिलियन लोगों द्वारा उपयोग किया जाता है)

--मैथिली (उत्तरी भारत में लगभग 34 मिलियन लोगों द्वारा उपयोग किया जाता है)

--Meiteilon (मणिपुरी) (पूर्वोत्तर भारत में लगभग दो मिलियन लोगों द्वारा उपयोग किया जाता है)

--मिज़ो (पूर्वोत्तर भारत में लगभग 830,000 लोगों द्वारा उपयोग किया जाता है)

- ओरोमो (इथियोपिया और केन्या में लगभग 37 मिलियन लोगों द्वारा उपयोग किया जाता है)

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- क्वेशुआ (पेरू, बोलीविया, इक्वाडोर और आसपास के देशों में लगभग 10 मिलियन लोगों द्वारा उपयोग किया जाता है)

--संस्कृत (भारत में लगभग 20,000 लोगों द्वारा उपयोग किया जाता है)

--सेपेडी (दक्षिण अफ्रीका में लगभग 14 मिलियन लोगों द्वारा उपयोग किया जाता है)

- टिग्रीन्या (इरिट्रिया और इथियोपिया में लगभग आठ मिलियन लोगों द्वारा उपयोग किया जाता है)

--सोंगा (इस्वातिनी, मोज़ाम्बिक, दक्षिण अफ्रीका और ज़िम्बाब्वे में लगभग सात मिलियन लोगों द्वारा उपयोग किया जाता है)

--Twi (घाना में लगभग 11 मिलियन लोगों द्वारा उपयोग किया जाता है)

इन नई भाषाओं को लेकर गूगल ने कहा कि इन्हें Zero-Shot Machine Translation के जरिए ऐड किया गया है. जहां पर मशीन लर्निंग मॉडल केवल monolingual टैक्सट को देखता है. 

 

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