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गूगल ने इस साल मई-जून के दौरान 1 लाख हार्मफुल पोस्ट हटाए हैं. कंपनी का ये एक्शन भारत के नए आईटी नियमों के तहत किया गया है. इसे इंटरमीडियरी गाइडलाइन्स एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड 2021 भी कहा जाता है जिसे हाल ही में शुरू किया गया है.
गूगल ने अपनी ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट में कहा है कि मई 2021 के दौरान कंपनी ने लगभग 6 लाख 34 हजार पोस्ट हटाए हैं, जबकि जून 2021 के दौरान लगभग 5 लाख 26 हजार पोस्ट हटाए गए हैं.
गूगल के मुताबिक ज्यादातर पोस्ट कॉपीराइट वायलेशन के तहत हटाए गए हैं. इन्हें हटाने के लिए लोगों ने शिकायत की थी और कुछ पोस्ट खुद ही गूगल के ऑटोमेटेड डिटेक्शन प्रोसेस सिस्टम ने हटाए हैं.
गौरतलब है कि टोटल हटाए गए पोस्ट में से 65.6% पोस्ट कॉपीराइट वायलेशन वाले पोस्ट हैं. दूसरे लीगल 620 पोस्ट हैं उसे हटाए गए हैं. ट्रेडमार्क से जुड़े 423 पोस्ट हटाए गए हैं. डिफमेशन के 382 पोस्ट, जबकि ग्राफिक सेक्सुअल कंटेंट 29 हैं.
गूगल ने कहा है कि सिर्फ 83,613 पोस्ट कंपनी ने यूजर्स की शिकायत पर हटाया है, जबकि 5 लाख 26 हजार पोस्ट गूगल के ऑटोमैटिक डिटेक्शन सिस्टम ने हटाया है.
गूगल के मुताबिक कंपनी को अलग अलग वजहों से पोस्ट हटाने की शिकायत मिली है. इनमें कई ऐसे सिंगल कंप्लेंट्स भी हैं जिनके तहत कई पोस्ट हटाए गए हैं. गूगल ने कहा है कि लोगों से शियात मिलने के बाद कंपनी कंपनी गाइडलाइन के तहत कंटेंट हटाती है.
गूगल के ऑटोमेटेड डिटेक्शन की बात करें तो ये खुद से हार्मफुल कंटेंट हटाता है. इसके तहत किसी तरह का हार्मफुल कंटेंट या फिर सेक्सुअल वॉयलेंस या अब्यूज से जुड़े पोस्ट हटा दिए जाते हैं.
इन सब के अलावा गूगल वैसे भी पोस्ट हटाता है जो कंपनी के कम्यूनिटी गाइडलाइन्स के खिलाफ होते हैं. ऑटो डिटेक्शन के तहत कंपनी तेजी से पोस्ट हटाती और यहीं से बेसिक फिल्टरिंग भी हो जाती है. हालांकि ऑटो डिटेक्शन भी फुल प्रूफ नहीं होता है.
चूंकि ऑटो डिटेक्शन फुल प्रूफ नहीं है, इसलिए कई पोस्ट ऐसे भी होते हैं जो इसके बावजूद उपलब्ध रहते हैं. इन्हें फिर शिकायत के बाद मैनुअली हटाती है.