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साइबर ठगों पर बड़ा एक्शन, डिजिटल अरेस्ट में शामिल हजारों WhatsApp नंबर और Skype ID हुईं बंद

साइबर स्कैमर्स पर बड़ा एक्शन लेते हुए सरकार ने कई हजार WhatsApp नंबर और Skype ID को ब्लॉक कर दिया है. ये जानकारी राज्यसभा में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने दी. उन्होंने बताया कि सरकार और सरकारी एजेंसियों ने लोगों को साइबर स्कैमर्स से बचाने के लिए क्या-क्या प्रयास किए और कितने हजार लोगों की रकम को बचाया.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 13 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 3:23 PM IST

हाल ही में साइबर स्कैम और डिजिटल अरेस्ट से संबंधित केस अचानक बढ़ गए थे. डिजिटल अरेस्ट में साइबर स्कैमर्स फर्जी पुलिस ऑफिसर या लॉ एजेंसी का फेक अफसर बनकर कॉल करते हैं. इस दौरान विक्टिम को डराया, धमकाया और गिरफ्तार करने की धमकी दी जाती. इसके बाद लोगों के अकाउंट से लाखों रुपये उड़ा लिए जाते हैं. सरकार ने ऐसे WhatsApp नंबर और Skype ID की पहचान की और उनको ब्लॉक किया. ये जानकारी राज्यसभा में राज्य मंत्री ने दी. 

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राज्यसभा में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने बताया कि इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर (I4C) ने 3,962 Skype IDs और 83,668 WhatsApp अकाउंट की पहचान की और उनको ब्लॉक किया. ये आईडी और अकाउंट्स डिजिटल अरेस्ट स्कैम्स में शामिल थे. 

2 साल में तीन गुना बढ़ गए साइबर फ्रॉड के केस 

मंत्री ने बताया कि भारत में 2022 के मुकाबले 2024 में साइबर क्राइम करीब तीन गुना हो गया है. मंत्री ने नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर बीते तीन साल के डेटा के बारे में बताया.  उन्होंने कहा कि साल 2022 में 39,925 केस दर्ज किए गए और करीब 91.14 करोड़ रुपये की ठगी हुई. 

2024 में इतनी हो गई है साइबर स्कैम केस की संख्या 

साल 2024 में साइबर केस की संख्या साल 2022 की तुलना में करीब ट्रिपल होकर 1,23,672 केस हो गए है. इतना ही नहीं साल 2025 के दो महीने में 17,718 केस दर्ज किए गए हैं और इस दौरान करीब  210.21 करोड़ रुपये की ठगी दर्ज की गई है. ये डेटा 28 फरवरी तक का है. 

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फाइनेंशियल फ्रॉड से बचाती है ये एजेंसी 

सिटिजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम को साल 2021 में लॉन्च किया था, जो I4C के तहत आती है. इसका काम फाइनेंशियल फ्रॉड के तहत ठगे जाने वाले रुपये को रोकना है.

इतने हजार करोड़ रुपये से ज्यादा सेव किए 

मंत्री ने बताया कि साइबर फ्रॉड के तहत लूटे गए 4,386 करोड़ रुपये से ज्यादा को बचाया जा चुका है. उन्होंने आगे बताया है कि साइबर फ्रॉड संबंधित हेल्पलाइन और कंप्लेंट आदि दर्ज करने के लिए टोल फ्री नंबर 1930 मौजूद है.

जागरुक करने के लिए शुरू किया कैंपेन

साइबर स्कैमर्स पर शिकंजा कसने के लिए I4C ने डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम्युनिकेशन्स के साथ पार्टनरशिप की थी और उसके बाद एक कॉलर ट्यून कैंपेन को शुरू किया था. इस कॉलर ट्यूंस का उद्देश साइबर क्राइम को लेकर लोगों को जागरुक करना था. इस कॉलर ट्यूंस को स्थानीय भाषाओं में भी चलाया जाता है. 

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इंटरनेशनल फेक कॉल्स से निजात 

मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने और टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर के साथ मिलकर एक सिस्टम तैयार किया, जिसमें भारतीय मोबाइल नंबर से मिलते जुलते इंटरनेशनल स्पूफ्ड कॉल्स को पहचाना जाता है और उनको ब्लॉक किया जाता है. इनको ब्लॉक करने के निर्देश जारी हो चुके हैं.

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