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Pegasus के बाद एक और जासूसी सॉफ्टवेयर Hermit चर्चा में है. ऐसा माना जा रहा है कि इस स्पाईवेयर ने Android डिवाइस के साथ-साथ iPhones को भी टारगेट किया है. हालांकि, ये टारगेटेड डिवाइस अभी इटली और कजाकिस्तान में मिले हैं.
Hermit स्पाईवेयर को इटालियन वेंडर RCS Lab ने तैयार किया है. इस को सबसे पहले साइबर सिक्योरिटी फर्म Lookout के रिसर्चर ने रिपोर्ट किया. इसके बाद Google के Threat Analysis Group ने इसको लेकर पूरी डिटेल्स ब्लॉग पोस्ट के जरिए शेयर की.
क्या है Hermit स्पाईवेयर?
Hermit स्पाईवेयर Pegasus की तरह ही एक जासूसी सॉफ्टवेयर है. ये डिवाइस पर इंस्टॉल होने के बाद फोन के ऑडियो को रिकॉर्ड कर सकता है. इसके अलावा ये अनऑथोराइज्ड कॉल कर सकता है और दूसरी अनऑथोराइज्ड एक्टिविटी को परफॉर्म कर सकता है.
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Lookout के अनुसार, ये स्पाईवेयर यूजर्स की कई जानकारी जैसे ईमेल डिटेल्स, कॉन्टैक्ट्स, ब्राउजर बुकमार्क, कैलेंडर इवेंट को भी चुरा सकता है. ये डिवाइस की जानकारी चुराने के अलावा डिवाइस पर फोटो भी कैप्चर कर सकता है. रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि इसके जरिए टारगेटेड डिवाइस पर किसी ऐप को डाउनलोड और इंस्टॉल भी किया जा सकता है.
ये स्पाईवेयर डिवाइस से फाइल्स को अपलोड करने के अलावा नोटिफिकेशन को पढ़ सकता है और स्क्रीन को भी रिकॉर्ड कर सकता है. ये वॉट्सऐप टेलीग्राम जैसे ऐप्स को रिइंस्टॉल करके डेटा को हासिल करता रहता है.
कैसे होता है इंस्टॉल?
Hermit या Pegasus जैसे स्पाईवेयर को ऑपरेट करना काफी महंगा होता है. गूगल के अनुसार, Hermit को इंस्टॉल करने के लिए विक्टिम के फोन में यूनिक लिंक भेजा जाता है. जब यूजर इस लिंक पर क्लिक करता है तो ये ऐप फोन में इंस्टॉल हो जाता है.
गूगल ने ब्लॉग पोस्ट में ऐसे सर्विलांस टूल्स की निंदा की है. इन टूल्स का इस्तेमाल करके सरकार जर्नलिस्ट, ह्यूमन राइट वर्कर और ऑपोजिशन पार्टी पर नजर रखती है. हालांकि, न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार RCS Labs ने ऐसे किसी गलत काम में होने की बात से इन्कार कर दिया है.