
नए संसद भवन को Hi-tech और सुरक्षित बनाने की तैयारी हो चुकी है. इस बार सुरक्षा की जिम्मेदारी AI को दी है, जो किसी भी अनजान व्यक्ति को अंदर एंटर तक नहीं करने देगा. दरअसल, इस बार एडवांस फेसशियल आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस मैकेनिज्म का इस्तेमाल किया गया. इससे नए संसद भवन के दरवाजे फेस स्कैनिंग के बाद ही ओपेन होंगे. आइए जानते हैं कैसे AI बनेगा नए संसद भवन का सुरक्षाकवच बनेगा.
एडवांस सिस्टम के लिए फेस स्कैन से लेकर अन्य बायोमैट्रिक डिटेल्स ली जा रही है, जिसमें पासपोर्ट रेन्यूवल और बनाने तक की जानकारी तक शामिल है. अगर स्कैन सिस्टम काम नहीं करेगा, तो संसद सदस्य थंबप्रिंट स्कैनर और यूनिक PIN एंटर करके नए संसद भवन में प्रवेश कर सकते हैं.
एक स्मार्ट कार्ड तैयार किया जा रहा है, जो ATM या Credit Card की तरह होगा. इसमें स्मार्ट कार्ड ऑपरेटिंग सिस्टम फॉर ट्रांसपोर्ट एप्लीकेशन (SCOSTA) का इस्तेमाल किया है. इस सिस्टम को सुरक्षा के मद्देनजर तैयार किया गया है, जो चुनिंदा लोगों को चुनिंदा जगह का एक्सेस प्रोवाइड कराएगा. इस डेटा को इनक्रिप्ट फॉर्म में सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग (CDAC) द्वारा तैयार किया जा सकता है. मिनीस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रोनिक्स एंड इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी के तहत CDAC आता है.
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यह सब एक लोकल नेविगेशन सिस्टम या एक मोबाइल ऐप के साथ इंटीग्रेट किया जाएग. इससे लोगों को रास्ता खोजने में सहूलियत होगी. हालांकि मीडिया के लिए नए संसद भवन की लॉबी और कोरिडोर को एक्सेस करने की अनुमति होगी. हालांकि जो लगातार बीते साल 10 साल या उससे अधिक समय से रिपोर्टिंग कर रहे हैं, वे Central Hall का एक्सेस कर पाएंगे.
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नए सिस्टम के मुताबिक, मीडिया कार्ड से नॉर्थ यूटिलिटी बिल्डिंग का एक्सेस मिलेगा. इसके अलावा कैंटीन और रूम की सुविधा मिलेगी. हालांकि नए संसद भवन में मीडिया सिटिंग एरिया और अन्य कैंटीन तक पहुंच सकेंगी.