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भारत ने अपनी पहली 5G कॉल कर ली है. सिर्फ 5G वॉयस कॉल ही नहीं देश ने अपनी पहली 5G वीडियो कॉल भी कर ली है. हालांकि, देश की आम जनता को अभी तक 5G नेटवर्क तो दूर इसके स्पेट्रम नीलामी की तारीख तक का पता नहीं है.
अब सवाल आता है कि जब भारत में 5G नेटवर्क लॉन्च ही नहीं हुआ है, तो देश ने 5G कॉल कैसे की. इसका जवाब बहुत आसान है. दरअसल, 5G कॉल की टेस्टिंग के लिए एक ट्रायल नेटवर्क तैयार किया गया था. इस नेटवर्क को IIT मद्रास ने पूरी तरह से मेड इन इंडिया टेलीकॉम इक्विपमेंट का इस्तेमाल करके तैयार किया है.
इसमें सरकार ने काफी पैसे खर्च किए. यानी 5G कॉल की टेस्टिंग के लिए एक ट्रायल नेटवर्क तैयार किया गया था. केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पिछले हफ्ते IIT मद्रास में 5G कॉल का सफल परीक्षण किया है. 5G टेस्टिंग के बाद जल्द ही देश को 5G नेटवर्क मिल सकता है.
5G लॉन्चिंग से पहले अभी टेलीकॉम कंपनियों और दूरसंचार विभाग को कई काम पूरे करने है. दूरसंचार विभाग ने 5G स्पेक्ट्रम नीलामी की तारीखों को ऐलान नहीं किया है. रिपोर्ट्स की मानें तो नीलामी की प्रक्रिया जून में शुरू हो सकती है. वहीं सरकार का टार्गेट 15 अगस्त 2022 को 5G रोडमैप जारी करने की योजना है. इसकी कोई आधिकारिक जानकारी फिलहाल नहीं है.
प्राइवेट टेलीकॉम ऑपरेटर्स ने 5G टेस्टिंग पूरी कर ली है. उन्हें स्पेक्ट्रम की नीलामी का इंतजार है. हालांकि, स्पेक्ट्रम की कीमतों को लेकर टेलीकॉम कंपनियां खुश नहीं हैं. ट्राई के दिए सुझाव में टेलीकॉम कंपनियों को लो-प्राइस की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
स्पेक्ट्रम नीलमी पूरी होने के बाद कंपनियां धीरे-धीरे 5G सर्विसेस को लाइव करेंगी. यानी पूरे देश तक 5G सर्विस पहुंचे काफी वक्त लगेगा. इस साल के अंत तक देश के कुछ शहरों में 5G नेटवर्क जरूर पहुंच जाएगा. 5G लॉन्चिंग में रिचार्ज प्लान्स का भी काफी योगदान रहेगा. कंपनियों को इसकी कीमत तय करनी होगी, जो एक बड़ा फैक्टर है.