Advertisement

DeepSeek और ChatGPT राइवलरी के बीच सरकार का बड़ा ऐलान, 10 महीने में आएगा भारत का AI Model

DeepSeek और ChatGPT की राइवलरी के बीच भारत ने भी अपना LLM बनाने की तैयारी कर ली है. IT मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि 10 महीने के अंदर भारत के पास अपना AI मॉडल होगा. इसे ट्रेन करने के लिए लिए 18 हजार GPUs यूज किए जाएंगे.

अश्विनी वैष्णव- फाइल फोटो अश्विनी वैष्णव- फाइल फोटो
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 30 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 3:41 PM IST

अमेरिका और चीन आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI) स्पेस में मोनॉपली के लिए फाइट कर रहे हैं. चीन के एक छोटे स्टार्टअप DeepSeek ने OpenAI जैसे अमेरिकी AI जाइंट को रिएलिटी चेक दे दिया है. 

अब भारत भी ChatGPT जैसा मॉडल लाने की तैयारी कर रहा है. IT मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में भारत के AI मिशन की बात की है. मंत्री ने कहा है कि भारत खुद के लार्ज लैंग्वेज मॉडल यानी LLM पर काम कर रहा है और ये 10 महीने में तैयार हो जाएगा. 

Advertisement

अश्विनी वैष्णव ने कहा है, ‘हमने फ्रेमवर्क तैयार कर लिया है और आज इसे लॉन्च किया जा रहा है. हमारा फ़ोकस ऐसे AI मॉडल्स बनाने पर रहेगा जो भारतीय कॉन्टेक्स्ट और कल्चर को लेकर चले’ 

आईटी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि DeepSeek AI को 2,000GPU से ट्रेन किया गया, ChatGPT को 25,000 GPU से ट्रेन किया गया और हमारे पास 15,000 हाई एंड GPUs हैं. उन्होंने बताया कि भारत के पास मज़बूत कंप्यूट फैसिलिटी है जो हमारे एआई एंबिशन्स को सपोर्ट करेगा. 

ये भी पढ़ें:DeepSeek: इस छोटे चीनी स्टार्टअप से क्यों परेशान हो गया अमेरिका? साफ हो गए हजारों करोड़

सरकार ने 18,000 GPUs वाला कंप्यूट फैसिलिटी तैयार किया गया है. इसे स्टार्टअप्स, रिसर्चर्स और डेवेलपर्स के लिए जल्द ही उपलब्ध करा दिया जाएगा. 

क्यों इतने इंपॉर्टेंट हैं GPUs?

किसी भी लैंग्वेज मॉडल को ट्रेन करने में हाई एंड GPUs की जरूरत होती है. GPU यानी ग्राफिक्स प्रोसेसिंग युनिट को लार्ज लैंग्वेज मॉडल ट्रेन करने के लिए यूज़ किया जाता है.

Advertisement

ये बेसिकली ग्राफिक्स कार्ड्स ही होते हैं, लेकिन ये AI के लिए ख़ासतौर पर डिज़ाइन किए गए होते हैं. हालांकि नॉर्मल GPU से भी ये काम हो सकता है, लेकिन इतना फास्ट और इफिशिएंट नहीं होते हैं. 

Zerodha Founder Nithin Kamath ने हाल ही में PM Modi के साथ पॉडकास्ट किया था. DeepSeek के तूफान के बाद अब कामत ने एक X पोस्ट में लिखा है कि भारत AI स्पेस में काफी पीछे है.

इसकी एक वजह उन्होंने ये भी बताई है कि सिर्फ GPU खरीद कर ये उम्मीद नहीं कर सकते कि भारत ग्राउंडब्रेकिंग AI ऐप्लिकेशन्स बना लेगा. बिना राइट टैलेंट और इनवोशन बढ़ाने वाला इकोसिस्टम को बढ़ावा दिए, दुनिया के सभी GPU प्वाइंटलेस हैं. उन्होंने ये भी कहा है कि हमारे टैलेंट अमेरिका और दूसरे देश चले जाते हैं. बेहतर रिसर्च और इनोवेशन फैसिलिटीज से इसे रोका जा सकता है ताकि भारत में इस स्पेस में ज्यादा से ज्यादा रिसर्च और इनोवेशन्स हो सकें.

LLM और GPU

GPUs एक वक्त में कॉम्पलेक्स मैट्रिक ऑपरेशन्स परफॉर्म कर सकते हैं. GPUs को पैरलल प्रोसेसिंग के लिए डिज़ाइन किया गया होता है जो एक बार में हजारों टास्क परफॉर्म कर सकते हैं. क्योंकि LLM कैलकुलेशन पैरलल ही किए जाते हैं.  बड़े लैंग्वेज मॉडल्स को ट्रेन करने में काफी ज्यादा कंप्यूटेशनल पावर की ज़रूरत होती है और इस वजह से AI Model के लिए GPUs और भी अहम हो जाते हैं. यही वजह है कि NVIDEA आज इतनी बड़ी कंपनी हो गई है. 

Advertisement

India AI Mission

India AI मिशन के तहत टेक्नोलॉजी के अलावा दूसरे सेक्टर्स में भी AI का यूज़ किया जाएगा. इनमे हेल्थकेयर, एजुकेशन, एग्रिकल्चर और वेदर फोरकास्टिंग शामिल हैं. 

ग़ौरतलब है कि पिछले साल मार्च में IndiaAI मिशन को कैबिनेट की अप्रूवल मिली थी. लगभग 10 हज़ार करोड़ के AI मिशन के तहत भारत में AI कंप्यूटिंग इकोसिस्टम को मज़बूत करने से लेकर AI स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना शामिल है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement