Advertisement

ऑनलाइन स्कैम्स से मिलेगा छुटकारा, WhatsApp ने इस सरकारी एजेंसी से मिलाया हाथ

साइबर स्कैम से लोगों को छुटकारा दिलाने के लिए WhatsApp ने भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन्स (DoT) के साथ हाथ मिलाया है. इस पार्टनरशिप के तहत दोनों मिलकर वर्कशॉप करेंगे और ट्रेनिंग देंगे. भारत में साइबर फ्रॉड में फसकर कई लोगों ने अपनी मेहनत और जिंदगी भर की सेविंग गंवा चुके हैं.

डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन्स (DoT) ने WhatsApp के साथ मिलाया हाथ. डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन्स (DoT) ने WhatsApp के साथ मिलाया हाथ.
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 26 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 7:45 PM IST

भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन्स (DoT) ने इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप WhatsApp के साथ पार्टनरशिप की है. अब दोनो मिलकर Meta के 'स्कैम से बचो' कैंपेन को आगे बढ़ाएंगे. यहां वे लोगों को स्कैम और स्पैम वाले मैसेज व कॉल्स से छुटकारा दिलाने में मदद करेंगे. 

दोनो पार्टीज मिलकर वर्कशॉप का आयोजन करेंगे. इसके अलावा डिजिटल स्कैम्स को लेकर लोगों को जागरुक करेंगे. बताते चलें कि भारत में कई लोगों को स्कैमर्स शिकार बना चुके हैं. कई लोगों की तो बैंक खाता तक खाली हो चुका है. 

Advertisement

केंद्रीय मंत्री से मुलाकात  

WhatsApp की पैरेंट कंपनी Meta के चीफ ग्लोबल अफेयर्स ऑफिसर जोएल कपलन ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ मुलाकात की. ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बातचीत के दौरान Meta और DoT की पार्टनरशिप को लेकर बातचीत की.

यह भी पढ़ें: 2030 में कैसे होंगे स्मार्टफोन? सिंगल चार्ज में हफ्ते भर चलेगी बैटरी

ऑफिसर को किया जाएगा ट्रेन

इस पार्टनरशिप के तहत DoT ऑफिसर्स को वर्कशॉप के अंदर ट्रेनिंग दी जाएगी. इसमें संचार मित्र और टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स (TSPs) को भी ट्रेन्ड किया जाएगा. 

यह भी पढ़ें: Nothing Phone 3a Pro Quick Review: बजट प्राइस में फ्लैगशिप लुकिंग स्मार्टफोन

संचार साथी को कई लोगों तक पहुंचाया जाएगा 

WhatsApp इस पार्टनरशिप के तहत DoT के साथ मिलकर काम करेगा और संचार साथी पहल के तहत सिटिजन सेंट्रिक सर्विस को तैयार किया जाएगा. इसकी मदद से संचार साथी की सर्विस को WhatsApp की मदद से बड़े स्तर पर पहुंचाने का काम किया जाएगा. 

Advertisement

क्या है संचार साथी पोर्टल? 

बताते चलें कि संचार साथ पोर्टल भारतीय नागरिक के लिए तैयार किया गया है, जहां वे साइबर फ्रॉड संबंधित कॉल्स और मैसेज आदि की रिपोर्ट कर सकते हैं. साथ ही वह गुम या चोरी मोबाइल की रिपोर्ट दर्ज करा सकते हैं. इस प्लेटफॉर्म पर भारतीय नागरिक चेक कर सकते हैं कि उनके नाम से कितने सिम कार्ड हैं. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement