
धीरे धीरे Apple अपने iPhone में एंड्रॉयड के फीचर्स दे रहा. हाल ही में विजेट्स लाया गया इससे पहले कंट्रोल सेंटर को भी एंड्रॉयड की तरह कर दिया गया. iOS 14 में कई ऐसे फीचर्स हैं जो एंड्रॉयड से इंस्पायर्ड लगते हैं. लेकिन बात सॉफ्टवेयर तक ही नहीं, बल्कि हार्डवेयर तक है.
मोटे तौर पर कहें तो पिछले कुछ सालों से iPhone के साथ कुछ ग्राउंड ब्रेकिंग या क्रांतिकारी नहीं हो रहा है. आप iPhone के फैन हैं तो असहमत हो सकते हैं, लेकिन सच्चाई से मुंह नहीं फेर सकते.
उदाहरण के तौर पर iPhone 12 सीरीज को ले लीजिए. iPhone 12 शानदार फोन है, लेकिन इसके साथ आपको ऐसा क्या मिलता है जो एंड्रॉयड में नहीं है?
प्राइवेसी, ऐपल इकोसिस्टम और फास्ट प्रोसेसर..
हम यहां ऐपल की प्राइवेसी, सॉफ्टवेयर एक्सपीरिएंस और ऐपल इको सिस्टम की बात नहीं कर रहे हैं. हम यहां ऐपल के चिपसेट की भी बात नहीं कर रहे हैं. निश्चित तौर पर ऐपल का नया चिपसेट काफी फास्ट है.
निश्चित तौर पर प्राइवेसी में भी ऐपल का अभी भी कोई तोड़ नहीं है, हम बात कर रहे हैं कि नए आईफोन में नया या क्रांतिकारी क्या है जो पहले हुआ करता था.
ऑलवेज ऑन डिस्प्ले... पुराना हो चुका..
अब खबर ये आ रही है कि 2023 में iPhone में ऑलवेज ऑन डिस्प्ले दिया जाएगा. आपको पता ही होगा कि कई साल से Android स्मार्टफोन्स में ऑलवेज ऑन डिस्प्ले दिया जा रहा है और अब ये काफी पुराना हो चुका है.
फोल्डेबल डिस्प्ले भी पुराना..
दूसरी रिपोर्ट ये है कि 2023 में iPhone में फोल्डेबल डिस्प्ले भी दिया जा सकता है. फोल्डेबल डिस्प्ले का भी कॉन्सेप्ट अब नया नहीं है और सैमसंग से लेकर मोटोरोला और हुआवे जैसी कंपनियों ने भी फोल्डेबल डिस्प्ले वाले स्मार्टफोन्स लॉन्च किए हैं.
हाई रिफ्रेश रेट 10 हजार के सेग्मेंट में आ रहे हैं..
एक रिपोर्ट ये भी इशारा कर रही है कि iPhone 13 के साथ हाई रिफ्रेश रेट मिलेगा. एंड्रॉयड में ये पिछले साल से ट्रेंड बन चुका है और आलम ये है कि 10 हजार के सेग्मेंट में भी हाई रिफ्रश रेट दिया जा रहा है. इसमें नया क्या है?
पिछले महीने से लगातार आप आने वाले iPhone के बारे में लीक्स और रिपोर्ट्स पढ़ रहे होंगे. लेकिन अभी तक कोई भी फीचर ऐसा नहीं पता चल पाया है जो अलग हो, नया हो और दूसरे स्मार्टफोन्स में न हो.
iPhone X के साथ आखिरी बार ऐपल ने दिखाया अपना इनोवेशन..
Apple को इनोवेशन के लिए जाना जाता है. iPhone X के साथ कंपनी नॉच लेकर आई, फेस आईडी लेकर आई और धीरे धीरे लगभग हर छोटी से बड़ी कंपनियों ने उसे कॉपी कर लिया. iPhone X के साथ कंपनी ने iPhone के डिजाइन को भी पूरी तरह बदल दिया.
नोस्टैल्जिया फैक्टर तो नोकिया का भी नहीं चला..
इस बार iPhone 12 के साथ भले ही कंपनी iPhone 4 की तरह बॉक्स डिजाइन को फिर से लेकर वापस आई हो, लेकिन मैने कई iPhone फैंस को इससे निराश होते देखा है. नोस्टैल्जिया फैक्टर ज्यादा समय तक काम नहीं करता इसका उदाहरण नोकिया है.
नोकिया मोबाइल एक समय में मार्केट लीडर था, नोकिया वापस भी आया है. मार्केट में नोकिया के फोन बिकते भी हैं, लेकिन क्या नोकिया पहले की तरह मार्केट में है? इसका जवाब आपको भी पता है. नोकिया ने भी नोस्टैल्जिया को भुनाने की पूरी कोशिश कर ली.
आगे का क्या है प्लान?
बहरहाल अगले कुछ महीनों के अंदर एक नया iPhone लॉन्च किया जा सकता है. इसके साथ कंपनी AirTags भी लॉन्च केरगी. AirTags एक छोटा डिवाइस होगा जिसे ऐपल के प्रोडक्ट के साथ लगा कर उसकी लोकेशन को ट्रैक किया जा सकेगा.
हाल ही में सैमसंग ने AirTags जैसा ही एक प्रोडक्ट मार्केट में उतार दिया है. अब देखना दिलचस्प होगा कि कंपनी अगले कुछ महीनो में जो iPhone लेकर आएगी उसमें क्या नया होगा.
मार्केट का दबाव भी बड़ा कारण
टेक्नोलॉजी तेजी से बदल रही है. हर साल कुछ न कुछ नया देखने को मिल रहा है. मार्केट में अच्छे स्मार्टफोन्स अब सस्ते मिल रहे हैं. ऐसे में जाहिर से बात है ऐपल पर भी दबाव है. दबाव ज्यादा से ज्यादा स्मार्टफोन्स लॉन्च करने का. तो क्या ये वजह है कि कंपनी ने इवोवेशन पर ध्यान देना कम कर दिया है?