
Apple के स्मार्टफोन्स का काफी सिक्योर माने जाते हैं लेकिन चीनी हैकर्स ने इसे भी हैक करके दिखा दिया है. 16 से 17 अक्टूबर के बीच Tianfu Cup कंपीटिशन का आयोजन चीन के Chengdu शहर में किया गया. इस इवेंट में साइबर सिक्योरिटी इशू पर फोकस था.
Tianfu Cup की ऑफिशियल वेबसाइट के अनुसार इसमें एक्सपर्ट्स और प्रोफेशनल्स को डिजिटल वर्ल्ड के चैलेंज पर बोलने के लिए इनवाइट किया गया था. इसमें एथिकल हैकर्स को ऑपरेटिंग सिस्टम, प्लेटफॉर्म्स और सॉफ्टवेयर टूल्स को हैक करने का चैलेंज भी दिया गया था.
इसमें हैकर्स ने Windows 10, iOS 15, Google Chrome, Microsoft Exchange सर्वर और दूसरे टागरेट को हैक कर लिया. इसके लिए टोटल प्राइज मनी 2 मिलियन डॉलर (लगभग 15,000 करोड़ रुपये) रखी गई थी. इसमें सिस्टम को वल्नेरिबिलिटी का फायदा उठा कर किसी डिवाइस को 5 मिनट के अंदर हैक करना था.
Tianfu Cup को चीन में काफी अहम माना जाता है क्योंकि चीनी हैकर्स दूसरे देश के हैकिंग कॉन्टेस्ट में हिस्सा नहीं लेते हैं. चीनी साइबर सिक्योरिटी फर्म Qihoo 360 के फाउंडर Zhou Hongyi ने साल 2017 में उन चीनी हैकर्स की आलोचना की थी जो ऐसे कंपीटिशन में भाग लेने के लिए देश से बाहर जाते हैं.
iOS 15.0.2 पर चल रहे ऐपल के लेटेस्ट iPhone 13 Pro को भी हैकर्स ने एक नहीं बल्कि दो-दो बार हैक करके दिखा दिया. इसके अलावा Adobe PDF, the Asus AX56U router, Docker CE, Parallels VM, QEMA VM, Ubuntu 20, VMware ESXi और वर्क स्टेशन को भी टारगेट बनाया गया.
इस पर साइबर सिक्योरिटी फर्म SentinelOne के हेड ऑफ थ्रेट इंटेलीजेंस Matan Rudis ने Bloomberg को बताया कि ये पावर दिखाने का एक तरीका है. इससे वो दिखा रहे हैं उनके पास काम करने के लिए कैपेबल लोग है.
जून 2020 में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई थी. इसके बाद मुंबई में पावर ब्लैकआउट हो गया था. इससे स्टॉक मार्केट से लेकर ट्रेन तक ठप हो गई थी. बाद में एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि इस ब्लैकआउट के पीछे चीनी हैकर्स थे.