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आपकी पर्सनल बातचीत सुनते हैं स्मार्टफोन, TV और स्पीकर? रिपोर्ट में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

Is my phone listening to my conversations: क्या मेरा फोन हमारी पर्सनल बातें सुनता है? कई बार लोगों के मन में ऐसे सवाल आते हैं. इसकी वजह उनके फोन या टीवी पर दिखने वाले Ads हैं. हाल में इस मामले में एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें कई तरह के दावे किए गए हैं. आइए जानते हैं क्या है इस पूरे मामले की असली हकीकत.

अभिषेक मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 19 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 12:56 PM IST

क्या आपका स्मार्टफोन, टीवी और स्मार्ट स्पीकर आपकी बातें सुनता है? वैसे तो इस मुद्दे पर कई बार चर्चा हो चुकी है, लेकिन अब इस पर एक रिपोर्ट सामने आई है. हाल में एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें दावा किया गया है कि स्मार्ट डिवाइसेस किस तरह से हमारी बाते सुनते हैं और उनका इस्तेमाल करते हैं. 

मार्केटिंग कंपनी का दावा है कि वो यूजर्स के फोन और स्मार्ट स्पीकर की मदद से उनकी बाते सुन सकते हैं,  जिससे आसानी से ऐड्स को टार्गेट किया जा सकता है. Cox Media Group की मार्केटिंग टीम का कहना है कि उनके पास कंज्यूमर्स के आसपास की आवाज सुनने की क्षमता है. स्मार्टफोन्स, स्मार्ट टीवी और दूसरे डिवाइसेस में मौजूद माइक्रोफोन्स की मदद से वो ऐसा कर सकते हैं. 

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रिपोर्ट में हुआ खुलासा?

इसका इस्तेमाल टार्गेटेड ऐड्स के लिए किया जाता है. ये सारी जानकारी 404 Media ने अपनी रिपोर्ट में बताई है. ये कोई पहली बार नहीं हुआ है. पहले भी कई बार इस तरह के सवाल उठ चुके हैं कि क्या स्मार्टफोन्स, स्पीकर और दूसरे स्मार्ट गैजेट्स हमारी बात सुनते हैं. तमाम कंपनियां इस तरह के दावों से इनकार करती हैं. 

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ऐसा सुनकर आपको शायद झटका लगा हो, लेकिन इंटरनेट और स्मार्ट डिवाइसेस की इस दुनिया में यही हकीकत है. आपने शायद कई बार ऐसा महसूस भी किया होगा. मसलन आप अपने घर में बैठे किसी कार या कोई नया फोन खरीदने की चर्चा करते हैं. कुछ वक्त बाद से ही आपको इस तरह के ऐड्स दिखने लगते हैं. 

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स्मार्टफोन से लेकर स्मार्ट टीवी तक पर आपको तमाम ऐड्स कार और स्मार्टफोन्स के नजर आएंगे. इसी तरह से जब आप किसी ब्यूटी प्रोडक्ट के बारे में बात करते हैं, तो उनके ऐड्स दिखते हैं. हमारे सर्च किए गए कंटेंट के आधार पर कंपनियां हमें ऐड्स दिखाती हैं, ये तो सभी को पता है. यहां तक कि कंपनियां भी साफ-साफ इसे स्वीकार करती हैं. 

तो क्या सच में सुनती हैं ये कंपनिंया? 

आपके स्मार्टफोन का कोई ऐप बेवजह अगर माइक्रोफोन का परमिशन लेता है तो मुमकिन है कि वो आपकी आवाज सुन रहा है. कई बार कंपनियां टार्गेटेड ऐड्स के लिए लोगों की बातचीत सुनती हैं. उदाहरण के तौर पर अगर आप किसी से कुछ खरीदने के बारे में बात करते हैं तो कुछ समय बाद आपको सोशल मीडिया पर उसी प्रोडक्ट्स के ऐड्स दिखने लगते हैं. 

चेक करने के लिए आप अपने एंड्रॉयड या आईफोन के ऐप सेटिंग्स में जाएं. मोस्टली सेटिंग्स में जा कर ऐप सेक्शन विजिट करें यहां ऐप्स की लिस्ट दिखती है. टैप करके आप चेक कर पाएंगे कि कौन से ऐप्स ने आपके फोन के कितने परमिशन ले रखे हैं. कई ऐप्स बिना वजह ही आपके माइक्रोफोन और कैमरा का ऐक्सेस लेकर रखते हैं जो खतरनाक है. 

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हालांकि, इस खबर के बाहर आने के बाद CMG ने बातचीत सुनने की जानकारी को आर्टिल्स से रिमूव कर लिया है. आज तक किसी टेक्नोलॉजी कंपनी ने इसे स्वीकार नहीं किया है. निश्चित रूप से आपके स्मार्टफोन, स्मार्ट टीवी और स्मार्ट स्पीकर में माइक होते हैं, जो आपकी बात सुन रहे होते हैं, लेकिन एक एक्टिवेट नहीं रहते हैं.

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इन्हें एक्टिवेट करने के लिए आपको वो मैजिक वर्ड्स बोलने होते हैं. जैसे गूगल असिस्टेंट को एक्टिव करने के लिए ओके गूगल या फिर Alexa को एक्टिवेट करने के लिए. अगर आप ध्यान देंगे, तो पाएंगे कि ऐसा एक खास कमांड को एक्टिवेट करने के बाद होता है. यानी आपको पहले गूगल असिस्टेंट एक्टिवेट करना होगा और फिर ही वो आपकी बात सुनेगा. 

हां, स्मार्ट स्पीकर्स के केस में ये मामला थोड़ा अलग होता है, लेकिन आपको वहां पर माइक डिसेबल करने का ऑप्शन मिलता है. आप चाहें, तो माइक को डिसेबल कर सकते हैं. इसकी कल्पना करना मुश्किल है कि ऐपल, गूगल और ऐमेजॉन किसी थर्ड पार्टी को आपकी बातचीत सुनने का एक्सेस देते होंगे. 

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