
स्मार्टफोन्स में आग लगने और ब्लास्ट के अब तक कई मामले सामने आए हैं. टीवी से जुड़े ऐसे केस (हाल में हुए मामले को छोड़ दें तो) शायद ही किसी को याद हों. आग लगने की बात तो फिर भी आम मानी जा सकती है लेकिन ब्लास्ट होना दुर्लभ ही है लेकिन उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में LED TV ब्लास्ट का ऐसा ही एक मामला सामने आया है.
इस हादसे में 17 साल के किशोर की मौत हो गई, जबकि दो लोग घायल हो गए. टीवी ब्लास्ट का यह मामला लगातार चर्चा में बना हुआ है. इस घटना के बाद बहुत से लोगों के मन में कई तरह के सवाल आ रहे हैं. इसमें सबसे पहला तो ये है कि क्या एक टीवी ब्लास्ट में किसी की जान जा सकती है.
इस मामले में हमने एक्सपर्ट्स से बात की है. उन्होंने बताया कि टीवी ब्लास्ट होने के चांस बहुत कम होते हैं. कई मामलों में आग लग सकती है या ब्लास्ट भी हो सकता है लेकिन इतने खतरनाक नहीं कि किसी की जान चली जाए.
टीवी में आग लगने की वजह से कोई हादसा भले ही हो सकता है. इसमें ऐसा कोई पार्ट नहीं होता है, जिसकी वजह से ब्लास्ट जानलेवा हो. दूसरा सवाल ये है कि किस तरह के टीवी में ब्लास्ट होने के चांस रहते हैं.
इस पर बात करते हुए SPPL के CEO अवनीत सिंह मारवाह ने बताया कि नॉन ब्रांडेड या लोकल टीवी के कारण इस तरह के हादसे हो सकते हैं. इसकी वजह टेस्टिंग के सही प्रॉसेस का न होना है. ऐसी कंपनियों में कोई क्वालिटी पैरामीटर नहीं होता है.
उन्होंने आगे बताया कि कस्टमर्स कई बार सस्ते ऑप्शन के चक्कर में इस तरह के लोकल टीवी खरीद लेते हैं. चूंकि इनकी मैन्युफैक्चरिंग में फायर ग्रेड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल नहीं होता है और उनकी टेस्टिंग नहीं होती है, इसलिए ये किसी दुर्घटना की वजह बन सकते हैं.
किसी भी टीवी में आग लगने की दो प्रमुख वजह होती हैं. एक तो अचानक से वोल्टेज का बढ़ जाना. पावर सप्लाई को कंज्यूमर्स कंट्रोल नहीं करते हैं. इस तरह कि स्थिति से बचने के लिए ब्रांड्स कई तरह के कंपोनेंट्स टीवी में लगाते हैं. हालांकि, कई बार ये कंपोनेंट्स भी फेल हो जाते हैं.
वहीं दूसरी वजह ओवर हीटिंग हो सकती है. लंबे समय तक यूज होने से टीवी आसानी से गर्म हो जाता है. हाई टेम्परेचर और हाई-वोल्टेज की वजह से आग लग सकती है. ऐसे में कैपेसिटर खराब होना या आग लगने जैसे हादसे हो सकते हैं.