
Microsoft अपने AI और डेटा सेंटर को पावर देने के लिए नेक्स्ट जनरेशन न्यूक्लियर रिएक्टर का इस्तेमाल कर सकता है. इसके संकेत कंपनी की तरफ से लिस्टेड नई जॉब से मिलती है. इसके तहत एक ऐसे कैंडिडेट को भर्ती करना है, जो कंपनी के न्यूक्लियर एनर्जी स्ट्रैटेजी की कमान संभालेगा.
दरअसल, कंपनी बदलते क्लाइमेट को रोकने के लिए कई काम कर रही है, जिसके लिए कंपनी क्लीन एनर्जी सोर्स को खोज रही है. बताते चलें कि कंपनी का डेटा सेंटर काफी अधिक मात्रा में इलेक्ट्रिसिटी की खपत कर रहा है, जो कंपनी के क्लाइमेट गोल्स को हासिल करने में बड़ी रुकावट बन सकता है.
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पूरी दुनिया में चर्चा का विषय और कंपनी की महत्वकांक्षी परियोजना AI है. इस प्रोजेक्ट को काफी ज्यादा मात्रा में इलेक्ट्रिसिटी की जरूरत पड़ती है, जिसके लिए कंपनी नेक्स्ट जनरेशन न्यूक्लियर रिएक्टर से पावर लेने का प्लान बना रही है.
परमाणु ऊर्जा ग्रीनहाउस गैस जनरेट नहीं करती हैं. फिर भी रेडियो एक्टिव कचरे को संभालने और यूरेनियम सप्लाई चेन बनाने की बात आती है तो यह एक नई समस्या पैदा करता है. हालांकि क्लाइमेट कंट्रोल से निपटने में परमाणु ऊर्जा की भूमिका पर अभी भी बहस जारी है. लेकिन माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स लंबे समय से इस तकनीक के बड़े फैन रहे हैं.
जॉब लिस्टिंग में बताया है कि इस प्रोजेक्ट को लीड करने वाले को न्यूक्लियर के सभी आस्पेक्ट पर काम कर होगा, जिसमे न्यूक्लियर एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर भी शामिल होगा.
माइक्रोसॉफ्ट खासतौर से किसी ऐसे कैंडिडेट को खोज रहा है, जो छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर का प्लान रोलआउट कर सकता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर को तैयार करना और उन्हें ऑपरेट करना सस्ता पड़ सकता है.