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WhatsApp Pay के आते ही NPCI ने लगाई UPI ट्रांजैक्शन पर लिमिट

भारत में तेज़ी से बढ़ते हुए UPI पेमेंट मार्केट को देखते हुए NPCI ने थर्ड पार्टी UPI ऐप पर टोटल UPI ट्रांजैक्शन का 30% तक कैंपिंग लगाने का ऐलान किया है.

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Munzir Ahmad
  • नई दिल्ली,
  • 06 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 8:06 PM IST
  • NPCI ने नए नियम का ऐलान किया है जो अगले साल से लागू होगा
  • थर्ड पार्टी ऐप्स कुल UPI ट्रांजैक्शन का 30% ही कर सकेंगे

WhatsApp Pay को नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया यानी NPCI ने भारत में UPI बेस्ड पेमेंट के लिए अप्रूवल दे दिया है. 

WhatsApp Pay लॉन्च भी किया जा चुका है, लेकिन इसी के साथ NPCI ने UPI ट्रांजैक्शन पर लिमिट लगाने भी ऐलान किया है. भारत में तेजी से UPI ट्रांजैक्शन बढ़ रहे हैं. एक महीने में 2 अरब UPI ट्रांजैक्शन हो चुके हैं. 

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नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने कहा है कि थर्ड पार्टी ऐप्स को पूरे UPI ट्रांजैक्शन का सिर्फ़ 30% ही मिलेगा. थर्ड पार्टी पेमेंट ऐप्स जैसे - Google Pay और PhonePay जैसे दूसरे UPI बेस्ड पेमेंट ऐप्स हैं.

भारत में UPI पेमेंट के मामले में Google Pay और Phone Pe का सबसे बड़ा मार्केट शेयर है. इसलिए NPCI के इस फ़ैसले का सबसे ज़्यादा असर Google Pay और PhonePe को ही होगा.

NPCI ने अपनी एक प्रेस रिलीज़ में कहा है कि कोई भी थर्ड पार्टी UPI ऐप पूरे UPI ट्रांजैक्शन का 30% से ज़्यादा UPI ट्रांजैक्शन नहीं कर सकता है. ये फ़ैसला रिस्क मैनेजमेंट और बढ़ते हुए UPI पेमेंट को मद्देनज़र रखते हुए किया गया है.

NPCI ने कहा है, ‘UPI ट्रांजैक्शन हर महीने 2 अरब तक पहुँच गए हैं और इसके संभावित फ्यूचर ग्रोथ भी ज़्यादा है. इसलिए टोटल वॉल्यूम का 30% ही थर्ड पार्टी ऐप को ट्रांजैक्शन करने दिया जाएगा’

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Phonepe और Google Pay का सबसे ज्यादा मार्केट शेयर..

भारत में UPI की बात करें तो Google Pay और PhonePe के पास लगभग 80% का मार्केट शेयर है. रिपोर्ट के मुताबिक़ अक्टूबर महीने में PhonPe पर 835 मिलियन UPI बेस्ड ट्रांजैक्शन हुए हैं. दूसरे नंबर पर Google Pay है जहां पिछले महीने 819 मिलियन UPI ट्रांजैक्शन हुए हैं.

हालाँकि ये 1 जनवरी 2021 से लागू होगा और ऐप्स के लिए अच्छी बात ये है कि इसके लिए उन्हें तीन साल का समय भी दिया जा रहा है. यानी इस कैंपिंग का असर इतनी जल्दी नहीं दिखेगा.

30% का लिमिट अगर कोई थर्ड पार्टी UPI बेस्ड ऐप करता है तो ऐसी स्थिति में NPCI उन्हें 1 जनवरी 2021 से दो साल का समय देगी. इस दो साल में इस नियम का पूरी तरह से पालन करना ज़रूरी होगा.

रिस्क मैनेजमेंट को लेकर किया फैसला.. 

NPCI के मुताबिक़ 30% की कैंपिंग UPI इकोसिस्टम में रिस्क मैनेजमेंट और आगे स्केल अप करने में मदद करेगा.

NPCI ने ये भी कहा है कि मौजूदा थर्ड पार्टी ऐप्स जो 30% कैप से पहले आगे निकल चुके हैं उन्हें इस नियम का पालन करने के लिए दो साल का समय दिया जाएगा जो इसे फेज्ड मैनर में कर सकते हैं.

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कुल मिला कर ये है कि NPCI द्वारा लगाई गई ये कैंपिंग कम से कम 2023 तक Google Pay और Phonepe जैसे ऐप्स पर कोई खास असर नहीं डालेगी.

अब मार्केट में एक और UPI बेस्ड प्लेयर WhatsApp आ चुका है तो जाहिर है कंपटीशन बढ़ेगा. वॉट्सऐप लगभत तीन साल से भारत में पेमेंट सिस्टम लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है.

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डेटा लोकलाइजेशन को लेकर जो पेंच था उस पर भी कंपनी ने साफ़ कर दिया था कि पेमेंट को लेकर डेटा लोकलाइजेशन को फ़ॉलो किया जाएगा. फिलहाल WhatsApp को 20 मिलियन UPI यूजर रजिस्टर करने की इजाजत मिली है. 

भारत में WhatsApp के 400 मिलियन से ज्यादा यूजर्स हैं और 20 मिलियन यूजर्स इस हिसाब से काफी कम हैं. यानी ज्यादातर WhatsApp यूजर्स को अभी WhatsApp Payment का फीचर नहीं मिलेगा. 

 

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