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ChatGPT पर कंट्रोल की लड़ाई! दोस्त-दोस्त ना रहा... क्यों Sam Altman के खिलाफ Elon Musk पहुंच गए कोर्ट?

OpenAI Controversy: सैम ऑल्टमैन, OpenAI और एलॉन मस्क की जंग कोर्ट पहुंच गई है. मस्क ने ChatGPT की पैरेंट कंपनी OpenAI के खिलाफ कोर्ट में केस कर दिया है. मस्क ने कंपनी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अपने कॉन्ट्रैक्ट को तोड़ा है और अब Microsoft के फायदे के लिए काम कर रही है. आइए जानते हैं क्या है इस लड़ाई की पूरी कहानी.

Elon Musk और Sam Altman की लड़ाई की पूरी कहानी Elon Musk और Sam Altman की लड़ाई की पूरी कहानी
अभिषेक मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 07 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 2:48 PM IST

Elon Musk एक बार फिर चर्चा में हैं. इस बार मस्क ChatGPT की पैरेंट कंपनी OpenAI को लेकर चर्चा में हैं. OpenAI से एलॉन मस्क का रिश्ता काफी पुराना है. ये रिश्ता उन दिनों का है, जब कंपनी की नींव रखी जा रही थी. हालांकि, मस्क बाद में OpenAI से अलग हो गए थे. अब मस्क ने OpenAI और कंपनी के CEO सैम ऑल्टमैन पर केस किया है. 

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उन्होंने सैम पर कंपनी के कॉन्ट्रैक्ट्स को तोड़ने और अलग बिजनेस प्रैक्टिसेस का आरोप लगाया है. कंपनी पर किए केस में मस्क ने कहा है कि OpenAI अब ह्यूमैनिटी की भलाई से ज्यादा माइक्रोसॉफ्ट को ज्यादा से ज्यादा प्रॉफिट दिलाने पर फोकस कर रही है. 

कभी थें अच्छे दोस्त

इसके बाद सैम ऑल्टमैन ने अपने और मस्क के बीच की पुरानी बातचीत को शेयर किया. उन्होंने ट्विटर पर हुई अपनी बातचीत को शेयर किया, जिसमें सैम ने उस वक्त Tesla और मस्क का सपोर्ट किया था, जब बहुत से लोग उनका विरोध कर रहे थे. ये कहानी कई साल पुरानी है. इन दोनों के बीच ट्विटर पर ये बातचीत 2019 में हुई थी.

दरअसल, OpenAI के फाउंडर्स की टीम में Elon Musk भी थे. कंपनी की शुरुआत करने वाले मस्क साल 2018 में उससे अलग हो गए थे. अब मस्क कंपनी के खिलाफ कोर्ट पहुंच गए हैं.

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मस्क के आरोप पर कंपनी ने दिया जवाब

OpenAI ने भी मस्क के लगाए आरोपों पर प्रतिक्रिया दी है. इससे दोनों के बीच की ये जंग और भी गहरी होती नजर आ रही है. OpenAI ने एक ब्लॉगपोस्ट रिलीज किया है, जिसमें एलॉन मस्क के पुराने Emails मौजूद है, जो उन्होंने OpenAI के फाउंडर्स को भेजे थे. उस वक्त मस्क ने OpenAI के फॉर-प्रॉफिट फर्म का समर्थन किया था.

अब सवाल आता है कि जब ये दोस्ती इतनी गहरी थी, तो फिर इसमें दरार किस वजह से आई. ये नौबत कैसे आई कि मस्क कोर्ट पहुंच गए. इसके लिए हमें OpenAI की कहानी में थोड़ा पीछे चलना होगा. 

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फिलहाल क्या हुआ है? 

Elon Musk ने OpenAI के खिलाफ एक केस फाइल किया है, जिसमें उन्होंने कंपनी पर कॉन्ट्रैक्ट्स को तोड़ने का आरोप लगाया है. साथ ही मस्क का आरोप है कि कंपनी अपने ओरिजनल मिशन से भटक गई है, जहां उन्हें ओपन सोर्स आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (AGI) तैयार करना था. मस्क का कहना है कि OpenAI ने अपने वादे और ओपन सोर्स AGI को भूलकर Microsoft से साझेदारी कर ली है. 

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मस्क ने किया था प्रॉफिट फर्म का सपोर्ट

इस आरोप के जवाब में OpenAI ने मस्क और दूसरे को-फाउंड्स के बीच हुई बातचीत का ई-मेल जारी किया है. इस ईमेल में साफ है कि मस्क ने फॉर-प्रॉफिट आर्म का सपोर्ट किया था. 

क्या था मस्क का प्लान?

मस्क ने AI की रेस में Tesla को Google के मुकाबले खड़ा करने पर जोर दिया था. उन्होंने AI के कीमती व्यव्हार को एक्सप्लोर किया, OpenAI में पैसों की दिक्कत का संकेत दिया था और प्रपोज किया था कि OpenAI को Tesla के साथ जोड़ दिया जाए. हालांकि, दूसरे को-फाउंडर्स ने मस्क के इस आइडिया का विरोध किया था. 

OpenAI ने खोले पुराने राज

ओपन एआई ने इस स्थिति पर दुख व्यक्त किया और मस्क की प्रेरणा को स्वीकार किया. इसके साथ ही ब्लॉग में मस्क के जाने और उनके ऐक्शन की बात भी की है. इसके अलावा पोस्ट में कंपनी ने अपने मिशन और चुनौतियों के बारे में भी बात की है. 

मस्क हो गए थे अलग

ब्लॉग में OpenAI ने क्लियर किया है कि साल 2018 में मस्क ने अपने कंट्रोल की अस्वीकृति के बाद कंपनी को छोड़ दिया था. OpenAI ने कहा है कि मस्क कंपनी का पूरा कंट्रोल चाहते थे. उन्होंने मेजॉरिटी इक्विटी मांगी थी, शुरुआती बोर्ड कंट्रोल और CEO की पोजिशन चाहते थे. ऐसा करना OpenAI के मिशन के खिलाफ था. क्योंकि इससे एक शख्स के पास पूरा कंट्रोल पहुंच जाता.

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Elon Musk और Twitter का किस्सा 

मस्क का विवादों से पुराना नाता रहा है. इससे पहले मस्क ने Twitter को खरीदते वक्त भी काफी तमाशा किया था. मस्क ने इस प्लेटफॉर्म को 44 अरब डॉलर में खरीदने की डील की थी, लेकिन अंत में डील से पीछे हटने लगे. मामला जब कोर्ट पहुंचा, तो मस्क ने इस डील को फाइनल किया. 

डील फाइन होते ही मस्क ने Twitter में कई बदलाव किए. उन्होंने तत्कालीन CEO पराग अग्रवाल समेत कई सीनियर अधिकारियों को रातों-रात कंपनी से बाहर कर दिया था. इसके बाद उन्होंने Twitter की पहचान यानी वेरिफिकेशन बैज को पेड सर्विस में बदल दिया. 

इतनी ही नहीं Elon Musk ने कंपनी का नाम तक बदल दिया. अब Twitter को हम X के नाम से जानते हैं. दरअसल, मस्क X (पहले ट्विटर) को प्रॉफिटेबल बनाना चाहते हैं. उन्होंने कुछ वक्त पहले ही अपना AI चैटबॉट Grok भी लॉन्च किया है, जो सिर्फ पेड यूजर्स के लिए उपलब्ध है. 

मस्क लगातार X का रेवेन्यू बढ़ाने पर काम कर रहे हैं. यही वजह है कि उन्होंने X का सब्सक्रिप्शन मॉडल लॉन्च किया. साथ ही उन्होंने कंटेंट क्रिएटर्स को भी रेवेन्यू का कुछ हिस्सा शेयर करना शुरू किया. मस्क साल 2028 तक X के ARPU( एवरेज रेवेन्यू पर यूजर) 30.22 डॉलर करना चाहते हैं, जो पिछले साल 24.83 डॉलर था.

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