Advertisement

Pegasus जैसा एक और स्पाईवेयर आया सामने, कर रहा लोगों की जासूसी, ऐसे बनाता है टारगेट

Hermit spyware: पेगासस के बाद अब Hermit स्पाईवेयर को स्पॉट किया गया है. इस स्पाईवेयर का इस्तेमाल सरकारें लोगों पर नजर रखने के लिए कर रही हैं. इसे कई देशों में लोगों के फोन में पाया गया है. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला.

Hermit spyware कर रहा लोगों की जासूसी Hermit spyware कर रहा लोगों की जासूसी
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 18 जून 2022,
  • अपडेटेड 11:23 PM IST
  • पेगासस जैसा नया जासूस सॉफ्टवेयर नजर आया
  • हाई प्रोफाइल लोगों की कर रहा जासूसी- रिपोर्ट
  • Hermit को सबसे पहले अप्रैल में स्पॉट किया गया है

Pegasus स्पाईवेयर का नाम बहुत से लोगों ने सुना होगा. लोगों की जासूसी करने वाले इस सॉफ्टवेयर को दुनियाभर में कई सरकारें इस्तेमाल करती थीं. भारत में भी इस पर खूब बवाल हुआ था. हालांकि, विवादों के आने के बाद इस सॉफ्टवेयर से सरकारों ने दूरी बना ली.

अब ऐसे ही एक और सॉफ्टवेयर का नाम सामने आ रहा है, जो पेगासस की तरह ही खतरनाक बताया जा रहा है. Hermit नाम का नया स्पाईवेयर लोगों की जासूसी के लिए इस्तेमाल हो रहा है. रिपोर्ट्स की मानें तो इस स्पाईवेयर का इस्तेमाल कई देशों में लोगों की जासूसी में हुआ है.

Advertisement

इस लिस्ट में मानवाधिकार कार्यकर्ता, पत्रकार, टीचर्स समेत सरकारी अधिकारी भी शामिल हैं. स्पाईवेयर को टार्गेट के फोन में एक SMS के जरिए इंस्टॉल किया जाता है. इस स्पाईवेयर को सबसे पहले कजाखस्तान में स्पॉट किया गया था. 

कई देशों में स्पॉट हुआ नया स्पाईवेयर

अगले कुछ दिनों में Hermit स्पाईवेयर सीरिया और इटली में भी यूजर्स के फोन में देखा गया. सिक्योरिटी रिसर्चर्स Lookout की मानें तो इस स्पाईवेयर को अप्रैल में कजाखस्तान में सबसे पहले स्पॉट किया गया. रिपोर्ट्स के मुताबिक कजाखस्तान सरकार की पॉलिसी के खिलाफ चल रहे आंदोलन के बाद इस स्पाईवेयर को स्पॉट किया गया था. 

रिसर्चर्स ने अपने ब्लॉग पोस्ट में बताया, 'हमारे एनालिसिस के आधार पर Hermit स्पाईवेयर को इटली स्पाईवेयर वेंडर RCS लैब और Tykelab Srl ने तैयार किया है. यह एक टेलीकम्यूनिकेशन सॉल्यूशन कंपनी है, जो इस स्पाईवेयर के पीछे काम कर रही है.'

Advertisement

एंड्रॉयड यूजर्स हैं टार्गेट

Hermit का इस्तेमाल सीरिया और इटली में भी लोगों की जासूसी के लिए किया गया है. Lookout की मानें को मॉलवेयर सभी एंड्रॉयड वर्जन पर काम करता है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक संदिग्ध सॉफ्टवेयर को SMS के जरिए टार्गेट के फोन में इंस्टॉल किया गया था. यह काफी हद तक फिशिंग अटैक जैसा है. इस तरह के स्पाईवेयर को iOS पर अभी स्पॉट नहीं किया गया है. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement