
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पेरिस में होने वाले AI Summit में हिस्सा लेंगे. इस समिट में दुनिया भर के तमाम नेता AI के कामकाज के तरीके और AI डेवलपमेंट के एथिक पर चर्चा करेंगे. इस AI समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सह-अध्यक्ष होंगे. फ्रांस में हो रहा ये AI समिट, साल 2023 में यूरोप और 2024 में साउथ कोरिया में हुए AI समिट की अगली कड़ी है.
भारत इस AI समिट में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, जो दुनिया भर में AI के इस्तेमाल, डेवलपमेंट और कामकाज के तरीकों को लेकर हो रही है. भारत, फ्रांस और कनाडा के साथ इसकी सह-अध्यक्षता कर रहा है. आइए जानते हैं ये समिट का भारत के लिए क्या मायने रखता है.
इससे AI जगत में भारत की स्थिति मजूबत होगी. अमेरिका और चीन AI क्षेत्र में खुद को मजबूत कर रहे हैं, जो भारत के लिए एक बड़ी चुनौती है. ऐसे में भारत का इस समिट की सह-अध्यक्षता करना उसकी स्थिति को मजबूत करेगा. भारत AI रिसर्च, इनोवेशन और पॉलिसी डेवलपमेंट के क्षेत्र में पहले से काम कर रहा है.
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10,371 करोड़ रुपये का India AI मिशन भारत के AI रोडमैप का एक बड़ा हिस्सा है. भारत इस उभरती टेक्नोलॉजी को डेमोक्रैटाइज करना चाहता है. इस समिट में भारत की भागीदारी की वजह से देश को काफी फायदा होगा.
हाल में ही भारत ने AI सेक्टर में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं. इसमें AI पर काम करने वाले स्टार्टअप्स और रिसर्च के लिए 18 हजार GPU का एक AI कंप्यूट इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा. AI समिट में भागीदारी की वजह से भारत की जरूरतों के लिए एक देसी AI मॉडल तैयार करने में मदद मिलेगी. फिलहाल अमेरिका ने Nvidia के लेटेस्ट चिपसेट्स के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगा रखा है. भारत और चीन समेत कई दूसरे देशों में Nvidia अपने लेटेस्ट चिपसेट नहीं भेजता है.
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वहीं चीन में तेजी से कई AI स्टार्टअप पॉपुलर हो रहे हैं. ऐसा ही एक स्टार्टअप DeepSeek सामने आया है. कंपनी ने अपना लेटेस्ट AI मॉडल DeepSeek R1 रिलीज किया है, जो कुछ ही दिनों में अमेरिकी बाजार में काफी पॉपुलर हो गया है. यहां तक की अमेरिका में इसके इस्तेमाल पर रोक तक लगा दी गई है.
चीनी स्मार्टअप ने इस AI मॉडल को महज 2 महीने और 60 लाख डॉलर के खर्च में तैयार किया है. इसके लॉन्च होते ही अमेरिकी चिप मेकर कंपनी Nvidia के शेयर में बड़ी गिरावट आई. गिरावट की वजह थी चीनी AI मॉडल का कम लगात में तैयार होना.