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AI के लिए भी बने न्यूक्लियर एनर्जी जैसे नियम, Sam Altman की Bill Gates से खास बातचीत

Sam Altman और Bill Gates ने AI पर एक विशेष चर्चा की है. ये चर्चा बिल गेट्स के पॉडकास्ट शो पर हुई है. OpenAI के ChatGPT की सफलता के बाद सैम ऑल्टमैन लगातार चर्चा में हैं. उन्होंने बिल गेट्स के पॉडकास्ट पर AI को रेगुलेट करने के लिए एक अंतरराष्ट्रिय एजेंसी बनाने की बात कही है. आइए जानते हैं दोनों के बीच क्या चर्चा हुई है.

बिल गेट्स और सैम ऑल्टमैन बिल गेट्स और सैम ऑल्टमैन
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 1:03 PM IST

क्या AI दुनिया के लिए एक खतरा है? आपका इस बारे में क्या सोचना है. वैसे दुनिया के टॉप टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स में भी इसकी चर्चा है. तमाम कंपनियां AI पर काम कर रही हैं, लेकिन इसके गलत इस्तेमाल का डर हर किसी को सता रहा है. यहां तक की माइक्रोसॉफ्ट और OpenAI भी इससे अछूते नहीं हैं. 

हाल में Microsoft के को-फाउंडर बिल गेट्स और OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन ने एक पॉडकास्ट में इस पर चर्चा की है. उन्होंने वैश्विक मामलों में AI के संभावित असर पर विस्तार से चर्चा की है. 

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क्या है Altman का मानना?

ऑल्टमैन का मानना है कि जैसे न्यूक्लियर एनर्जी के इस्तेमाल को लेकर International Atomic Energy Agency (IAEA) का गठन हुआ है. उसी तरह से AI को लेकर भी एक अंतरराष्ट्रिय एजेंसी बननी चाहिए, जो समाज और अंतरराष्ट्रिय राजनीति पर AI के प्रभावों को संभाल सके. 

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बिल गेट्स ने भी AI को लेकर अपना विजन शेयर किया है. उन्होंने AI के पॉजिटिव पहलू पर फोकस किया है कि कैसे इसका इस्तेमाल दुनिया में शांति और एकजुटता के लिए किया जा सकता है. माइक्रोसॉफ्ट और OpenAI दोनों ही AI को रेगुलेट करने के प्रयास में लगे हुए हैं.

एजेंसी पर हो रही है चर्चा 

दोनों ही प्रमुख स्टेकहोल्डर्स, वॉइट हाउस, सांसद और दुनिया के बड़े नेताओं से इस पर चर्चा कर रहे हैं. इस पॉडकास्ट में उन्होंने पावरफुल AI सिस्टम को रेगुलेट किए जाने पर प्रकाश डाला है.

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ऑल्टमैन ने पॉडकास्ट में कहा, 'अगर हम सही हैं और ये टेक्नोलॉजी वहां तक पहुंचती है, जहां तक हम सोच रहे हैं तो इसका प्रभाव समाज, जियोपॉलिटिकल पावर को बैलेंस करने और कई दूसरी चीजों पर पड़ेगा.'

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उन्होंने कहा, 'इसके लिए एक ग्लोबल रेगुलेटरी बॉडी का आइडिया हम लेकर आए हैं, जो इन सभी सुपर पावरफुल सिस्टम पर नजर रखेगा क्योंकि इनका ग्लोबल प्रभाव है. ऐसे एक मॉडल की हम बात कर रहे हैं, जो IAEA जैसा होगा. न्यूक्लियर एनर्जी के लिए हम ऐसी एक एजेंसी के लिए तैयार हो चुके हैं.'

इस पॉडकास्ट में वैश्विक शांति और पोलराइजेशन को कम करने में AI के योगदान पर भी चर्चा हुई है. गेट्स को AI सिस्टम से काफी उम्मीद है. उन्हें लगता है कि ये कॉम्प्लेक्स ह्यूमन प्रॉब्लम को हल करने में मदद कर सकेंगे. ऑल्टमैन का भी ऐसा ही माना है. उन्होंने कहा कि ये टेक्नोलॉजी हमें आश्चर्य में डाल सकती है कि ये कितना कुछ करने में सक्षम है.

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