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क्या Mobile AI बदल देगा हमारे जीने का तरीका? Samsung की रिपोर्ट्स से हुआ बड़ा खुलासा

Samsung ने Mobile AI को लेकर एक रिसर्च किया है. इस रिसर्च में उन्होंने 5 देशों के लोगों को शामिल किया. इसके बाद उन्हें Mobile AI इस्तेमाल करने को कहा. इसके बाद उन लोगों के इस्तेमाल करने के पैटर्न को चेक किया और देखा कि वे कैसे इसका फायदा लेते हैं. Samsung के इस रिसर्च में बताया है कि Mobile AI की वजह से हमारी जिंदगी जीने का तरीका बदल सकता है. कई लोग इसका इस्तेमाल प्रोडक्टिविटी और कुछ लोग इस्तेमाल खुद को फिट रखने में करते हुए दिखाई दिए. आइए इसके बारे में डिटेल्स में जानते हैं.

Samsung का इवेंट है, जिसका नाम Salon d' AI है. यहां AI को लेकर चर्चा हुई. Samsung का इवेंट है, जिसका नाम Salon d' AI है. यहां AI को लेकर चर्चा हुई.
रोहित कुमार
  • नई दिल्ली ,
  • 15 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 6:16 PM IST

पूरी दुनिया में AI को लेकर काम हो रहा है. दुनिया में टेक जगत की दिग्गज कंपनियां इस दिशा में काम कर रही हैं.Google ने जहां Gemini को तैयार किया है, वहीं Apple ने Apple Intelligence और कोरियाई कंपनी Samsung ने Galaxy AI को तैयार किया है.  

Samsung ने AI को लेकर हाल ही में एक सर्वे किया, जिसमें उसने कई बड़े खुलासे किए हैं. उसने बताया है कि आने वाले दिनों में इंसान कैसे AI की मदद से अपने जीवन जीने का तरीका बदलेगा और यह हेल्थ को भी बेहतर करने का काम करेगा. 

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Samsung की रिसर्च में शामिल हुए 5 हजार लोग 

हाल ही में Samsung ने एक रिसर्च आयोजन का आयोजन किया, जिसमें पांच अलग-अलग देशों से 5 हजार लोगों को शामिल किया गया. यहां देखा गया कि लोगों की जिंदगी पर AI का क्या असर पड़ता है और वे इसे कैसे एडॉप्ट करते हैं.

Mobile AI से बेहतर होगा जीवन   

स्डटी से खुलासा हुआ कि Mobile AI यूज और जीवन को बेहतर करने के तरीके में काफी अच्छा संबंध मिलता है. इसकी मदद से यूजर्स अपनी जिंदगी को बेहतर कर सकते हैं. इसके साथ वे अपनी क्रिएटिविटी, प्रोडक्टिविटी और सोशल रिलेशनशिप को बेहतर कर सकते हैं. साथ ही भाषा के रूप में आने वाली रुकावट को भी दूर कर सकते हैं.  

सैमसंग इलेक्ट्रोनिक्स के एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट Won-Joon Choi

रिसर्च में इस्तेमाल को लेकर बड़े खुलासे 

रिसर्च में में बताया कि 52 पर्सेंट लोग चाहते हैं कि वे भविष्य में इस्तेमाल होने वाले कामों में इन्हें इस्तेमाल करेंगे. वहीं 16 पर्सेंट यूजर्स ऐसे हैं, जिन्होंने लगातार mobile AI का इस्तेमाल किया. 

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इसके अलावा 54 पर्सेंट लोगों ने AI का इस्तेमाल अपनी क्रिएटिविटी दिखाने में किया है. करीब आधे लोगों ने इसका इस्तेमाल इंफोर्मेशन लेने और नोट्स आदि बनाने में किया है. वहीं 56 पर्सेंट लोगों ने AI का इस्तेमाल ट्रांसलेशन में किया, ताकि वह भाषाई बाधाओं को पार किया. 

इंसान की जरूरतें पूरी करेगा Mobile AI 

Samsung का human-centric AI का उद्देश प्रैक्टिकल और अलग-अलग काम को पूरा करना है. इस पर सैमसंग इलेक्ट्रोनिक्स के एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट Won-Joon Choi ने काफी जोर दिया और इसे ह्यूमन सेंट्रिक बताया.  लंदन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉक्टर चेरिस ब्रोअर ने बताया कि Mobile AI का इस्तेमाल एजुकेशन सेक्टर में किया है. इसकी मदद से क्रिएटिविटी, प्रोडक्टिविटी, सोशल रिलेशनशिप और फिजिकल हेल्थ को बेहतर किया जा सकता है. 

ग्लोबल और रीजनल पर क्या-क्या असर पड़ेगा

सैमसंग के इस सर्वे को बड़े ही सुनियोजित तरीके से किया गया. इस सर्वे में फ्रांस, जर्मनी, कोरिया, UK और अमेरिका (US) से लोगों को शामिल किया गया. सर्वे में बताया कि Mobile AI का कैसे-कैसे किया है.  

  • क्रिएटिविटी: AI का यूज सबसे ज्यादा क्रिएटिव एक्टिविटी में किया है. सर्वे के मुताबिक, पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा अमेरिका में 66 पर्सेंट लोगों ने फ्रीक्वेंटली यूज किया. 
  • प्रोडक्टिविटी : फ्रांस में 73 पर्सेंट लोगों ने इसका लगातार इस्तेमाल किया और उन्हें लगा कि यह प्रोडक्टिव है. अन्य देशों की तुलना में यहां के लोगों को AI ज्यादा प्रोडक्टिव लगा. 
  • सोशल रिलेशनशिप : AI की मदद से कम्युनिकेशन बेरियर को तोड़ा जा सकता है. 58 पर्सेंट लोगों ने माना है कि इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल ट्रांसलेशन में किया. 
  • फिजिकल हेल्थ: 55 पर्सेंट यूजर्स ने AI का इस्तेमाल करके अपनी हेल्थ को मॉनिटर किया. साथ ही बीमारी के बारे में डिटेल्स में जाना और रेगुलर एक्सरसाइज को भी जारी रखा. 

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क्या आसानी से AI को अपना रहे लोग? 

इस रिसर्च से बड़ा ही खुलासा हुआ है. इस स्टडी में AI अपनाने वाले को दो कैटेगरी में बांटा गया है. इसमें पहला ग्रुप वो है, जो फ्रीक्वेंटली यूज कर रहा है, जबकि दूसरे रेयर यूजर का है. फ्रीक्वेंट यूजर्स 16 पर्सेंट रिस्पोंस करते हैं, जबकि रेयर की संख्या बहुत ही कम है. 

साउथ कोरिया में 76 पर्सेंट यूजर्स फ्रीक्ववेंटली AI का इस्तेमाल कर रहे हैं और इसको लेकर वे पॉजिटिव सोच रखते हैं. यहां AI को सबसे ज्यादा एडॉप्ट किया जा रहा है. ग्लोबल स्तर पर एडॉप्शन का रेट 52 पर्सेंट का है. कोरिया का यूजर्स जहां इसके फायदे उठा रहा है, उसके साथ वह इसके खतरों को भी चिह्नित कर रहा है. 

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