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जियो पॉलिटिक्स की लड़ाई में घिरे, मॉडरेटर पर फंसे... Telegram के अरबपति CEO Pavel Durov पर फ्रांस ने ऐसे कसी नकेल!

रूस में जन्मे Telegram के फाउंडर और CEO Pavel Durov ने टेलीग्राम की शुरुआत साल 2013 में अपने भाई के साथ की थी. इसके बाद उन्होंने रूस छोड़ दिया. वे कहते हैं कि वे निष्पक्ष प्लेटफॉर्म चाहते हैं. उनके पास अरबों रुपयों की संपत्ति है और उनका ऐप जल्द ही 1 बिलियन यूजरबेस के करीब पहुंचने जा रहा है. आइए जानते हैं कि उन्हें गिरफ्तार क्यों किया और वे जियो पॉलिटिक्स का मुहरा नहीं बनना चाहते हैं?

Telegram CEO Pavel Durov (फाइल फोटो) Telegram CEO Pavel Durov (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 25 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 6:54 PM IST

Telegram मैसेजिंग ऐप के फाउंडर और CEO पावेल ड्यूरोव ( Pavel Durov) को शनिवार शाम को गिरफ्तार कर लिया गया. यह गिरफ्तारी बॉर्गेट हवाई अड्डे पर की गई. ये जानकारी टीएफ1 टीवी और बीएफएम टीवी ने अनजान सोर्स के हवाले से दी. ड्यूरोव अपने प्राइवेट जेट में अजरबैजान के लिए यात्रा कर रहे थे. 

अब सवाल आता है कि उन्हें गिरफ्तार क्यों किया है? दरअसल, ये गिरफ्तारी एक पुलिस जांच के तहत की गई है, जो टेलीग्राम पर मॉडरेटर की कमी पर केंद्रित थी. पुलिस ने शुरुआती जांच में पाया कि मॉडरेटर की कमी ने मैसेजिंग ऐप पर आपराधिक गतिविधियों को बिना रोक टोक के चलने दिया. इस गिरफ्तारी के बाद कई तरह की अटकलें शुरू हो गई हैं. यहां हम आपको CEO पावेल ड्यूरोव और उनके ऐप को लेकर चल रही जियो पॉलिटिक्स की लड़ाई के बारे में बताने जा रहे हैं. 

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रूस में जन्मे पावेल ड्यूरोव

रूस में जन्में CEO पावेल ड्यूरोव ने टेलीग्राम की शुरुआत साल 2013 में अपने भाई के साथ की थी. रिपोर्ट के मुताबिक, इसके बाद रूस सरकार ने उनके VKontakte ऐप पर विरोधी पार्टियों की कम्युनिटी को बंद करने का फैसला दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार नहीं किया. इसके बाद उन्होंने साल 2014 में रूस को छोड़ दिया. 

आजाद रहने पर दिया जोर 

रॉयटर्स की रिपोर्ट में बताया है कि एक बार पावेल ड्यूरोव ने अमेरिकी जर्नलिस्ट Tucker Carlson से अप्रैल के दौरान कहा था कि मैं किसी के ऑर्डर लेने की बजाय स्वतंत्र रहना पसंद करूंगा. इसी वजह से उन्होंने रूस छोड़ा और अपनी कंपनी के लिए दूसरी जगह खोजने लगे. 

रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच Telegram जरूरी 

साल 2022 में रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच Telegram, सूचनाओं के एक मुख्य सोर्स के रूप में सामने आया, जहां दोनों तरफ से अनफिल्टर्ड इंफोर्मेशन को भेजा जा रहा है, जिसमें कुछ गलत जानकारी भी हैं. यह दोनों तरफ से भेजे जा रहे थे. इसके बाद कई विशेषज्ञों ने कहा कि यह एक वर्चुअल बैटेल फील्ड है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की और उनके अधिकारियों, साथ ही रूसी सरकार द्वारा इसका काफी उपयोग किया जाता है. रूसी सरकार भी इसका इस्तेमाल करती है और गलत जानकारियों का खंडन भी करते हैं.  

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रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा 

रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि पेरिस में उसका दूतावास ड्यूरोव को लेकर स्थिति को स्पष्ट कर रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि पश्चिमी गैर-सरकारी संगठनों से उनकी रिहाई की मांग रखेंगे. 

रूस ने किया था ब्लॉक 

रूस ने साल टेलीग्राम को साल 2018 से ब्लॉक करना शुरू कर दिया था क्योंकि ऐप की तरफ से कोर्ट का ऑर्डर मानने से इनकार कर दिया था. इस ऑर्डर में कोर्ट राज्य सुरक्षा के चलते कुछ एनक्रिप्टेड मैसेज तक पहुंचना चाहती थी. हालांकि अभी भी वहां कई इलाकों में इसे इस्तेमाल किया जाता है. 

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निष्पक्ष प्लेटफॉर्म 

पावेल ड्यूरोव के पास 15.5 बिलियन डॉलर की संपत्ति है, जिसे भारतीय करेंसी में कंवर्ट करते हैं, तो यह 12,99,11,62,25,000 रुपये बनती है. उन्होंने कहा कि कई सरकारी उनपर दबाव बनाना चाहती है, लेकिन वे इस ऐप को निष्पक्ष रखेंगे और इसे कभी भी जियो पॉलिटिक्स का मोहरा नहीं बनने देंगे. टेलीग्राम कई देशों में पॉपुलर हो रहा है, हालांकि कई देशों में उसे डेटा सिक्योरिटी वजह से घेरा भी जा रहा है.  

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1 बिलियन यूजर्स के करीब 

Telegram ऐप जल्द ही 1 बिलियन यूजर्स के टारगेट को छू लेगा. यह प्लेटफॉर्म फेसबुक, यूट्यूब, WhatsApp, Instaggram की तरह एक पॉपुलर ऐप है. यह ऐप भारत में भी मौजूद है. इसमें कई ऐसे फीचर्स हैं, जो दूसरे ऐप्स में नहीं मिलते हैं. 

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